हेलो दोस्तों स्वागत है यदि आप भी केसर की खेती (Kesar ki kheti) करना चाहते हैं और उससे अच्छा लाख कमाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको केसर के खेती की पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है जैसे कि केसर की खेती (Kesar ki kheti) के लिए कैसे खेत होने चाहिए उसमें पानी की कितनी आवश्यकता होती है, उसमें खाद क्या पड़ते हैं आदि चीजों की जानकारी आपको होनी चाहिए यदि आप जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें क्योंकि हम इस पोस्ट में आपको केसर की खेती से रिलेटेड सारी जानकारी देंगे।
कैसे की खेती (Kesar ki kheti) के लिए जमीन या खेत
Table of Contents
केसर की खेती (Kesar ki kheti) के लिए खेत का मिट्टी बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार निभाता है केसर की खेती के लिए मिट्टी की उच्च धातु वाले मिट्टी जैसे लोहदेहि मिट्टी, लाल मिट्टी या लालबाबू जैसी मिट्टी में ही केसर की खेती (Kesar ki kheti) करनी चाहिए इसके केसर की खेती के लिए उपयुक्त जल की भी आवश्यकता होती है केसर की फसल के लिए शुष्क मौसम बहुत ज्यादा अच्छा होता है।
केसर की खेती (Kesar ki kheti) कहां की जा सकती है
जैसा कि आपको पता ही होगा कि केसर एक बहुत ही महंगा तत्व है केसर की खेती (Kesar ki kheti) उत्तर भारत के जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में की जाती है। इसके अलावा कुछ भाग जैसे राजस्थान, पंजाब में भी केसर की खेती लोग करते हैं ,यहां की खेती में खासकर विशेष मौसम और मिट्टी के तत्व का उपयोग होता है ।
केसर की खेती के लिए अच्छे बीज
केसर की खेती (Kesar ki kheti) के लिए अच्छे बीज का चयन करना बहुत जरूरी होता है एक उचित बीज से ही आप उसकी खेती शुरू कर सकते हैं और अच्छा पैदावार भी कर सकते हैं अच्छे बीज से आप फसल को संक्रमण से भी बचा सकते हैं ज्यादातर किसान भाई बीज किसान बीज विक्रेता से ही खरीदते हैं उन्हें अपने खेत के अनुसार अच्छे बीज खरीदने की आवश्यकता होती है जो उनकी फसल के लिए अधिकतम उत्पादन दे सके ।
केसर को कीट से बचने का उपाय
हर फसल की तरह केसर की फसल में भी कई प्रकार के किट लगते हैं इससे बचने के लिए कुछ उपाय करना की आवश्यकता होती है। प्रमुख कीटों में थ्रिप्स, जंगली मक्खी, सफेद मक्खी, मीठी मक्खी, पानी का कीट आदि किट होते हैं इसके बचाव के लिए आप फसल के प्रथम तीन से ही अच्छी देखभाल करनी चाहिए , इसके लिए उन्हें फसल में नियमित रूप से पानी देते रहना चाहिए इसके अलावा केसर की खेती में प्रयोग किए जाने वाले कीटनाशको की सही मात्रा का प्रयोग करना चाहिए
फसलों को कीटों से बचने के लिए किसान भाई को अपनी फसल को नियमित रूप से देखते रहना चाहिए, यदि किसान को किसी भी प्रकार के किट दिखाई दे तो उन्हें तुरंत फसलों पर से हटा देना चाहिए, इसके अलावा केसर की फसल को नियमित रूप से नियंत्रित करते रहना चाहिए ताकि कीटों का प्रभाव कम से कम हो सके।
केसर की फसल कितने दिन में तैयार होती है
केसर की फसल लगभग 200 से 240 दिनों में तैयार हो जाती है इसके फूलों में अधिकतम उत्पादन के लिए इसको अच्छे ढंग से उगाना चाहिए और उन्हें समय-समय पर अच्छे पोषण भी देने चाहिए।
केसर की खेती बाजरी भाव
केसर एक बहुत ही मूल्यवान मसाला है और इसकी मांग हमारे देश में बढ़ती जा रही है, इस कारण इसका मूल्य भी बाजार में काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है, बाजार में केसर का मूल्य 1 लाख से दो लाख रुपए प्रति किलो है, इसका भाव बाजार में इसकी गुणवत्ता के आधार पर निश्चित होता है।
