हेलो किसान बंधुओ मैं आज आपको मशरूम की खेती Mushroom Farming के बारे में बताऊंगा जैसा की आप लोग जानते है की मशरूम की खेती ( Mushroom Cultivation ) सबसे अच्छी बात यह है की इसकी अलग अलग किस्मो की खेती आप साल भर कर सकते हैं जिससे आप साल भर कमाई कर सकते हैं जैसा की सभी किसान भाई जानते है बिगत कुछ वर्षो से मशरूम की खेती की तरफ किसान भाई तेजी अग्रसर हो रहे है और अच्छा मुनाफा भी कमा रहे है बस उन्हें कुछ बातो का ध्यान रखना होता है जिससे बाजार में उन्हें मशरूम का अच्छा दाम मिल सके यह अलग अलग राज्यों में किसान मशरूम की खेती करके अच्छा लाभ प्राप्त कर रहे है यह कम समय और कम जगह में तथा कम लागत में भुई कर ले रहे है और मुनाफा इससे अधिक हो रही है मशरूम की खेती विश्व में हजारो सालो से हो रही है लेकिन भारत में यह 10 से 12 वर्षो में तेजी से की जा रही है भारत में मशरूम को विभिन्न नामो से भी जाना जाता है जैसे – खुम्भ , भमोड़ि , कुम्भी और गुच्छी आदि मशरूम से विभिन्न प्रकार की वस्तुए बनाई जाती है बेहतरीन पौष्टिक खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है , मशरूम के पापड़ , जिम का सप्लीमेंट्री पाउडर , आचार , बिस्किट जैम , सवास , चिप्स आदि ऐसी अनेको प्रकार की वस्तुए बनायीं जाती है ।
किसान भाईयो मशरूम की खेती करके आप व्यापर को भी बढ़ावा दे सकते है और व्यापर करके अच्छा मुनाफा भी कमा सकते है और मशरूम का व्यापर भारत में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और यह धीरे धीरे बढ़ता ही रहेगा और बाजार में इसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ता ही रहेगा यदि आप एक किसान है और यह व्यापर शुरू करना चाहते है तो आपके लिए यह व्यापर बहुत ही अच्छा रहेगा और आपको इस लेख में मिल जायेगा की आप मशरूम की खेती(Mushroom Cultivation) कैसे कर सकते है और इससे जुडी सम्पूर्ण सभी जानकारी पढ़ने को मिल जाएगी मशरूम की खेती Mushroom Farming के बारे में सभी जानकारी पाने के लिए आप इस पोस्ट के साथ अंत तक बने रहिये और पढ़िए ।
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मशरूम क्या है (What is Mushroom)
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मशरूम एक प्रकार का फंगस है जिओ की खाया जाता है इसमें फैट फ्री , लो सोडियम , लो कैलोरी , फाइबर बिटामिन तथा मिनरल भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है मशरूम का वैज्ञानिक नाम अग्रिकुस बीस्पोरस यही मशरूम विभिन्न प्रकार व आकर तथा विभिन्न रंगो के में पाया जाता है यह बहुत ही स्वदिष्ट होता है आमतौर पर लोग इसका विभिन्न चीजों को बनाने के लिए प्रयोग करते है परन्तु इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल सब्जी बनाने के रूप में करते है मशरूम एक प्रकार का उत्पाद है जो इस समय किसान भाई मशरूम की खेती (Mushroom Farming )कर रहे है और इसससे व्यापर भी कर रहे है और अच्छा फायदा उठा रहे है ।
मशरूम के प्रकार –
