मूंगफली की खेती से जमीन की उर्वराशक्ति बढ़ती है व किसानों की आमदनी दोगुना हो जाती है।
मूंगफली की अच्छी पैदावार के लिए कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस तापमान होना आवश्यक है।
यूं तो इसकी खेती वर्ष भर की जा सकती है लेकिन खरीफ सीजन की बात की जाए तो जून माह के दूसरे पखवाड़े तक इसकी बुवाई की जानी चाहिए।
मूंगफली बोने के लिए खेत की तीन से चार बार जुताई करनी चाहिए। इसके लिए मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई सही होती है।
खेती की आखिरी तैयारी करने के समय 2.5 क्विंटल की प्रति हेक्टेयर की दर से जिप्सप का प्रयोग करें।
बीज बोने से पहले 3 ग्राम थायरम या 2 ग्राम मैकोजेब दवा प्रति किलो बीज के हिसाब से लेना चाहिए। इस दवाई से बीज में लगने वाले रोगों से बचाया जा सकता है और इसके अंकुरण भी अच्छा होता है।
मूंगफली की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई गुराई करे।
जब पत्तियां पूरी तरह से पक जाएं और वे अपने आप गिरने लगें एवं फली सख्त हो एवं दाने का अंदरूनी रंग गहरा हो तो कटाई शुरू कर दें।