Strawberry ki kheti – आज के समय में हमारे देश की किसान भाइयों की हालत आर्थिक मामले में बहुत ही ख़राब है, इसलिए हर किसान चाहता है की वह ऐसी खेती करे जिससे उसकी आमदनी बढ़े | हमारे देश के बहुत से किसान भाई अभी भी पारम्परिक खेती पर ही निर्भर हैं जिसके कारण उन्हें अपनी खेती में बहुत सी मुश्किलों के साथ बेरोजगारी का भी सामना करना पड़ता है | यहीं आज के कुछ युवा ऐसे भी हैं जो कि फिर से खेती कि ओर अपनी रुचि बढ़ा रहे हैं | आज हम आपको इस लेख के माध्यम से स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में बताने वाले हैं | स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) कर के महज 3 से 4 महीनों में ही लाखों रुपये कि आमदनी कमा सकते हैं |
जी हाँ किसान भाइयों स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) कर के आप लाखों की आमदनी कमा सकते हैं और इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए हमारे राज्य और केंद्र सरकार भी लोगों को प्रोत्साहित कर रहीं हैं यहाँ तक कि हमारे भारतीय क्रिकेट टीम में कप्तान रह चुके और मसहूर खिलाडी महेंद्र सिंह धोनी भी स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) कर रहे और अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं |
तो दोस्तों आज हम इस ब्लॉग में स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी और इसकी खेती में लगने वाले लागत और मुनाफे के बारे में विस्तार से जानेंगे और साथ ही आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने वाले हैं कि स्ट्रॉबेरी खाने के फायदे | तो समपूर्ण जानकारी के लिए लेख को पूरा पढ़ें |
स्ट्रॉबेरी क्या है ? What is Strawberry?
Table of Contents
Strawberry ki kheti- स्ट्रॉबेरी एक स्वादिष्ट फल है | इसका वैज्ञानिक नाम फ्रैगरिया अननस्स है | यह लाल रंग का होता है | इसके छिलके पर छोटे छोटे बीज पाए जाते हैं | यह फल स्वादिष्ट होने के साथ में ही इसमें बहुत से औषधीय गुण भी पाए जाते हैं | इसी कारण यह विदेशों में बहुत ज्यादा विख्यात है | इसका उपयोग हमारे घरों में खाने के लिए हो ही रहा है साथ ही कारखानों में इसके इस्तेमाल से विभिन्न प्रकार के खाद्य सामग्रियों को तैयार किया जा रहा है जैसे – जैम, जैली, आइसक्रीम, आदि |
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स्ट्रोबेरी खाने के फायदे
स्ट्रॉबेरी एक ऐसा फल है जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है | स्ट्रॉबेरी में विटामिन C काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो की आपकी बालों और त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है | इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुड और पानी फिनोल कंपाउंड होते हैं, जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होते हैं | स्ट्रॉबेरी खाने से होने वाले फायदे निम्नलिखित हैं
- स्ट्रॉबेरी में लो कैलोरी होती है, जो कि आपका वजन को कम करने में सहायता करती है |
- स्ट्रॉबेरी के सेवन से कैंसर से बचने में सहायता मिल सकती है |
- स्ट्रॉबेरी के सेवन से हृदय संबंधी समस्याएं होने का खतरा कम होता है |
- स्ट्रॉबेरी खाने से आपके दांत को मजबूती मिलती है साथ ही दांत चमकीले बनते हैं |
- स्ट्रॉबेरी में अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम होता है जो कि आपकी हड्डियों को मजबूत बनाता है |
- स्ट्रॉबेरी में अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड मौजूद होता है जो कि आपकी सूजी हुई आंखों के इलाज में सहायता करता है |
- स्ट्रॉबेरी में काफी अच्छी मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है जो कि आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में सहायता करता है |
- स्ट्रॉबेरी में फ्लेवोनॉयड्स मौजूद होते हैं जो कि आपकी याददाश्त को मजबूत करते हैं |
- स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लेमेटरी पाए जाते हैं जो कि आपके मस्तिष्क का को तनाव रहित बनाने में मदद करते हैं |