मशरूम अंतरास्ट्रीय वैज्ञानिको का कहना है की इस पृथ्वी पर लगभग 10000 किस्म के मशरूम पाए जाते है लेकिन आप इसे व्यापर के नजरिये से देंखेंगे तो यह केवल 5 प्रकार की ही अच्छी किस्म की मानी जाती है जिनके नाम क्रमश है – बंटन मशरूम , पैड़ी स्ट्रा , स्पेशली मशरूम , धिंगरी मशरूम और ओएस्टर इसमें सिर्फ बंटन मशरूम की अच्छी किस्म सबसे ज्यादा मानी जाती है लोग इसी का ज्यादा प्रयोग करते है कंही कंही पर इसे मिल्की मशरूम के भी नाम से जानते है ।
मशरूम की खेती कैसे करे- How to Grow Mushroom
सर्वप्रथम आपको बाजार से मशरूम की अच्छी वाली किस्म का बीज खरीदना होगा यह बीज आपको आपके आस पास बीज के दुकान या केंद्र पर मिल जायेंगे या आप कृषि विज्ञान के केंद्र पे भी खरीद सकते है यदि आप के आस पास कोई सुविधा नहीं उपलब्ध है तब आप इण्डिया मार्ट से भी इसकी ऑनलाइन करके खरीद सकते है वह पर आपको बहुत से बीज बेचने वाले मिल जायेंगे ।
1 . कम्पोस्ट खाद बनाना :
Mushroom Cultivation मशरूम की खेती में कम्पोस्ट खाद की अहम भूमिका होती है कम्पोस्ट खाद आप धान या गेंहू के भूसे से बना सकते है कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए आपको लगभग 1450 लीटर पानी लेना होगा और आपको उसमे 1.5 किलो ग्राम फार्मलीन एवं 150 ग्राम बवस्टीन मिलाकर इसमें 1 किवंटल भूंसा को भिगो देते है फिर इसके बाद इस मिश्रण को ढक कर कुछ दिनों तक रख दिया जाता है यह प्रक्रिया इसलिए करते है जिससे भूसा शुद्ध हो जाए भूसा का सुधिकरण से मशरूम का उत्पाद भी अच्छा होता है व अधिक मात्रा में होता है यदि आप भूसा का सुधि कारण नहीं करे है तो मशरूम का उत्पाद सही तरीके से नहीं हो पायेगा ।
2 . मशरूम की बुआई :
मशरूम की बुआई के लिए भूसा तैयार होने के बाद बारी आती है मशरूम की बुआई से पहले आपको भूसा को हवा में फैलाना होता है जिससे उसमे का मौजूदा पानी और नमि सुख जाये फिर आपको मशरूम की बीज बोन के लिए पालीथीन की बैग्स लेने पड़ेंगे जिसकी साइज 16 बायीं 18 होना चाहिए इस पालीथीन के बैग में पहले भूसा फैला दे फिर मशरूम के बीज को फैला दे फिर इसके बाद फिर से भूसा को फैला दे फिर एक बार भूसे के ऊपर मशरूम के बीज के परत चढ़ा दे यही प्रक्रिया कम से कम 4 बार करे पहले भूसा फिर मशरूम के बीज ।
महरूम के पालीथीन के बैग को दोनों कोनो पर छेद कर देना चाहिए जिससे उसमे का पानी धीरे धीरे निकलता रहे और यह सब पूरी प्रक्रिया होने के बाद आप मशरूम के पालीथीन बैग को ऐसी जगह लेके जाकर रख दे जहा पर हवा लगने की कोई भी गुंजाइस ना इस तरह के मशरूम की बीज की बवुआयी की प्रक्रिया थोड़ा अलग है और कुछ लोग ऐसा भी करते है मशरूम के बीज को और भूसे को एक साथ मिला के रख देते है ।
3 . मशरूम को हवा से बचा के रखे :
मशरूम को पहले से ही हवा से बचा के रखे व नमि से मशरूम को हवा से बचना अति आवश्यक है क्योकि मशरूम हवा के सम्पर्क में आने पर ख़राब हो जाता है इसलिए आप इसे ऐसी जगह रखे जहा पर हवा बिलकुल प्रवेश ही नहीं कर सके आप मशरूम के बैग को किसी बंद कमरा जहा पर हवा बिलकुल नहीं जाता हो वह पर रख कर कमरा का दरवाजा ब्नद कर दे यह 15 दिनों तक कमरा को बंद रखे फिर 15 दिनों के बाद कमरा का दरवाजा खोल दे और उसमे हल्की हल्की हवा लगने दे या फिर आप एक पंखे की ब्यवस्था कर दे जिससे मशरूम को हवा मिल सके 15 दिनों के बाद मशरूम पर सफेद रंग को देखा जा सकता है ।
4 . मशरूम के थैले को रखने के तरीके :
