Khajur Ki Kheti / Date Palm Farming in India करने के लिए सरकार दे रही है 75% से भी अधिक सब्सिडी ,अभी करे आवेदन

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका upagriculture के नई पोस्ट खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) में आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) से सब्सिडी प्राप्त करने के बारे में बताएंगे यदि आप भी खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) से सब्सिडी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़े |

खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti )

Table of Contents

खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) ज्यादातर अफ्रीका में की जाती है | परंतु इस समय भारत में भी कई प्रदेशों में किसान खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) करके काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं पिछले साल से अब बाड़मेर जिले में लगभग 100 से भी ज्यादा किसानों ने खजूर की खेती करके करोड़ों की कमाई की बाड़मेर जिले के लगभग 2000 हेक्टेयर भूमि में खजूर की खेती की जाती है |

Khajur Ki Kheti

खजूर की खेती के लिए कितने प्रतिशत मिलेगी सब्सिडी ( What percentage of subsidy will be given for Khajur Ki Kheti )

सरकार की तरफ से फल और सब्जियों की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है इस कड़ी में खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) के लिए राजस्थान सरकार किसने को 78% तक सब्सिडी प्रदान कर रही है ड्राई फ्रूट होता है इसके लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है |

इस वर्ष उद्यान विभाग की तरफ से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) करने पर किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा कि इस योजना के तहत किसानों को टिश्यू कल्चर तकनीक (tissue culture techniques) एवं ऑफशूट तकनीक (offshoot technique) से उत्पादित किये गए खजूर पौधों के रोपण के लिए 75 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है |

अभी तक खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) करने के लिए 17 जिले का चयन किया गया है यदि किसान इस योजना के अंतर्गत अपने खेतों में खजूर का पद रोपण करते हैं तो सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और आपको याद भी बता दे की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना बाड़मेर, चूरू, जैसलमेर,  हनुमानगढ़, नौगार, , श्रीगंगानगर, जोधपुर, बीकानेर,जालौर आदि जिलों में बहुत तेजी से संचालित की जा रही है।

खजूर की खेती करके सब्सिडी प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तें ( Some conditions to get subsidy by cultivating date palms )

  • खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) से सब्सिडी प्राप्त करने के लिए बगीचे में ड्रिप सिंचाई सिस्टम स्थापित करना अनिवार्य है |
  • किसानों को टिशु कल्चर तकनीक से खजूर के पौधों का रोपण करने पर प्रति पौधा अधिकतम लागत ₹3000 या इकाई लागत का 75% जो भी काम हो अनुदान मिल जाएगा |
  • खजूर का पौध रोपण ऑफसूट तकनीक से उत्पादित करना होगा |
  • यदि किसान खजूर ऑफसूट तकनीक से उत्पादित खजूर के पौधे को खरीद कर पौधरोपण करता है तो उसे मात्र पौधे के अलगाव के तुरंत बाद आप सूट खजूर के प्रति पौधे के खरीद मूल्य ₹1100 का 75% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी |
  • प्लास्टिक थैली सहित खजूर के पौधे के खरीद पर ₹1500 का 75% सब्सिडी प्रदान किया जाएगा |

किन-किन किस्मों पर मिलेगी सब्सिडी ( Which varieties will get subsidy? )

किसानों को खजूर का पौधा ओपन करने के लिए प्रति हेक्टेयर उन्नत किस्म के 150 मादा पौधे के साथ 10 नर पौधों की जरूरत होगी खजूर की मादा किस्मों में हलावी, सगई बरही, खूनेजी, खलास, खदरावी जैसी विभिन्न प्रकार की उन्नत किस्में शामिल हैं। वहीं नर किस्मों में अल-इन सिटी व घनामी किस्म पर ही सब्सिडी प्रदान किया जाएगा |

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खजूर की मादा उन्नत किस्म के पौधे और उनकी कीमत ( Date palm female plants and their price)

  • मेडजूल किस्म के एक पौधे की कीमत 3433 रुपया है |
  • खुनैजी किस्म के एक पौधे की कीमत 2183 रुपए है |
  • बरही किस्म के एक पौधे की कीमत 2233 रुपए होता है |
  • और खलास किस्म के एक पौधे की कीमत 2223 रुपया होता है |

खजूर के नर पौधे की किस्म और उनकी कीमत ( Varieties of male date plants and their price )

अलइल सिटी किस्म के एक पौधे की कीमत 2433 होता है जबकि घनामी किस्म के एक पौधे की कीमत 2933 होता है
उपरोक्त पंक्ति में प्रस्तुत किए गए पौधों की कीमत अनुमानित है अलग-अलग नर्सरी संस्थान में इसकी कीमत अलग-अलग हो सकती है |

खजूर की खेती में सब्सिडी आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज ( Documents required to apply for subsidy in date palm cultivation )

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा |

  • सब्सिडी वाला प्राप्त करने के लिए आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड जनआधार कार्ड भामाशाह कार्ड |
  • खेत की जमाबंदी नक्शा ट्रेस
  • आवेदन करने वाले किसान की फोटो
  • मिट्टी और पानी की जांच रिपोर्ट
  • स्थाई सिंचाई स्त्रोत का प्रमाण पत्र
  • और ड्रिप इरिगेशन सिस्टम की स्थापना का प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता विवरण के लिए बैंक पासबुक की फोटो कॉपी
  • शपथ पत्र

खजूर की खेती के लिए कहां से प्राप्त करें पौधे(Where to get plants for date palm cultivation )

खजूर की खेती ( Khajur Ki Kheti ) करने के लिए आवेदन करने पर किस का चयन हो जाता है तो किसान राजकीय फॉर्म भोजका जैसलमेर सगरा मेकेनाइज्ड खारा, बीकानेर कृषि फार्म, और अन्य राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों से इसके पौधे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। और इसके अलावा ऐसे किसान जिन्होंने पहले भी खजूर की खेती ( Date Palm Farming in India )की होगी और गुणवत्ता युक्त ऑफशूट उपलब्ध कराने में समक्ष है, उनसे भी आप ऑफशूट खजूर के पौधे प्राप्त कर सकते हैं।

खजूर की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण बातें(Important things related to date palm cultivation )

  • खजूर फसल( Khajur Fasal ) के पौधों की रोपाई जुलाई से सितंबर महीने तक की जा सकती है |
  • खजूर के पौधों को किसी भी प्रकार की मिट्टी में लगा सकते हैं |
  • 1 हेक्टेयर खेत में 156 मादा पौधे और 8 नर पौधे लगाए जाना आवश्यक होता है |
  • खजूर की खेती करने के लिए राजस्थान की मिट्टी उपयुक्त होती है |
  • खजूर की खेती में पौधों का रोपण करते समय पौधों से पौधों के बीच की दूरी 8 मी जब की कतार से कतार के बीच की दूरी 8 मीटर होनी चाहिए जिससे पौधों को विकास करने के लिए पर्याप्त स्थान मिल जाए |
  • खजूर के पौधों में लगने वाले मीठे फल को चीटियो पक्षियों और गिलहरियों से बचने के लिए इसे ढक कर रखना होगा |
  • खजूर के पौधों को लगातार पानी की आवश्यकता होती है जिसके लिए आपको ड्रिप सिंचाई सिस्टम का उपयोग करना चाहिए जिससे पानी केवल इन जड़ों में ही जायेगा क्योंकि इसके तने और फल लगने वाले हिस्से को गर्मी की जरूरत होती है |
  • खजूर की खेती से संबंधित और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपने जिले के उद्यानिकी विभाग से संपर्क करें |

 

 

 

 

 

 

 

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