lettuce ki kheti- लेटस की खेती कैसे करें ? खाने के फायदे, सम्पूर्ण जानकारी

lettuce ki kheti- लेटस (सलाद पत्ता) एक विदेशी फसल है | विदेश में इसका उत्पादन बहुत बड़ी मात्रा में किया जाता है | लेटस (सलाद पत्ता) का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला देश चीन है | लेटस का उपयोग विदेश में और भारत में भी बहुत बड़े तौर पर किया जा रहा है,|क्योंकि इस समय फास्ट फूड का प्रचलन बढ़ रहा है और लेटस यानी कि सलाद पत्ता का इस्तेमाल ज्यादातर फास्ट फूड जैसे कि पिज़्ज़ा, बर्गर, सैंडविच आदि में होता है | लेटस का उपयोग सलाद के रूप में भी किया जाता है | लेटस एक पत्तेदार सब्जी है |

जिसको मूली, गाजर, चुकंदर, खीरा जैसे सलाद के साथ कच्चा ही खाया जाता है | आज के समय में रेस्टोरेंट तथा होटलों में सलाद की बहुत ज्यादा मांग हो रही है | जिससे किसान इसकी खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं | लेटस में बहुत से औषधीय गुण भी पाए जाते हैं जिसके कारण इसकी डिमांड भी बाजारों में अधिक बनी रहती है |

Lettuce ki kheti

लेटस (सलाद पत्ता) खाने के फायदे

लेटस (सलाद पत्ता) खाने में अत्यधिक स्वादिष्ट होता है | इसमें बहुत से औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं, जो कि हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाली बीमारियों से लड़ने में सहायता प्रदान करते हैं | सलाद पत्ता खाने के बहुत से फायदे हैं जो निम्नलिखित है –

  • लेटस (सलाद पत्ता) खाने से हृदय संबंधी समस्याएं कम होती हैं |
  • लेटस में सूजन रोधी गुण पाए जाते हैं, जो कि आपके शरीर में उत्पन्न होने वाले सूजन को कम करने में मदद करते हैं |
  • लेटस में प्रचुर मात्रा में प्रयोग प्रतिरोधक गुण पाए जाते हैं जो कि आपकी प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर दें
  • लेटस (सलाद पत्ता) में अत्यधिक प्रोटीन और कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है |
  • सलाद पत्ता के सेवन से पेट और फेफड़े में होने वाले कैंसर से लड़ने में सहायता मिलती है |
  • लेटस खाने से आपकी आंखों की रोशनी तेज होती है |
  • सलाद पत्ते के सेवन से मधुमेह रोगियों के शरीर की शर्करा का नियंत्रण रहता है |
  • सलाद पत्ता खाने से आपकी त्वचा में निखार आता है |
  • यह आपकी बालों को मजबूत घना बनाने में मदद करता है |
  • सलाद पत्ता खाने से आपको संतुलित नींद मिलती है |
लेटस (सलाद पत्ता) की खेती (lettuce ki kheti) से संबंधित जानकारी

लेटस (सलाद पत्ता) को ज्यादातर सलाद के रूप में उगाया जाता है इसको तना और बीज के लिए भी उगाया जाता है परंतु आज के समय में लेटस का उपयोग फास्ट फूड खाद्य पदार्थों में जैसे कि बर्गर, सैंडविच इत्यादि में कच्ची सब्जी के रूप में प्रयोग किया जा रहा है |

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लेटस (सलाद पत्ता) की खेती (lettuce ki kheti) के लिए मिट्टी

लेटस (सलाद पत्ता) सब्जी है | लेटस (सलाद पत्ता) की खेती (lettuce ki kheti) करने के लिए अधिक उपजाऊ भूमि का इस्तेमाल करना पड़ता है | लेटस (सलाद पत्ता) की खेती (lettuce ki kheti) करने के लिए इसके पौधों को पहले नर्सरी के रूप में तैयार किया जाता है | फिर इसे खेत में लगाया जाता है | विशेषज्ञों के अनुसार इसकी खेती किसी भी प्रकार के उपजाऊ मिट्टी में की जा सकती है |

इसकी रोपाई करने के लिए खेत की अच्छे से जुताई करनी चाहिए तथा जुताई के वक्त खेत में कंपोस्ट खाद या गोबर की सड़ी हुई खाद को खेत में डालकर अच्छी तरह से मिलना चाहिए | इससे लेटस का पौधा पोषक तत्व से भरपूर रहता है और अधिक वृद्धि करता है | इसकी खेती के लिए मिट्टी का PH मान 6 से 7 के मध्य रहना आवश्यक होता है | इसकी खेती के लिए हमेशा नमी की आवश्यकता होती है तो ध्यान रहे कि आप जिस भूमि की खेती करें | उस भूमि में लगातार नमी बनी रहे |

इसकी खेती करने से पहले भूमि का विश्लेषण करना जरूरी होता है | इसके लिए आप लाइसेंस प्राप्त किसी व्यक्ति वैज्ञानिक की भी सलाह ले सकते हैं |