मशरूम की खेती में वृद्धि करने के लिए आपको इस विधि का सबसे महत्वपूर्ण ध्यान देना चाहिए क्योकि जब आप मशरूम के थैले को उचित जगह पर रखेंगे तो वह अधिक उत्पादन देगा और साथ में ही इनका सही से रख रखाव भी होना चाहिए इनकी सही रखरखव के आप लोहे के पलंगनुमा या अन्य किसी से जंजाल बनाकर उसमे रख दे यदि आप लकड़ी के जंजाल बना रहे तो उसमे आप इसको टांग भी सकते है या फिर आप ऐसी वस्तु का प्रयोग कीजिये जो मशरूम के थैले को रखने में सही हो उसे किसी भी तरीके का नुकसान न हो ।
5 . मशरूम की फसल की कटाई :
मशरूम किम फसल 30 से 40 दिन की अवधि में तैयार हो जाती है आप 30 से 40 दिनों के बाद मशरूम की फसल को काट सकते है आप मशरूम की फसल को 30 से 40 दिनों के अंदर ही काट लेनी है मशरूम की फसल को काटने के बाद उसे ज्यादा दिनों तक स्टोर करके न रखे ।
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मशरूम को बाजार में कैसे बेंचे –
मशरूम यदि 30 से 40 दिनों के बिच में काट लिए है तो उसे अब बाजार में बेचने की आवश्यकता होती है यदि मशरूम की खेती( mushroom farming )से ज्यादा मुनाफा कमाना है तो उसे आप अपने पास 7 दिनों से ऊपर न रखे 7 दिनों के अंदर ही उसे बाजार में किसी न किसी तरिके से बेंच नहीं तो वह ख़राब हो जाता है ।
- आप मशरूम को अपने आस पास के बाजारों में बेच सकते है
- यदि आप मशरूम की ज्यादा खेती किये है और अधिक पैदावार भी हुआ है तो आप इसे शहरो के बाजारों में बेच सकते है
- और यदि आप 2 से 4 लोगो को तकनीक बता कर लोगो के जरिये से आप गांव गांव में जाकर भी बेच सकते है
- मशरूम का आचार या पापड़ बनाकर आप दुकानों पर या फिर गांव गांव में जाकर बेच सकते है
- आप किसी बड़े मशरूम के डिस्टीब्यूटर को भी आप मशरूम बेच सकते है
मशरूम की खेती में आने वाली परेशानिया –
मशरूम की बीज की बुआई के समय -यदि आप मशरूम की बीज की बुआई कर रहे है तो आपको अनेको प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा जैसे – मशरूम की बीज की अच्छी किस्म का चयन करना , बीज को कसमे मिलकर बोना है , और बीज की बुआई के समय उसमे क्या क्या मिलाये , और मशरूम के बीज को कितने दिनों तक अंकुरित होने के लिए रखे जिससे पैदावार में कोई कमी न हो ।
मशरूम को हवा से बचाकर रखना – अधिकतर सभी किसान यही गलतिया करते है की ओ मशरूम को हवा से बचाकर नहीं रख पाते है जिससे काफी मशरूम हवा के सम्पर्क में आने पर सड़ जाते है और उसमे अनेको प्रकार की बीमारिया फ़ैल जाती है बीमारियों में जैसे उसमे कई तरह के रोग व किते लग जाते है और उन्हें धीरे धीरे खाकर नस्ट कर देते है मशरूम को कम से कम 15 दिनों तक हवा के सम्पर्क में न आने दे आप 15 दिनों के बाद उसे हल्का हल्का हवा ही लगने दे ।
मशरूम को बाजार में बेचने में आने वाली परेशानिया – यदि किसान भाई मशरूम को ज्यादा दिनों तक अपने पास में रखते है तो उसे बाजार में बेचने में काफी परेशानी आएगी जैसे की मशरूम सड़ जायेगा और वह ख़राब हो जायेगा या फिर आप उसे अधिक दामों में भी बेच रहे है यदि आप मशरूम की खेती ( Mushroom Cultivation ) किये है तो आप मशरूम की फसल की कटाई के तुरंत बाद ही उसे बाजार में बेच देना चाहिए मशरूम को आप बाजार में उचित दामों में ही बेचिये जिससे आपके मशरूम की ज्यादा से ज्यादा बिक्री हो आदि ।
