बाजरा की उन्नत खेती कैसे करें: कम लागत में ज्यादा मुनाफा पाने की पूरी जानकारी

Bajra Ki Kheti: भारत में बाजरा (Millet) एक पारंपरिक और पोषक अनाज है, जिसे विशेष रूप से कम पानी वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसकी खेती से किसान अच्छी आमदनी भी कमा सकते हैं। बाजरा की मांग अब देश-विदेश में तेजी से बढ़ रही है, खासकर हेल्दी डाइट और ग्लूटन-फ्री भोजन की लोकप्रियता के कारण।

अगर आप भी बाजरा की उन्नत खेती करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए है। इसमें हम जानेंगे – बाजरा की उन्नत किस्में, बुवाई का सही समय, खेत की तैयारी, सिंचाई, खाद, कीट नियंत्रण और फसल बेचने के तरीके।

भारत में बाजरा की खेती की स्थिति

बाजरा मुख्य रूप से राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में उगाया जाता है।
भारत विश्व का सबसे बड़ा बाजरा उत्पादक देश है।

Bajra Ki Kheti के उन्नत फायदे

✅ कम पानी में भी अच्छी फसल
✅ सूखा सहन करने की क्षमता
✅ कम लागत, ज्यादा उत्पादन
✅ स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक – फाइबर, आयरन, प्रोटीन से भरपूर
✅ पशु चारे के रूप में भी उपयोगी

बाजरा की प्रमुख किस्में (Bajra Varieties)

किस्म का नाम उत्पादन क्षमता विशेषता
HHB 67 25-30 क्विंटल/हेक्टेयर सूखा सहनशील, जल्दी पकने वाली
ICTP 8203 30 क्विंटल/हेक्टेयर रोग प्रतिरोधक क्षमता
Raj 171 35 क्विंटल/हेक्टेयर उत्तरी भारत के लिए उपयुक्त
GHB 558 28 क्विंटल/हेक्टेयर महाराष्ट्र और गुजरात में लोकप्रिय

Bajra Ki kheti

Bajra Ki Khet की तैयारी

  • सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करें ताकि पुरानी जड़ें और खरपतवार नष्ट हो जाएं।
  • इसके बाद 2-3 बार हल्की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा करें।
  • खेत को समतल करें ताकि सिंचाई में पानी समान रूप से फैले।

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बुवाई का समय (Sowing Time)

क्षेत्र बुवाई का समय
उत्तरी भारत जून के आखिरी सप्ताह से जुलाई तक
दक्षिण भारत जून से अगस्त तक

बुवाई की विधि: कतार में बुवाई करें। कतार से कतार की दूरी 45 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेमी रखें।

बीज की मात्रा और उपचार

  • प्रति हेक्टेयर 4-5 किलो बीज पर्याप्त होते हैं।
  • बीजों को बुवाई से पहले थायरम या कार्बेन्डाजिम जैसे फफूंदनाशक से उपचारित करें।

खाद और उर्वरक (Fertilizer Management)

उर्वरक मात्रा (प्रति हेक्टेयर)
नाइट्रोजन (N) 60 किग्रा
फॉस्फोरस (P) 40 किग्रा
पोटाश (K) 20 किग्रा
  • आधी नाइट्रोजन और पूरी फॉस्फोरस व पोटाश बुवाई के समय दें।
  • शेष नाइट्रोजन 30-35 दिन बाद दें।

सिंचाई

  • आमतौर पर बाजरा को 2-3 सिंचाइयों की जरूरत होती है।
  • पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद करें।
  • दूसरी सिंचाई बालियां निकलते समय।

Note: ज्यादा पानी से बाजरा की फसल को नुकसान हो सकता है।

खरपतवार नियंत्रण (Weed Control)

  • बुवाई के 20-25 दिन बाद निंदाई-गुड़ाई जरूरी है।
  • अगर रसायन प्रयोग करना हो तो Atrazine 50% WP का छिड़काव करें – 500 ग्राम/हेक्टेयर की दर से।

कीट और रोग नियंत्रण

सामान्य कीट:

  • तना भेदक
  • जड़ की सूंडी
  • माहू (Aphids)

उपाय: नीम तेल या इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL का छिड़काव करें।

रोग:

  • पत्ता झुलसा
  • धब्बा रोग
  • मोल्ड या सड़न

उपाय: कापर ऑक्सीक्लोराइड या मैनकोज़ेब का छिड़काव करें।

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कटाई और उपज

  • बुवाई के 80-90 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है।
  • जब बालियां पीली और दाने कठोर हो जाएं, तभी कटाई करें।
  • औसतन 20-30 क्विंटल/हेक्टेयर तक उपज मिल सकती है।

Bajra Ki Kheti लागत और मुनाफा (Cost and Profit Analysis)

विवरण लागत (रु./हेक्टेयर)
बीज ₹800 – ₹1,000
खाद व उर्वरक ₹2,500
जुताई व बुवाई ₹2,000
सिंचाई ₹1,500
कीटनाशक ₹1,000
कुल लागत ₹8,000 – ₹9,000

बाजार मूल्य: ₹2,000 – ₹2,500 प्रति क्विंटल
20 क्विंटल उत्पादन पर मुनाफा: ₹40,000 – ₹50,000
नेट मुनाफा: ₹30,000 – ₹40,000 प्रति हेक्टेयर

बाजार और बिक्री (Where & How to Sell Bajra)

  • मंडियों में सीधा बेचें या व्यापारियों से संपर्क करें।
  • FPO (Farmer Producer Organizations) के ज़रिए अधिक दाम मिल सकते हैं।
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे DeHaat, AgriBazaar, KrishiJagran भी उपयोगी हैं।

सरकारी सहायता और योजनाएं

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निष्कर्ष – क्या बाजरा की खेती आपके लिए सही है?

Bajra Ki Kheti एक ऐसी फसल है जो कम लागत, कम पानी और कम जोखिम में भी अच्छे मुनाफे की संभावना देती है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां वर्षा कम होती है, वहां बाजरा एक आदर्श फसल है। अगर आप खेती में कुछ नया और लाभदायक करना चाहते हैं, तो बाजरा की उन्नत खेती जरूर अपनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

बाजरा की खेती के लिए कौन सी मिट्टी सबसे उपयुक्त है?

रेतीली दोमट मिट्टी जिसमें जल निकास अच्छा हो, बाजरा के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

बाजरा में सिंचाई कितनी बार करनी चाहिए?

2 से 3 बार सिंचाई पर्याप्त होती है – एक बुवाई के 25 दिन बाद और एक बालियां निकलते समय।

एक एकड़ में बाजरा की कितनी उपज मिल सकती है?

औसतन 8-12 क्विंटल प्रति एकड़ तक उपज संभव है, अगर सही तकनीक अपनाई जाए।

बाजरा की फसल तैयार होने में कितना समय लगता है?

लगभग 80-90 दिन में फसल कटाई योग्य हो जाती है

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