kiwi ki kheti / kiwi farming in india कीवी की खेती से करे बंपर कमाई

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका upagriculture के नई पोस्ट कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) में आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) के बारे में बताएंगे यदि आप भी कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) करना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़े |

कीवी की खेती ( kiwi ki kheti )

Table of Contents

भारत में कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) स्वास्थ्यवर्धक फल के रूप में की जाती है जो व्यापारिक दृष्टि से बहुत अधिक महत्वपूर्ण संबंध रखती है बाजारों में कीवी फल की अच्छी कीमत मिलने के कारण किसान भाई कीवी की खेती ( kiwi ki kheti )करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं कीवी फल अपने स्वास्थ्यवर्धक गुण नाम से भी जाना जाता है कीवी फल एक प्रकार का विदेशी फल होता है |

जिसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी , विटामिन ई , फाइबर , पोटैशियम , कॉपर , सोडियम और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है कीवी का सेवन करने से हमारा इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत रहने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की बीमारियां से भी छुटकारा मिलता है |

kiwi ki kheti

ज्यादातर कीवी के फल ( kiwi fruit )को लोग डेंगू के इलाज में काफी अधिक लाभदायक मानते हैं कीवी फल में उपस्थित गुणों के कारण से दुनिया भर में बहुत ज्यादा मांग है कीवी की बढ़ती मांग के कारण ही भारत में इसके बागवानी का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है और किसान भाई भी कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं और किसान भाई कीवी की खेती करके काफी अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं |

भारत में कीवी फल की खेती करने वाले प्रमुख राज्य ( Major states cultivating kiwi fruit in India )

कीवी फल की खेती कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) का विकास चीन में हुआ था इसलिए कीवी फल को चाइनीस गूजबैरि भी कहा जाता है भारत में कीवी फल की खेती करने वाले प्रमुख राज्य जैसे हिमाचल प्रदेश के राल नागालैंड जम्मू कश्मीर सिक्किम अरुणाचल प्रदेश उत्तराखंड और मेघालय है |

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कीवी की खेती के लिए उन्नत किस्म ( Improved variety for kiwi ki kheti )

कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) करने के लिए विभिन्न प्रकार की उन्नत किस्म उपलब्ध है जो की निम्नलिखित है हेवर्ड, एलीसन, टुमयूरी, एबॉट, मोंटी, ब्रूनो नाम की प्रजातियों की खेती की जाती है, लेकिन भारत में सबसे अधिक मांग कीवी की हेवर्ड किस्म की होती हैं इसलिए भारत में हेवर्ड किस्म का उत्पादन अधिक मात्रा में किया जाता है |

कीवी फल खाने के फायदे ( kiwi fruit benefits )

kiwi ki kheti

लगातार कीवी फल का सेवन करने से कई प्रकार के फायदे होते हैं जो की निम्नलिखित होते है |

  • कीवी फल के सेवन करने से विटामिन सी की मात्रा भरपूर मात्रा में प्राप्त होती रहती है क्योंकि कीवी फल में संतरे से 5 गुना अधिक विटामिन सी की मात्रा उपलब्ध होती है |
  • कीवी फल में विभिन्न प्रकार के विटामिन जैसे विटामिन सी विटामिन ए फाइबर पोटेशियम कॉपर सोडियम और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा उपलब्ध होती है |
  • कीवी फल का सेवन करने से कीवी फल में उपस्थित विटामिन सी हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाए रखना है जो हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है |

    कीवी फल का सेवन करने से डेंगू जैसे बुखार को भी नियंत्रित किया जा सकता है |
  • कीवी फल के सेवन से आपका सौंदर्य भी निकलता है इसके सेवन से त्वचा की चमक और निखार हमेशा बढ़ती रहती है और मुंहासे से छुटकारा मिलता है |
  • कीवी फल को खाने से आपके बाल भी स्वस्थ बने रहते हैं और झड़ते नहीं है बालों की चमक भी बढ़ती रहती हैं |

कीवी की खेती के लिए ऊपर का जलवायु ( Above climate for kiwi cultivation) 

कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) करने के लिए सामान्य तापमान की आवश्यकता होती है यदि आप इसकी खेती ज्यादा तापमान वाले क्षेत्रों में करते हैं तो यह संभव नहीं है की भी फल की खेती ज्यादातर ठंड के मौसम में करना उचित होता है इस क्षेत्र में इस फल का उत्पादन अच्छी मात्रा में प्राप्त किया जा सकता है जहां पर जलवायु ठंड हो 30 डिग्री से कम का तापमान में कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) के लिए प्रयुक्त होता है देश के पहाड़ी इलाके और ठंडी जलवायु वाले राज्य में ही किसान है  कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) कर सकते हैं |

कीवी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी ( Suitable soil for kiwi cultivation in India )

कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) गहरी दोमट मिट्टी वाली हल्की अम्लीय मिट्टी में करना सबसे अधिक उपयुक्त होता है कीवी के पौधों का रोपण करने से पहले मिट्टी का पीएच मान आवश्यक जांच करें क्योंकि कीवी की खेती 5 से 6 पीएच मान वाले मिट्टी में कर सकते हैं कीवी के पेड़ को कलम लगाने के लिए  सड़ी हुई गोबर की खाद , मिट्टी , लकड़ी का बुरादा और कोयले का चूड़ा 2:1:1 के अनुपात में मिलना अत्यधिक उचित रहता है |

कीवी की खेती के लिए पौधों को तैयार कैसे करें (How to prepare plants for kiwi cultivation)

कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) के लिए पौधों को निम्नलिखित तीन विधि द्वारा तैयार किया जाता है |