- स्ट्रॉबेरी में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है जो कि आपके शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में सहायता करता है |
- स्ट्रॉबेरी में पाए जाने वाला फ्लेवोनॉयड्स की मात्रा आपका आहार में बढ़ने से मोतियाबिंद को रोकने में सहायता करता है |
- स्ट्रॉबेरी में मौजूद पेक्टिन आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है |
- स्ट्रॉबेरी मौजूद विटामिन सी आपके बालों को झड़ने से रोकने में सहायता प्रदान करता है |
स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे करें (Strawberry ki Kheti Kaise Karen)
Strawberry ki kheti kaise karen- स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए आप किसी भी उपजाऊ मृदा का उपयोग कर सकते हैं | परंतु स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming in Hindi) में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए बलुई दोमट मृदा का उपयोग करना उचित माना जाता है | ध्यान रहे कि आप जिस भूमि का उपयोग कर रहे हैं उसका ph मान 5.5 से 6.5 के बीच रहना चाहिए | स्ट्रॉबेरी एक ऐसा पौधा है जो ठंडी जलवायु के लिए संवेदनशील रहता है | इसकी खेती के लिए सबसे अच्छा तापमान 20 से 25 डिग्री होता है \ इससे अधिक तापमान पर पौधा उचित विकास नहीं कर पता है |
स्ट्रॉबेरी की खेती(Strawberry ki kheti) के लिए प्रमुख किस्में
स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti)भारत के हर क्षेत्रों में करने के लिए अलग अलग किस्मों को तैयार किया गया है | स्ट्रॉबेरी के कुछ प्रमुख किस्में निम्नलिखित हैं –
- चांडलर
- स्वीट चार्ली
- एलिस्ता
- ओफ्रा
- कमारोसा
- फेयर फाक्स
- ब्लैक मोर
- सिसकेफ़
- विंटर डाउन
- विंटर स्टार
स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) के लिए खेत की तैयारी
Strawberry ki kheti- स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए आपको किसी भी उपजाऊ मिट्टी का चयन करना होगा | फिर उसे मिट्टी को अच्छे से जुताई करके भुरभुरी बना लेना जरूरी होता है | खेत की पहली जुताई करने के बाद खेत में लगभग 75 टन प्रति एकड़ दर सड़ी हुई गोबर की कंपोस्ट खाद खेत में डाल देनी चाहिए | उसके बाद खेत को अच्छी तरह से जोत करके मिट्टी में गोबर की कम्पोस्ट खाद को अच्छी तरह से मिला दिया जाता है | जुताई करने के पश्चात खेत में पानी छोड़ दिया जाता है | जब खेत में पानी अच्छी तरह से सुख जाए तो इसकी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना ली जाती है | पानी छोड़ने से खेत में नमी बनी रहती है |
जब खेत की अंतिम जुताई हो उसके पहले खेत में 60 kg पोटाश और 100 kg फास्फोरस को प्रति एकड़ के हिसाब से डाल देना चाहिए | इसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर देना होता है और सिंचाई होने के दौरान ही खेत में घुलनशील उर्वरक को देना होता है |
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बेड बनाने की तैयारी
स्ट्रॉबेरी के पौधे को लगाने के लिए खेत में बेड को बनाना जरूरी होता है इसके लिए आपको पावर टिलर या फिर फावड़ा का इस्तेमाल कर सकते हैं | बेड बनाने के लिए इसके खेत में डेढ़ फीट की दूरी पर 2 फीट चौड़े बेड तैयार कर लिए जाते हैं | इसके बाद इसमें पानी के लिए इरिगेशन सिस्टम को लगा दिया जाता है फिर पौधों को लगाने के लिए 20 से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर छेद कर दिया जाता है इसके बाद पौधों की रोपाई कर ली जाती है |
पौधे लगाने का समय और तापमान
स्ट्रॉबेरी का पौधा बहुत ही संवेदनशील होता है | इसकी खेती के लिए 20 से 25 डिग्री तापमान सबसे अच्छा होता है | इसकी रोपाई 10 सितम्बर से 15 अक्टूबर के बीच का समय बहुत ही अच्छा रहता है | अगर सितम्बर माह में तापमान अधिक हो तो सितमबर माह के अंत से पौधे लगाना शुरू करें |
स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) में सिंचाई