केसर के लाभ- Kesar ki kheti Benifits
केसर की खेती (Kesar ki kheti) से आप कई तरह के लाभ प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि
- आपको पता ही होगा कि केसर एक बहुत ही मूल्यवान मसाला है और इसका उत्पादन करके आप अधिक आय कमा सकते है।
- केसर में विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व मावजुद होते है ,इसका प्रयोग करने से हमारा शरीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है ।
- केसर एक प्राकृतिक रंग उत्पादक है जो अगर व्यवस्थित रूप से खाया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए काफी अधिक अच्छा साबित होता है।
- केसर की फसल से प्राकृतिक उर्वरक भी प्राप्त किए जाते हैं जो अन्य फसलों के उत्पादन में सहयोगी होते हैं।
- केसर की खेती से कई लोगों को रोजगार मिलता है।
केसर का प्रयोग कहां किया जाता है
केसर का उपयोग हम खाने में भी करते हैं, यह खाने में जितना सवादिस्ट होता है साथ ही उतना ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है , और भोजन में खुशबूदार महक और रंग भी उत्पन्न करता है केसर को भी चाय, कैंडी और मिठाई जैसी वस्तुओं में उपयोग में लाते हैं इसके अलावा केसर को धातु रंग का उत्पादन करने के लिए भी किया जाता है ।
केसर का प्रयोग दवाइयां में भी होता है?
केसर की औषधि गुण के कारण इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा के रूप में भी प्रयोग किया जाता है यह त्वचा के समस्याओं को दूर करता है और केसर खांसी, जुकाम और ठंड के लिए काफी लाभकारी माना जाता है, इसके अलावा केसर दर्द को दूर करने के काम भी आता है और केसर पीरियड्स के दर्द में भी इस्तेमाल किया जाता है ।
केसर कितने प्रकार का होता है
केसर दो प्रकार होते हैं। लोहे के टकबंदी वाले केसर और बड़े साइज के टकबंदी वाले केसर।
लोहे के टकबंदी वाले केसर मुख्य रूप से शामिल होते हैं, लेकिन बड़े साइज के टकबंदी वाले केसर बाजार में काफी अधिक मूल्य पर मिलते हैं, और उनकी पैदावार कम होती है और उत्पादन में भी ज्यादा समय लगता है।
भारत में केसर के प्रमुख उत्पादन वाले राज्य
केसर के प्रमुख उत्पादन वाले राज्य जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात इन राज्यों में केसर की खेती (Kesar ki kheti) की जा सकती है क्योंकि यहां की मिट्टी उत्तम होती है।
केसर उगने का समय
केसर की खेती (Kesar ki kheti) के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी से नवंबर माह होता है, जबकि उसकी उन्नत विधि के लिए फरवरी में बीज बोए जाते हैं, और अगस्त से सितंबर महीने में मूल्यवान फूल उगने लगते हैं इसके पहले फूल होते हैं लेकिन इन फूलों का कोई मूल्य नहीं होता है इसलिए केसर के अच्छे विधि के लिए अगस्त – सितंबर माह में बीज को बो देना चाहिए।
आशा करता हु कि हमारी यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी यदि आपका कोई मित्र केसर कि खेती करना चाहता है तो उसे यह पोस्ट जरूर शेयर करें।
सामान्यतःपूछे जाने वाले प्रश्न
1 किलो केसर का दाम लगभग ₹300000 तक होता है।
एक बीघे में आप 5 से 6 किलो केसर की पैदावार कर सकते हैं।
केसर का पौधा आपको जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में ही मिलेगा।
सबसे अच्छा केसर कश्मीर में मिलता है ।
सबसे अच्छा केसर कश्मीरी केसर स्पेनिश की सर और अफ़गानिक केसर को माना जाता है