जाने,बरसात के मौसम में मेथी की खेती ( Methi ki kheti ) से लाभ और बेहतर उत्पादन प्राप्त करने का तरीका

मेथी की खेती ( Methi ki kheti )

नमस्कार दोस्तों आज के समय में किसान अधिक लाभ प्रदान करने वाली फसलों की खेती की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं कई किसानों ने समय के साथ अपनी खेती के तौर तरीकों में काफी ज्यादा बदलाव कर लिया है और इस समय किस परंपरागत फसलों की खेती के स्थान पर कम समय में अधिक लाभ प्रदान करने वाली फसलों की खेती करने लगे हैं जिसमें से कई किसानों ने मेथी की खेती ( Methi ki kheti ) करके काफी भारी मात्रा में लाभ कमा रहे हैं मेथी की खेती दो तरीकों से करके लाभ कमाया जा सकता है |

Hari methi ki kheti

मेथी के हरे पत्तों को बेचकर और सुखी अवस्था में उनके दोनों को बेचकर किसान काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं आज के अपने इस आर्टिकल में हम आप लोगों को बरसात के मौसम में हरी मेथी की खेती करके बेहतर लाभ कमाने के तरीके के बारे में बताएंगे कृपया हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य करें |

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मेथी की पत्तियों से लेकर दानो तक होती है बिक्री :-

मेथी की पत्तियां हर साग के रूप में और दाने भी बाजार में बहुत ही आसानी से और अच्छे दामो पर बिक जाते हैं मेथी को सेहत के लिए काफी ज्यादा लाभदायक माना जाता है यदि आप मेथी की फसल से बढ़िया पैदावार प्राप्त करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए इन किस्म की खेती करें जैसे पूसा कसूरी, आरटीएम- 305, राजेंद्र क्रांति एएफजी-2 और हिसार सोनाली आदि 

मेथी की बुवाई कैसे करें ( Fenugreek farming in hindi )

मेथी के बीजों की बुवाई करने से पहले इसे 8 से 12 घंटे तक के लिए पानी में भिगो दे और 4 ग्राम थीरम 50% को कार्बेन्डाजिम से रासायनिक उपचार करके या फिर गोमूत्र का उपयोग करके जैविक जीव उपचार कर सकते हैं और बीज उपचार करने के लगभग 8 से 10 घंटे बाद बीजों को खेतों में लगाना चाहिए खेतों में इसकी बुवाई छिड़काव या ड्रिल विधि द्वारा की जा सकती है |

मेथी की खेती ( Methi ki kheti ) के लिए उपयुक्त मिट्टी और बुवाई का समय :-

मेथी की खेती ( Methi ki kheti ) करने के लिए भूमि का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए और यदि हम इसके बुवाई के समय की बात करें तो सितंबर मांह में इसकी बुवाई करना उपयुक्त माना जाता है जबकि मैदानी इलाकों में इसके बुवाई के लिए सितंबर से लेकर मार्च का समय और पहाड़ी इलाकों में जुलाई से लेकर अगस्त तक का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है |

मेथी के फसलों की सिंचाई की प्रक्रिया :-

यदि मेथी के फसलों की सिंचाई की बात करें तो बीजों के जल्दी अंकुरण के लिए बिजाई से पहले सिंचाई कर देना चाहिए मेथी की उचित पैदावार के लिए बिजाई के 30 75 85 105 दिनों के बाद तीन से चार सिंचाई करें और मेथी के पौधों में दानो के लगने के समय में पानी की कमी न होने दे क्योंकि इससे पैदावार पर भारी नुकसान कर सकता है |

कब करें कटाई :-

मेथी के फसलों को तैयार होने में 135 से 140 दिन का समय लगता है और जब इसके पौधे पर पट्टियां पीले रंग की दिखाई देने लगती है तो उसकी कटाई कर लेनी चाहिए और कटाई करने के बाद पौधों को धूप में अच्छे से सुख लेना चाहिए सूखी हुई फसल को मशीन की सहायता से दानो को निकालना इस हिसाब से एक हेक्टेयर खेत में लगभग 12 से 14 कुंतल तक मेथी के दानो की पैदावार प्राप्त हो जाती है मेथी के दानो का बाजारी भाव ₹5000 प्रति क्विंटल होता है ऐसे में एक हेक्टेयर खेत में मेथी की फसल लगाकर किसान काफी ज्यादा मात्रा में मुनाफा कमा सकते हैं |

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
बारिश के मौसम में मेथी की खेती कैसे करें?

मेथी की फसल कम से मध्यम वर्ष वाले क्षेत्र में उगाई जा सकती है इसकी फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए मेथी की खेती अच्छी जल निकास वाली लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकते हैं |

हरी मेथी कितने दिनों में तैयार हो जाती है ?

सब्जी के रूप में उपयोग किए जाने वाले हरी मेथी बीज की बुवाई के 90 से 100 दिनों बाद तैयार हो जाते हैं |

मेथी की खेती करने का सही समय कौन सा होता है ?

मेथी की खेती करने का सबसे उपयुक्त समय सितंबर का महीना माना जाता है मैदानी इलाकों में मेथी की बुवाई सितंबर से लेकर मार्च जबकि पहाड़ी इलाकों में जुलाई से लेकर अगस्त तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है |

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