नमस्कार दोस्तों !! आज हम इस आर्टिकल/ लेख में बात करने वाले है की उत्तर प्रदेश में black rice ki kheti kaise kare अभी तक आप लोगो ने सिर्फ सफेद चावल की खेती ही की है या होते हुए देखीं है। सफ़ेद चावल की खेती भारत में लगभग 10 हजार साल पहले से हो रही है। लेकिन ऐसा नहीं है की Black Rice की खेती हमारे यहाँ नहीं होती थी।
काला चावल (Black Rice) का भी भारत के साथ इतिहास बहुत पुराना है आज इस आर्टिकल के माध्यम से आपको जानकारी देने वाले है, काला चावल की खेती का इतिहास क्या है ? किस प्रकार की जलवायु में होता है? तथा जुताई और खाद के बारे में भी आपको सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है।
Black Rice Ki Kheti Kaise Kare- काला चावल का इतिहास क्या है ?
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अगर सफ़ेद चावल की खेती की शुरुवात 10 हजार साल पहले हुआ तो उत्तर प्रदेश में प्रचलित काला चावल को 3 हजार साल से उपयोग किया जा रहा है।
- उत्तर प्रदेश के कुछ शहर जैसे गोंडा ,सिद्धार्थ नगर, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, संत कबीर नगर, श्रावस्ती, महराजगंज (उत्तर प्रदेश) में ही काला चावल की खेती की जाती है।
- 2013 में सिद्धार्थ नगर और इसके आस-पास के जिले को काला चावल को GI टैग मिला है।
- इसका GI पंजीकरण नंबर 192 है।
- Black Rice का सबसे बड़ा उत्पादक देश चीन है।
उत्तर प्रदेश लगभग पूरे भारत का 13.5 प्रतिशत चावल (धान) का उत्पादन करता है। लगभग 6 मिलियन हेक्टेअर में धान की खेती होती है। जिसमे से 1 प्रतिशत से भी कम Black Rice की खेती की जाती है और लगभग 99 प्रतिशत सफ़ेद चावल की खेती की जाती है।

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कैसे करें उत्तर प्रदेश में Black Rice की खेती ?
Black Rice की खेती करने के लिए किसान भाइयों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होता है जैसे की खेती के लिए जलवायु क्या होती चाहिए, पानी कितना डालना है, खाद की मात्रा क्या होगी? तथा अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर हम चर्चा करने वाले है। लेकिन इससे पहले हम इस पर बात करते है की कालनामक चावल को खाने से हमारे शरीर को क्या-क्या मिलता है। आपको बता दें की इस चावल के उपयोग से हमारे शरीर को आयरन, जिंक, प्रोटीन एवं एंटीऑक्सीडेंट मिलता है। जो की हमारे शरीर के लिए बाहत आवश्यक होता है।
1. Black Rice (काला चावल) के लिए जलवायु कैसी चाहिए ?
black rice ki kheti की खेती के लिए गर्म और आद्रा जलवायु बहुत ही सही मानी जाती है। इसके लिए तापमान औसत रूप से 20-35 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। इसके लिए बुवाई का सही समय मानसून जून – जुलाई के बीच होता है। अच्छी फसल के लिए 2-5 सेंटीमीटर का जलभराव बनाये रखना आवश्यक है।
महत्वपूर्ण बातें :- अब आप अपने आप से ये पूछिए की क्या जलवायु परिवर्तन कोई मामूली चीज है। जो लोग जलवायु परिवर्तन को हल्के में ले रहे है आप ये बताइये की क्या आपके पास अभी आपके पास गर्म + आद्रा जलवायु है या सिर्फ गर्म ही जलवायु शेष बची है। और अगर बात करें तापमान की तो क्या अभी आपके पास 20-35 का तापमान है या फिर ये 40-45 के बीच पहुंच चुका है। तो बताइये अगर तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो अगले 5 साल में आपके देश का और प्रदेश का तापमान कितना होगा ? सोचिये ?, और क्या हमारे पास कुछ खाने को बचेगा क्योंकि सभी फसलें तो तापमान पर आधारित है। सोचियेगा जरूर !
2. कीटनाशक एवं खाद
कीटनाशक एवं खाद के रूप में सबसे पहले तो हमको जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए जैसे की गोबर की खाद , नीम की छाल आदि। अगर रसायनिक खाद की बात करुँ तो नाइट्रोजन (लगभग 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेअर), फास्फोरस (लगभग 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेअर), और पोटाश (लगभग 40 किलो प्रति हेक्टेअर) का छिड़काव करना होगा। अगर आप उत्तर प्रदेश के ड्रोन सुविधा का उपयोग करते है तो आपकी फसल के लिए सही रहेगा।
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कीमत और मार्केट/ बाजार
अर्थशास्त्र के अनुसार अगर देखा जाए तो अर्थशास्त्र का सूत्र यही कहता है की किसी वस्तु की कीमत उस वस्तु के उत्पाद और उपयोगिता पर निर्भर करता है की उस पस्तु की कीमत क्या होगी ? उस आधार पर और बाजार को देखते हुए बात की जाए तो Black Rice (काला चावल) की कीमत लगभग 250-500 रुपये प्रति किलो है। और अगर इस आधार पर देखा जाए तो लगभग 40,000 रुपये प्रति एकड़ लगत लगती है और लाभ लगभग २ लाख रुपये प्रति एकड़ होता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में Black Rice की कीमत 500-700 रुपये प्रति किलो है।
तापमान में वृद्धि होने पर ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें
Black Rice की खेती करने के लिए मुख्यतः 20-35 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। लेकिन जलवायु परिवर्तन को देखते हुए जो तापमान में वृद्धि हो रही है उस तापमान में काले चावल की खेती करना तो मुश्किल हो जाएगा लेकिन उसके लिए हम निम्न बातों पर अगर ध्यान देते है तो शायद फसल अच्छी हो जाए। इसके लिए हम शेड नेट का प्रयोग कर सकते है जिस कारण लगभग 3-5 डिग्री सेल्सियस कम कर सकते है। काला चावल की फसल के साथ आप कुछ लम्बे पौधे वाले फसल की बुवाई करके तापमान में कुछ कमी कर सकते है और जिससे ब्लैक राइस की फसल को अनुकूलानुसार तापमान मिल जाएगा और आपकी फसल अच्छी हो जायेगी।
निष्कर्ष :-
Black Rice के उत्पादन के लिए जो तरीके और तथ्यों को इस आर्टिकल/लेख में बताया गया है, यदि आप इन तथ्यों और तरीको प्रयोग करते है तो उत्तर प्रदेश में आप ख़ास करके बताये गए कुछ महत्वपूर्ण जिलों/प्रांतो में आप Black Rice का अच्छा उत्पादन कर सकते है। हमारे उत्तर प्रदेश में Black Rice के उत्पादन को बढ़ावा देना हमारा मुख्य लक्ष्य है। लेकिन साथ-साथ हमें जलवायु परिवर्तन पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि इसके कारण से ना ही हम ब्लैक राइस का उत्पादन कर सकते है ना ही किसी अन्य फसल का उत्पादन कर सकते है। हमें जलवायु परिवर्तन को लेकर सवदान होने की जरुरत है।