1.बडिंग विधि
2.ग्राफ्टिंग विधि
3.लेयरिंग की
बडिंग विधि

बुडिंग विधि द्वारा कीवी के पौधे को तैयार करना सबसे ज्यादा उचित होता है इस विधि में कवि के फल से बीजों को निकालना और उन्हें अच्छे तरीके से साफ करके धूप में सुख ले सूखने के साथ 8 दिन बाद बीज़ की बुवाई करें नर्सरी को तैयार करते समय यह अवश्य ध्यान रखें की बुवाई के बाद एक सप्ताह के लिए इन बीजों पर सीधी धूप न पड़े इसलिए इसे किसी छायादार स्थान पर ही रखें इसके बाद क्यारी पर इसके पौधे लगा दे और जुलाई महीने तक पौधों पर छाया बनी रहने दे जब पौधे में 5 से 6 पत्ते आ जाए तो रोपाई का काम करें इसकी नर्सरी को लगाने का समय मई और जून का महीना होता है |

ग्राफ्टिंग विधि

ग्राफ्टिंग विधि में कलाम विधि के द्वारा कीवी के पौधे को तैयार करने के लिए लगभग 1 साल पुरानी शाखा को काट लेना चाहिए 2 से 3 कलियां वाली टहनी एक काटनी चाहिए काटे गए कलाम की शाखों की लंबाई लगभग 18 से 20 सेंटीमीटर के मध्य होना चाहिए और याद रहे की कलम को लगाने के बाद हिलाना नहीं चाहिए और ना ही इस पर सीधी तेज धूप लगे यदि आप कलम विधि का प्रयोग करके कीवी के पौधे को तैयार करते हैं तो इसको तैयार करने का सबसे उपयुक्त समय जनवरी का महीना होता है कलम विधि द्वारा तैयार हुए पौधों का 1 साल बाद रोपाई किया जाता है |

लेयरिंग विधि

लेयरिंग विधि में कीवी के पौधे को 1 साल पुराने शाखा का चुनाव कर उसकी एक इंच छाल चारों तरफ से हटा दें हटाने के पश्चात चारों तरफ से मिट्टी बांध दें जिससे उसमें हवा पास ना हो इसके बाद लगभग 1 महीने के भीतर इसे नशे निकलने लगेंगे इसके बाद इन शाखों को मुख्य पौधे से कटकर दूसरी जगह पर लगा देना चाहिए मुख्य पौधों से हटाते समय या ध्यान रहेगी शाखा चिरूनी नहीं चाहिए और जहां मिट्टी बांधी थी उसके ठीक नीचे से ही काटे |

कीवी फल की सिंचाई ( irrigation of kiwi fruit )

कीवी के पौधों को लगाने के तुरंत बाद ही सिंचाई कर दें और घर में के मौसम में चार से पांच दिन के अंतराल में सिंचाई करते रहें गर्मी के समय में सिंचाई न करने पर उनके फलों की गुणवत्ता पर कभी प्रभाव पड़ सकता है इस प्रकार या ड्रिप सिंचाई के माध्यम से आप इन्हें लगातार पानी देते रहे |

कीवी के फलों की तुड़ाई और पैदावार ( Kiwi Fruit Harvesting and Yield )

शुरुआत में कवि के फलों की तुड़ाई दो से तीन वर्षों तक फलों का उत्पादन नहीं देते हैं 5 वर्ष के बाद कीवी  के पौधों में फल आना प्रारंभ हो जाता है और 8 वर्ष के बाद पेड़ों में फल लगना शुरू हो जाता है और किसानों को अच्छी मात्रा में मुनाफा होने लगता है सेहत के प्रति लोगों की बढ़ती हुई जागरूकता के कारण ही इन फलों की मांग काफी अधिक हो गई है और यदि इन फलों की पैदावार की बात करें तो एक पेड़ में लगभग 60 से 70 किलो कीवी के फलों का उत्पादन प्राप्त होता है कीवी के फलों की पढ़ाई अक्टूबर नवंबर महीने में की जाती है |

कीवी फल की खेती से कमाई ( Earning from Kiwi fruit cultivation )

कीवी की खेती ( kiwi ki kheti ) करके किस अच्छी कमाई कर सकते हैं भारतीय बाजार में कीवी किलो के हिसाब से ना बिकके नग के हिसाब से बिकता  है यदि किसान भाई एक हेक्टेयर खेत में कीवी की खेती करते हैं तो 15 से 16 लाख तक की कमाई कर सकते हैं |

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न

कीवी का पेड़ कितने दिनों में फल देने योग्य हो जाता है ?

कीवी का फल 10 वर्ष के बाद फलों का उत्पादन देना प्रारंभ कर देता है एक पेड़ से लगभग 50 से 60 किलो कवि के फल का उत्पादन प्राप्त होता है फलों की तुड़ाई अक्टूबर से नवंबर के महीने में फल पकाने के बाद कर लेनी चाहिए |

भारत में सबसे अधिक मात्रा में कीवी की खेती कहां होती है ?

भारत के सिक्किम राज्य में सबसे अधिक मात्रा में कीवी का उत्पादन होता है |

कीवी फल का सेवन कौन-कौन सी बीमारी मे किया जाता है ?

कीवी में एक प्रकार का डाइटरी फाइबर होता है जो हमारे पाचन स्वास्थ के साथ-साथ हृदय स्वास्थ के लिए भी बहुत अधिक लाभदायक होता है यह कीवी का नियमित रूप से सेवन करने से कोरोनरी हृदय रोग ब्लड प्रेशर शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल के रेगुलेशन को बनाए रखने के लिए किया जाता है |

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