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सिंचाई

लेटस (सलाद पत्ता) की जड़ें ज्यादा नीचे तक नहीं जाती हैं इसलिए लेटस की खेती (lettuce ki kheti)में कम मात्रा में और ज्यादा बार सिंचाई करनी पड़ती है | गर्मियों में के मौसम में इसकी खेती के लिए हर दिन पानी की आवश्यकता होती है | अगर हम गर्मियों के मौसम में इसकी खेती के लिए नियमित पानी नहीं देते हैं, तो इसकी खेती में नुकसान होगा और इसमें से बीज निकालना शुरू होंगे |

जिसके फलस्वरुप इसकी पत्तियां कड़वी आने लगेगी जो की बाजार में नहीं बिकेगी | इसकी खेती के लिए ज्यादातर स्प्रिंकलर या फिर ड्रिप सिंचाई तकनीक का प्रयोग करना चाहिए | इसमें पानी कम मात्रा में लगता है और अच्छे सिंचाई हो जाती है जिससे फसल अच्छे से वृद्धि करती है और गुणवत्ता भी अच्छी मिलती है |

अनुकूल तापमान

आमतौर पर लेटस की खेती (lettuce ki kheti) सर्दी के मौसम में की जाती है | लेटस की खेती अगर आप अन्य मौसम में करना चाहते हैं तो आपको पॉलीहाउस बनाकर लेटस की खेती करनी होगी | जिसमें आप अधिक समय तक ज्यादा मुनाफा भी ले सकते हैं | इसकी तापमान की बात की जाए तो 12 डिग्री सेल्सियस से 15 डिग्री और सेल्सियस के बीच का तापमान इसके लिए बहुत अच्छा होता है | जिसमें यह अच्छी तरह से वृद्धि करता है | अगर तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर हो जाए तो इसके बीजों का अंकुरण अच्छे से नहीं होता है |

खाद और रासायनिक उर्वरक

लेटस (सलाद पत्ता) की खेती (lettuce ki kheti) में खाद एवं रासायनिक उर्वरक की बात की जाए तो इसमें जैविक खाद को जुताई के पहले 150 से 200 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से एन पी के को 25:25:90 के अनुपात में मिलाकर खेत में डालनी चाहिए | जो कि भूमि के अनुसार अलग-अलग देनी चाहिए | रेतीली या दोमट मृदा में एन पी के की 40-50, 75-100, 75-100 के अनुपात में तीन बार में देनी चाहिए और दोमट मृदा में 25:50:75 के अनुपात में देना चाहिए |

उत्पन्न होने वाले रोग और उनका रोकथाम

किसी भी खेती में कुछ न कुछ रोग अवश्य होते हैं, जो उपज को काफी अधिक मात्रा में प्रवाहित करते हैं | वैसे ही लेटस की खेती (lettuce ki kheti) में भी काफी सारी कीट और रोग उत्पन्न होते हैं | जिनका सही समय पर रोकथाम करना जरूरी होता है | इसकी खेती में होने वाली बीमारियों और उनके रोकथाम के बारे में नीचे वर्णन किया गया है-

रोग

  • इसमें एसिड्स नामक कीड़ा ज्यादा हानिकारक होता है, जो की इसके तने, फूल और पत्तियों पर हमला करता है | जिससे काफी नुकसान होता है |
  • लेटस की खेती (lettuce ki kheti) में स्लग नामक कीट का भी आक्रमण ज्यादा होता है यह लेटस की पत्तियों को खाने लगते हैं जिससे उनमें बड़ा-बड़ा छेद होता है जो कि मार्केट में नहीं बिक पाती है और उनकी प्रजनन की प्रक्रिया बहुत जल्दी से होती है | जिससे पूरी फसल तहस-नहस जाती है |
  • पत्तियों में सफेद फफूंदी रोग लग जाता है | जिससे इसकी पत्तियों के रंग उतरे हुए हो जाते हैं और मुरझाए हुए रहते हैं |
  • लेटस की खेती (lettuce ki kheti) में राइजोक्टोनिया सोलानी का आक्रमण भी होता है जो की एक फफूंदी रोग है | इसके ज्यादातर हमले परिपक्व पौधों की जड़ों पर होता है |
  • लेटस की खेती (lettuce ki kheti) में ब्रेमिया लैक्टुके का आक्रमण बहुत अधिक होता है इससे पुराने पत्तों का रंग पीला पड़ने लगता है और और उसमें धब्बे पड़ने लगते हैं |

नियंत्रण

  • फसल को रोग रहित बनाने के लिए प्रमाणित बीजों और पौधों का उपयोग करें |
  • अच्छी किस्म का उपयोग करें रोग प्रतिरोधी किस्म से रोगों और कीटो के हमले से बचा जा सकता है |
  • कीटो से बचने के लिए अपने खेत में जाल का प्रयोग करें इसे कीटो को खेत में प्रवेश करने में बाधा होगी |
  • खेती में रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कम करें |
  • खेत में जंगली घास और खरपतवार को नियंत्रित रखें |
  • फसल को कीड़ों से बचने के लिए लेटस के पौधों को पंक्ति में लगाएं |
  • रासायनिक नियंत्रण के उपयोग के बारे में जानकारी के लिए अपने नजदीकी स्थानीय लाइसेंस धारी कृषि वैज्ञानिक से जानकारी प्राप्त करें |