मशरूम की खेती में आने वाली लागत -( Mushroom Cultivation )मशरूम की खेती में आने वाली लागत आप जिस प्रकार से मशरूम की खेती करेंगे उसी प्रकार से लागत भी आएगी जैसे यदि आप बड़े पैमाने पर मशरूम की खेत कर रहे है तो उसमे अधिक बीजो की आवश्यकता पड़ेगी और अधिक भूसा , पानी व अधिक बीज की मात्रा और बीज बोन के लिए अधिक पालीथीन के बैग व उसे रखने के लिए अधिक जगह की जरूरत पड़ेगी आदि इसी सब के हिसाब से मशरूम की खेती में लागत अधिक लग सकती है यदि आप छोटे पैमाने पर मशरूम की खेती ( MUSHROOM CULTIVATION ) कर रहे है तो उसमे लागत कम आएगी
यदि आप 10 बायीं 10 वाली जगह के रूम में मशरूम की खेती कर रहे है तो आपको इसमें कम से कम 20 से 25 हजार रूपए तक की खर्चा आएगा मशरूम की अच्छी किस्म वाली बीज आपको 75 से 80 रूपए किलो ग्राम तक आ जाएगी और जो भी खर्चा होगा उसको अच्छी जगह रखना और किस्मे रखना इसके ऊपर निर्भर करता है ।
मशरूम की खेती के फायदे –
आप मशरूम की खेती में शुरू( Mushroom Cultivation )से लेककर अंत तक फायदा ही फायदा उठा सकते है जैसे मशरूम की बीज बहुत ही कम दामों में मिलता है यदि आप मशरूम की 10 किलो बीज में 700 रूपए लगा रहे है तो आप जब उसकी पैदावार होगी तो बाजार में कम से कम 1 किलो मशरूम का दाम 200 से 300 रूपए तक बेच ही लेंगे और इसमें उपयोग में आने वाला खाद मशरूम की खेती के बाद आप पशुओ को भी खिला सकते है जो दूध उत्पादन में अधिक सहयक होता है और आप इसका प्रयोग खेतो में जैविक खाद के रूप में भी प्रयोग कर सकते है इस खाद का खेत में प्रयोग करने से खेत की उपजाऊ क्षमता बनी रहती है । यदि आप मशरूम की अधिक पैदावर या अधिक खेती करते है तो आप इसे ब्यापार से भी जोड़ सकते है जिससे अधिक मुनाफा होता है मशरूम की खेती करने में कम चीजों की आवश्यकता होती है जैसे – कम समय , कम धन , कम जगह , कम मेहनत , व अधिक श्रमिकों की भी जरूरत नहीं पड़ती है आदि।
सामान्यतःपूछे जाने वाले प्रश्न- Mushroom Farming
मशरूम की सबसे अच्छी किस्म की बीज कौन सी है ?
मशरूम की सबसे अच्छी किस्म की बीज बंटन मानी जाती है ।
मशरूम से आप क्या क्या बना सकते है ?
मशरूम से आप विभिन्न प्रकार की चीजे बना सकते है जैसे - मशरूम की सब्जी , आचार , जैम , स्वास , पापड़ , चिप्स आदि ।
मशरूम को भारत में किन किन नामो से जानते है ?
मशरूम को भारत में खुम्भ , खुम्भी , भमोड़ि व गुच्छी नाम से भी जानते है ।
मशरूम की खेती के लिए कौन सी जलवायु उपर्युक्त है ?
मशरूम की खेती तो आप सभी जलवायु में कर सकते है परन्तु आपको इस बात का ध्यान रहे की मशरूम को बोन के बाद उसमे किसी भी प्रकार से हवा न लगे ।
मशरूम की खेती करने में कितने रूपए तक का खर्च आ सकता है ?
मशरूम की खेती करने में आने वाली लागत यदि आप छोटे पैमाने पर कर रहे है तो लगभग 20 से 25 हजार रूपी तक की खर्च आ सकता है यदि आप मशरूम की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे है तो इसमें लागत अधिक लगेगी आप जैसी मशरूम की खेती करेंगे वैसी लागत आएगी ।
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