हेलो दोस्तों स्वागत है आपका upagriculture के नई पोस्ट ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) में आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपकोब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) के बारे में बताएंगे यदि आप भी ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) करना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़े |
ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti )
Table of Contents
भारत में ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) कच्ची सब्जी के रूप में की जाती है यह दिखने में बिल्कुल फूलगोभी की तरह होती है लेकिन इसका रंग हरा होता है ब्रोकली बहुत ही गुणकारी सब्जी है यही कारण है कि इसका शहरी बाजार में काफी अधिक मांग रहती है औरब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) करने वाले किसान भाई काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं ब्रोकली एक प्रकार का विदेशी सब्जी है परंतु इसके गुणकारी फायदे के कारण भारत में भी इसे काफी अधिक पसंद किया जाता है |
ब्रोकली में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व उपस्थित होते हैं जिन्हें खाने से विभिन्न प्रकार की बीमारियां से छुटकारा मिल जाता है हमेशा अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए ब्रोकली का सेवन करते रहना चाहिए ब्रोकली के गुडकारी फायदे के कारण बाजारों में इसकी मांग बनी रहती है जिस कारण बाजारों में काफी अच्छा दाम मिलता है ऐसे में किसान भाई ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) करके काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते है |
ब्रोकली में उपस्थित औषधीय गुण ( Medicinal properties present in broccoli )
ब्रोकली में विभिन्न प्रकार के औषधीय गुण जैसे लोहा , प्रोटीन , कैल्शियम , कार्बोहाइड्रेट , क्रोमियम , विटामिन ए और विटामिन सी पाया जाता है जो ब्रोकली को पौष्टिक और गुणकारी बनता है इसके अलावा भी इसमें फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट भी उपस्थित होता है जो हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन से लड़ने में सहायता प्रदान करती है ब्रोकली किस सब्जी में विटामिन सी की अधिक मात्रा उपस्थित होती है ब्रोकली का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर और प्रोटेस्ट कैंसर जैसे भयंकर बीमारी से बचा जा सकता है |
ब्रोकली की बुवाई का समय ( Broccoli Sowing Time )
ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) करने के लिए हमें सबसे पहले नर्सरी को तैयार करना होता है ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) में नर्सरी को तैयार करने का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर का दूसरा सप्ताह होता है यदि आप पर्वतीय क्षेत्र या कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) कर रहे हैं तो सितंबर अक्टूबर मध्य में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अगस्त सितंबर और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मार्च अप्रैल में की जाती है |
दूरी ( Distance )
ब्रोकली के पौधे को बोने के लिए पंक्तियों से पंक्तियों के बीच की दूरी 4 से 5 सेंटीमीटर होनी चाहिए |
गहराई ( Depth )
ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) में पौधों को 2.5 सेंटीमीटर की गहराई पर लगाना चाहिए |
रोपाई का तरीका ( Method of planting )
ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) में पौधों को खेतों में लगाने के लिए सबसे पहले बीजों द्वारा नर्सरी को प्रो- ट्रे और क्यारीयो में तैयार किया जाता है और इसके पश्चात खेतों में पौधों की रोपाई की जाती है ब्रोकली की नर्सरी को तैयार करते समय या अवश्य ध्यान रखें की नर्सरी जमीन से 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर हो |
बीज़ की मात्रा ( Amount of seeds )
ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) करने के लिए नर्सरी को तैयार करने में 400 से 500 ग्राम बीज़ प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है |
बीज उपचार ( Seed treatment )
ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) में पौधों को तैयार करते समय बीज़ को उपचारित करके ही नर्सरी को लगाना चाहिए ब्रोकली के बीजों को उपचारित करने के लिए थीरम या कैप्टन दवा की उचित मात्रा का इस्तेमाल करना चाहिए।
ब्रोकली के खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी का चयन Selection of suitable soil for Broccoli Ki Kheti )
ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) हम सभी प्रकार के मिट्टी में आसानी से कर सकते हैं परंतु यदि आप ब्रोकली की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करना चाहते हैं तो इसकी खेती रेतीलीऔर दोमट मिट्टी मे करे और यह भी ध्यान रखें कि जिस मिट्टी में आप ब्रोकली की खेती कर रहे हैं उसका पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए |
ब्रोकली की खेती के लिए पौधे तैयार करने की विधि ( Method of preparing plants for Broccoli Ki Kheti )
ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) करने के लिए पौधों को निम्नलिखित दो विधि द्वारा तैयार किया जाता है |
- मिट्टी रहित मीडिया – प्लास्टिक नर्सरी ट्रे में कोको पीट की मदद से तैयार करे |
- मृदा मीडिया – मिट्टी के मेड पर |
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ब्रोकली की खेती के लिए पौधों को तैयार कैसे करें ( How to prepare plants for Broccoli Cultivation )
ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) में पौधों को तैयार करने के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं को ध्यान से पढ़ें |
- सबसे पहले 1 मीटर चौड़े और 3 मीटर लंबे मिट्टी की क्यारी तैयार कर ले |
- प्रत्येक प्यारी की मिट्टी में लगभग 10 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद या कंपोस्ट खाद को अच्छे से मिला दें |
- इसके पश्चात क्यारी पर 2 सेंटीमीटर गहरी लाइन की चौड़ाई के समांतर 6 सेंटीमीटर की दूरी पर ब्रोकली के बीच को बोये |
- ड्रिप इरीगेशन की सहायता से हल्की मात्रा में पानी दे |
- ब्रोकली ( Broccoli ) के शंकर बीजों को 1 हेक्टेयर खेत में लगाने के लिए 400 से 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है |
- ब्रोकली के पौधों के रोपाई के समय पौधों में 5 से 6 पत्ते आवश्यक होने चाहिए |
- ब्रोकली के बीज को बो का सबसे अच्छा समय सितंबर महीने का दूसरा सप्ताह होता है |
- ब्रोकली के बीजों का बुवाई के 6 से 7 दिन बाद अंकुरण दिखाई देने लगते हैं और अंकुर 35 दिनों के भीतर पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाती है |
- 20 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर ब्रोकली के पौधे अच्छे से विकास करते हैं |
- ब्रोकली के नर्सरी में पानी देते समय कैल्शियम नाइट्रेट और पोटेशियम नाइट्रेट की मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाकर पौधों में डालना चाहिए |
ब्रोकली की खेती के लिए उन्नत किस्मे ( Improved varieties for Broccoli Cultivation )
परिपक्वता के आधार पर ब्रोकली की किस्मों ( types of broccoli ) को तीन भागों में विभाजित किया गया है।
अगेती किस्में-
अगेती किस्म के रोपण के पश्चात 60-70 दिन में फलो का उत्पादन देना प्रारंभ कर देते है ये प्रमुख किस्में डी सिक्को, ग्रीन बड तथा स्पार्टन अर्ली हैं तथा संकर किस्मों में सर्दन कोमैट, प्रीमियम क्राप, क्लीप जैसी विभिन्न प्रकार की किस्मो का उत्पादन किया जाता है |
मध्यवर्गीय किस्में-
ये लगभग 100 दिन में तैयार हो जाती हैं। प्रमुख किस्में- ग्रीन स्प्राउटिंग मीडिया। संकर किस्में- क्रोसैर, क्रोना, ईमेरलर्ड।
पिछेती किस्में-
ये किस्में रोपण के लगभग 120 दिन के उपरांत तैयार हो जाती हैं। प्रमुख किस्में- पूसा ब्रोकली-1, के. टी., सलेक्शन-1, पालम समृद्धि। संकर किस्में- स्टिफ, कायक, ग्रीन सर्फ एवं लेट क्रोना।
बीज चयन एवं बीज दर:
व्यवसायिक एवं लाभकारी खेती हेतु बीज मुख्य भूमिका निभाता है। उत्तम बीज ही अच्छी फसल लेेने में सहायक होता है। अत: लाभकारी खेती हेतु अच्छे बीज का चयन करेें। इसकी खेती हेतु बीज दर 400-500 ग्राम प्रति हेक्टेयर है।
ब्रोकली की खेती के लिए खेतों की तैयारी और उर्वरक की मात्रा ( Field preparation and quantity of fertilizer for broccoli cultivation )
ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) करने के लिए सबसे पहले खेतों को अच्छे तरीके से तैयार करना होगा जिसके लिए आपको प्रारंभ में मिट्टी पलटने वाली हेलो से गहरी जुताई कर देनी होगी जुदाई के बाद खेतों को कुछ समय के लिए खुला छोड़ दें जिससे खेतों में अच्छा तरीके से धूप लग जाए और इसके पश्चात खेत में प्राकृतिक खाद के रूप में 10 से 15 ट्रॉली सड़ी हुई गोबर की खाद को डालकर कल्टीवेटर की सहायता से दो से तीन बार तिरछी जुताई कर दें जुताई करने से खेत की मिट्टी और खाद अच्छे तरीके से आपस में मिल जाते हैं और मिट्टी भुरभुरी हो जाती है इसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर लेना
और यदि आप ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) में रासायनिक खाद का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में आखिरी जुताई करते समय तीन से कर बोर N. P. K. की मात्रा को डाल सकते हैं और इसके पश्चात सिंचाई करते समय फूल लगने के दौरान 25 किलोग्राम यूरिया की मात्रा को पौधों पर देना चाहिए