लेटस (सलाद पत्ता) की कटाई

लेटस (सलाद पत्ता) की कटाई की बात की जाए तो इसकी रोपाई के बाद लगभग 65 से 130 दोनों के अंदर कर ली जाती है | लेटस को 30 से 70 दिनों के मध्य काटा जाता है इसकी कटाई किस्म पर भी नहीं पर करती है, तथा कुछ किस्म ऐसी होती हैं जो वातावरण परिस्थितियों पर भी निर्भर करती हैं |

लेटस (सलाद पत्ता) की कटाई में ध्यान देने योग्य बातें
  • लेटस की कटाई करने से पहले ध्यान दें कि सलाद पत्ता ज्यादा परिपक्व ना हो ज्यादा परिपक्व पत्ते का स्वाद कड़वा आने लगता है जो की मार्केट में नहीं बिकता है |
  • लेटस की कटाई के लिए लेटस की बाहरी पत्तियां तोड़ें और अंदर की पत्तियों को बढ़ते रहने दे |
  • लेटस को नियमित रूप से खेत में तैयार पत्तों को खोजना चाहिए |
  • सलाद पेट की कटाई सुबह सूरज उगने से पहले करें |
  • कटाई करने के बाद पत्तों को नम वातावरण में रखें | इससे पत्ते ज्यादा देर तक ताजा ही रहेंगे |

लेटस (सलाद पत्ता) की खेती (lettuce ki kheti) में लागत

लेटस की खेती (lettuce ki kheti) में बहुत कम लागत आती है | इसकी खेती में प्रति पौधे के ऊपर लगभग 1 से 2 रुपए का खर्चा आता है और वहीं प्रति पौधा लगभग 10 से 12 रुपए का बिक जाता है जो की अन्य फसलों के मुकाबले काशी काफी अच्छा सौदा है |

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लेटस (सलाद पत्ता) की प्रति हेक्टेयर खेती में उत्पादन और मुनाफा

लेटस (सलाद पत्ता) की उपज की बात की जाए तो लेटस प्रति हेक्टेयर 20 से 40 तन की औसत उपज प्रदान करता है | इसको बेचने के लिए किसान अपने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के होटलों और रेस्टोरेंट में भेज सकते हैं या फिर इन्हें डिब्बों में पैक करके अन्य शहरों में या होलसेल में भी बेच सकते हैं |

लेटस की कीमत की बात की जाए तो बाजार में इसकी बहुत ज्यादा डिमांड होने के कारण इसकी कीमत भी काफी अच्छी होती है | जो कि 100 से 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिचौलियों के हाथ बिकता है | इसकी खेती बहुत ही कम समय के लिए होती है जिसमें आप बहुत ही अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं | जो कि पारंपरिक कृषि के मुकाबले अधिक ही होगा |

लेटस क्या है ?

लेटस एक प्रकार विदेशी सब्जी है | जिसको सलाद के रूप में खाया जाता है | इसको हिंदी में सलाद पत्ता के नाम से जानते हैं |

लेटस में कौन-कौन से तत्व पाए जाते हैं ?

लेटस एक सुपर फुट का काम करता है | इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन A, विटामिन C , प्रोटीन, क्लोरोफिल, फाइबर, फोलेट, आयरन पाया जाता है‌ | इसमें सोडियम कैलोरी कम मात्रा में उपस्थित होता है, जो कि हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है |

लेटस खाने के क्या फायदे होते हैं ?

लेटस हमारी सेहत के बहुत लाभकारी होता है | इसमें बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कि ह्रदय की समस्या, सूजन को कम करने में, पाचन में सुधार, पेट में और फेफड़े के कैंसर के इलाज में मदद, आँख की रोशनी में सुधार, रोग प्रतिरोधी क्षमता में वृद्धि आदि रोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है |

लेटस की खेती (lettuce ki kheti) में कितनी कमाई हो सकती है ?

लेटस की पारम्परिक खेती (lettuce ki kheti) के मुकाबले काफी कम लागत में अधिक कमाई हो सकती है एक एकड़ में इसका उत्पादन लगभग 20 से 40 टन के बीच किया जाता है और इसकी सरकरी कीमत 350 रुपये प्रति किलो है और बिचौलिये इसको 100 से 200 रुपये प्रति किलो के दर से खरीदते है जो कि काफी अधिक है |

लेटस की खेती (lettuce ki kheti) के लिए अनुकूल तापमान कैसा होना चाहिए ?

लेटस की खेती (lettuce ki kheti) सर्दी के मौसम में की जाती है | अन्य वातावरण में लेटस की खेती करने के लिए पॉलीहाउस की आवश्यकता होगी इसकी खेती के लिए 15 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान अच्छा होता है | 30 डिग्री तापमान में यह फूल देने लगते हैं जिससे इसकी पत्तियाँ कड़वी आने लगती हैं |

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