स्ट्रॉबेरी के पौधों की सिंचाई ड्रिप इरीगेशन या फव्वारे विधि द्वारा की जाती है | इसी विधि द्वारा पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है | स्ट्रॉबेरी के खेत में नमी बनाए रखने के लिए आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहना चाहिए | जब पौधे की रोपाई करें तो उसके तुरंत बाद ही इसकी पहली सिंचाई कर दे तथा फल आने के पहले फव्वारे विधि के द्वारा सिंचाई करें जब फल आ जाए तो इसके ड्रिप इरीगेशन विधि द्वारा सिंचाई करें |
रोग नियंत्रण
स्ट्रॉबेरी के पौधे में बहुत से रोग लगते हैं | अगर इन लोगों का सही समय पर उपचार न किया जाए तो पैदावार में काफी प्रभाव में पड़ सकता है | पौधों में कीटों के द्वारा लगने वाले रोग वे विविल्स झरबेरी, रस भृंग, मक्खियां चेफर आज किट स्ट्रॉबेरी की फसल को प्रभावित करते हैं |
इसकी जड़ों में भी कई प्रकार के रोग देखने को मिलते हैं | जिससे बचने के लिए नीम की खली इसकी जड़ों में डाला जाता है | पत्ती रोग भी इसमें पाए जाते हैं जो कि कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करने से खत्म हो जाते हैं |
स्ट्रॉबेरी के फलो की तुड़ाई
स्ट्रॉबेरी के पौधे में लगभग 3 महीने में फल आने शुरू हो जाते हैं | जब फलों का रंग लगभग लाल हो जाए और स फल आकर्षित दिखने लगे तब फलों की तुड़ाई करनी चाहिए | इसकी फलों की तुड़ाई अलग-अलग दिन करनी चाहिए | फलों को तोड़ते समय फल को कुछ डंडी के साथ तोड़ना चाहिए | इससे फल जल्दी खराब नहीं होता | इसके बाद फलों को प्लास्टिक की ट्रे या फिर डीब्बो में पैक कर लेना अधिक उचित होता है | फलों को पैक करने के बाद इसको ठंडी जगह जहां का तापमान लगभग 5 डिग्री हो वहां रख देना चाहिए | इस फल को ज्यादा से ज्यादा 2 से 3 दिनों में उपयोग कर लेना चाहिए अन्यथा या फल बहुत जल्द ही खराब हो जाता है |
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स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) में लागत
स्ट्रोबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) करने के लिए अगर लागत की बात की जाये तो आपको एक पौधे की कीमत 5 से 10 रुपये मिलेगी जो की घटती बढ़ती रहती है | और एक एकड़ में लगभग 20000 पौधे लगते हैं | आपको एक एकड़ की स्ट्रोबेरी की खेती करने में लगभग 2 से 2.5 लाख खर्च आएगा |
स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) में पैदावार तथा मुनाफा
स्ट्रॉबेरी के पौधे की अलग-अलग किस्म से अलग अलग पैदावार मिलती है | सामान्य तौर पर देखा जाए तो स्ट्रॉबेरी के एक पौधे से 800 से 900 ग्राम तक स्ट्रॉबेरी के फल प्राप्त होते हैं | इस हिसाब से किसान भाई एक एकड़ में 80 से 100 कुंटल का उत्पादन कर सकते हैं ।
स्ट्रॉबेरी की कीमत की बात की जाए तो इस बाजार में इसकी कीमत 300 से ₹600 प्रति किलो होती है | जिससे किसान भाई स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) कर के बहुत ही काम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं |
FAQs For Strawberry ki kheti
स्ट्रॉबेरी का पेड़ (Strawberry plant) एक छोटा सा पौधा होता है जो मुख्य रूप से फलों के लिए उगाया जाता है। स्ट्रॉबेरी का पौधा अंडीपर्णी फैमिली का होता है और इसका वैज्ञानिक नाम Fragaria × ananassa है।
स्ट्रॉबेरी के पेड़ को अधिकतर ठंडे और उम्मीद से भरे स्थानों में उगाया जाता है। यह फल मुख्यत: उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में पाया जाता है और इसकी खेती अधिकतर शीतल क्षेत्रों में होती है।
स्ट्रॉबेरी के बीजों को अधिकतर पौधे से ही प्राप्त किया जा सकता है। यदि आप स्ट्रॉबेरी के पौधों को खुद उगाना चाहते हैं, तो आप बाजार से स्ट्रॉबेरी के पौधे खरीद सकते हैं और उन्हें अपने बगीचे में लगा सकते हैं। इसके लिए सर्दीयों में उगाए जाने वाले पौधे उपयुक्त होते हैं। आप स्ट्रॉबेरी के पौधों को बर्तन या बगीचे में बोन्साई की तरह भी रख सकते हैं।
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