ब्रोकली के पौधों की सिंचाई ( Irrigation of broccoli plants )
ब्रोकली के पौधों को 6 से 7 बार सिंचाई की आवश्यकता होती है इसकी प्रारंभिक सिंचाई पौधों की रोपाई के तुरंत बाद कर देना चाहिए और इसके बाद ब्रोकली के पौधों को 12 से 15 दिनों के बीच आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहना चाहिए
ब्रोकली की खेती में खरपतवार नियंत्रण ( Weed control in broccoli cultivation )
ब्रोकली के पौधों को खरपतवार से बचने के लिए भूमि की सतह से थोड़ी ऊंचाई पर पौधों की सफाई करनी चाहिए जिससे ब्रोकली की खेती ( Broccoli Ki Kheti ) में खरपतवार नियंत्रण की अधिक आवश्यकता होती है ब्रोकली के पौधों मे खरपतवार नियंत्रण को प्राकृतिक और रासायनिक दोनों तरीकों से किया जाता है रासायनिक विधि द्वारा खरपतवार नियंत्रण को ट्राईफ्लूरेलिन या टोक ई-25 की उचित मात्रा का छिड़काव कर देना चाहिए |
जिससे खेत में खरपतवार न के बराबर निकलते है | और इसके अलावा यदि आप प्राकृतिक तरीके से खरपतवार नियंत्रण करते हैं तो इसके लिए पौधों की गुड़ाई कर खरपतवार को निकाल दिया जाता है इसके पौधों को 5 से 6 बार गुड़ाई की आवश्यकता होती है इसकी प्रारंभिक गुणी पौधों की रोपाई के लगभग 12 से 15 दिन के बाद करना चाहिए |
ब्रोकली के पौधों में लगने वाले रोग और उसके रोकथाम ( Diseases of broccoli plants and their prevention )
अर्द्धपतन रोग ( Hemiparesis )
यह एक मृदा जनित रोग होता है जो पौधों पर आद्रपतन के रूप में लगता है इस रोग से प्रभावित होने वाले पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगते हैं और पौधे भूमि पास से गलकर खराब होने लगते हैं यह रोग खेती में जल भराव के कारण उत्पन्न होती है इसीलिए खेती करते समय जल के उचित निकास की व्यवस्था कर देनी चाहिए इसके अतिरिक्त खेतों में बीजों को लगाने से पहले ट्राइकोडर्मा विरिडी की उचित मात्रा से उपचारित कर रोपाई करनी चाहिए | इसके अलावा कार्बेन्डाजिम की उचित मात्रा का छिड़काव पौधों पर किया जाता है |
तना छेदक रोग ( Stem borer disease )
यह रोग पौधों के विकास के समय देखने को मिलता है इस रोग में सूडी पौधों की पत्तियों को खाकर उन्हें पूरी तरीके नष्ट कर देते है इस रोग का प्रभाव अधिक होने पर पौधे के ताने पर गोल आकार का छेद दिखाई देने लगता है जिससे पौधे अच्छे तरीके से विकसित नहीं हो पाते हैं इस रोग से पौधों को बचाने के लिए नीम के तेल या काढ़े का छिड़काव किया जाता है | इसके अलावा एण्डोसल्फान या क्विनालफॉस की उचित मात्रा का छिड़काव पौधों पर करना चाहिए |
चेपा कीट रोग ( aphid disease)
यह रोग ब्रोकली के पौधों पर समूह के रूप में आक्रमण करते हैं चेपा कीट रोग पौधों के नाजुक अंगों को हानि पहुंचाते हैं यह कीट रोग आकार में अधिक छोटे और देखने में पीले हरे और काले रंग के होते हैं इस किस्म का रोग अक्सर अधिक गर्मी के मौसम में देखने को मिलता है मेलाथियान या एंडोसल्फान की उचित मात्रा का छिड़काव करके इस रोग को समाप्त किया जा सकता है
ब्रोकली के फलों की कटाई पैदावार और लाभ ( Broccoli Fruit Harvesting Yields and Benefits )
ब्रोकली के पौधे रोपे के 75 से 80 दिनों बाद पैदावार देना प्रारंभ कर देता है जब इसके पौधों पर लगे फलो का मुख्य सिरा बनकर तैयार हो जाता है तो उसे समय इसके फलों की कटाई कर ली जाती है 10 से 12 सेंटीमीटर डंठल युक्त ब्रोकली के फलों की कटाई करना चाहिए. ब्रोकली के फलों को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है फलों की पहली कटाई के बाद पौधों पर दूसरी शाखाएं निकलने लगती है इसके बाद उन शाखों पर फिर से पाल निकलने लगता है किंतु यह फल का आकार कुछ छोटा होता है |
1 हेक्टेयर खेत में लगभग 90 से 100 कुंतल तक पैदावार प्राप्त होती है ब्रोकली का बाजरी भाव 40 रुपए से ₹60 प्रति किलो होता है जिससे किसान में ब्रोकली की एक बार की फसल से चार से पांच लाख तक की कमाई कर सकते हैं |
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
ब्रोकली की फसल पौधों की रोपाई के 70 से 80 दिन बाद तैयार हो जाती है यदि फसल अच्छी है तो एक हेक्टेयर में लगभग 14 से 15 तन की पैदावार प्राप्त होती है |
ब्रोकली की तासीर गर्म होती है ब्रोकली में विभिन्न प्रकार की फायदेमंद विटामिन उपलब्ध होते हैं जो सेहत के लिए काफी लाभदायक होते हैं ब्रोकली के फल में फाइबर का बहुत अच्छा स्रोत होता है जो त्वचा के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं |
यदि आप ब्रोकली के फलों को कच्ची या हल्के भाप मे पकाकर इसका सेवन करते हैं तो यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है |