Nashpati ki Kheti- नाशपाती की खेती कैसे करें, होगी बम्पर कमाई

आज हम आपको नाशपाती की खेती (Nashpati ki Kheti) के बारे में बताने वाले हैं जिसकी खेती करके किसान 40 से 50 सालों तक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं तथा इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है| साथ ही इसकी हमेशा मार्केट में डिमांड बनी रहती है |

नाशपाती से संबंधित जानकारी

जैसा कि आपको तो पता ही होगा कि नाशपाती एक फल है| नाशपाती भी आम की तरह ही मौसमीय फल है| नाशपाती को खाने से बहुत से फायदे होते हैं| इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर तथा आयरन मौजूद होता है| इसके सेवन से शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है तथा इसमें कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले गुण भी मौजूद होते हैं| इस वजह से नाशपाती को लोग अधिक खाना पसंद करते हैं|

नाशपाती की खेती करने वाले प्रमुख राज्य जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश हैं| हम अपने आस पास के बाजार में भी देखते हैं कि इसकी मांग हमेशा बनी रहती है| नाशपाती की खेती (nashpati ki kheti) से किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और लंबे समय तक अपने आमदनी का एक जरिया बना सकते हैं|

Nashpati ki Kheti

नाशपाती की उन्नत किस्म

पूरे विश्व में नाशपाती की लगभग 3000 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं परंतु इसमें से भारत में सिर्फ 20 से अधिक प्रजातियों की खेती किया जाता है जो की अलग- अलग मौसम के लिए अलग- अलग है|

अगेती किस्म- नाशपाती की अगेती किस्म के लिए लेक्सटन सुपर्ब, थंब पियर, शिनसुई, कोसुई, सीनसेकी तथा अर्ली चाईना आदि प्रमुख किस्म है|

पछेती किस्में- नाशपाती की प्रमुख पछेती किस्में कॉन्फ्रेंस. कश्मीरी नाशपाती तथा डायने ड्यकोमिस आदि प्रमुख हैं| मध्यवर्ती किस्म- नाशपाती की मध्यवर्ती किस्म जो कि निचले क्षेत्र को घाटियों के लिए काफी अच्छी है जैसे कि पत्थर नाख, कीपर, गोला, होसुई, पंत पीयर- 18 चाइना नाशपाती आदि |

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नाशपाती की खेती (Nashpati ki Kheti) के लिए उपयुक्त मृदा

किसी भी फसल या यह फलों की खेती के लिए भूमि की उर्वरक क्षमता तथा मिट्टी का बहुत ज्यादा योगदान होता है| वैसे ही नाशपाती की खेती(nashpati ki kheti) के लिए दोमट मिट्टी तथा गहरी मिट्टी उत्तम मानी जाती है|

पौधे लगाने से पहले यह ध्यान दें कि आप जिस भूमि का चुनाव करें उसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो तथा मिट्टी का पीएच मान 7 से8.5 के बीच होना चाहिए|

नाशपाती की खेती (Nashpati ki Kheti) के लिए उपयुक्त जलवायु

अगर नाशपाती की खेती (Nashpati ki Kheti) में जलवायु की बात की जाए तो इसकी खेती गर्म उपोष्ण मैदानी क्षेत्र के साथ शुष्क क्षेत्रों व ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्र में भी की जा सकती है| नाशपाती की खेती के लिए 10 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है|

बरसात के मौसम में नाशपाती के पेड़ बरसात में अधिक फूल लगते हैं इसलिए नाशपाती की खेती में 50 से 75 मिमी वर्षा की आवश्यकता होती है तथा इसकी पौधे के रोपण के लिए 10 से 18 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है|

खेत की तैयारी

नाशपाती की खेती (nashpati ki kheti) के लिए भुरभुरी मिट्टी की आवश्यकता होती है| जिसके लिए आपको खेत में सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई कर लेनी है फिर इसमें दो से तीन बार घर जुटा करनी है फिर इसके बाद खेत में पानी को छोड़ देना है धूम के ऊपरी परत सूख जाने के बाद खेत को रोटावेटर की मदद से दो से तीन बार जुटा कर देनी है जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए|

नाशपाती के पौधों की रोपाई तथा सिंचाई

नाशपाती की रोपाई के लिए आपको कलम की नर्सरी को तैयार कर लेनी होगी| जब पौधा 20 से 25 दिन का हो जाए तो खेत में इसकी रोपाई कर दें| रोपाई करने के लिए समतल खेत में 8×4 मीटर का फैसला रखना है और पौधों की रोपाई कर देनी है |

नाशपाती के पौधों की पहली सिंचाई पौध रोपण के तुरंत बात कर देनी है तथा गर्मियों में इसकी सिंचाई 5 से 7 दिनों के अंतराल में तथा सर्दियों में इसकी सिंचाई 15 दिनों के अंतराल में करनी है| नाशपाती की खेती के लिए 75 से 100 सेंटीमीटर बारिश की आवश्यकता होती है|

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नाशपाती की खेती (Nashpati ki Kheti) में खाद तथा उर्वरक

नाशपाती की खेती(Nashpati ki Kheti) में अच्छे फल और उत्पादन के लिए खेत में अच्छी मात्रा में खाद की आवश्यकता होती है| नाशपाती की खेती (Nashpati ki Kheti) में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए वर्मी कंपोस्ट तथा सड़ी हुई गोबर की खाद का अधिक प्रयोग करना चाहिए| इससे आपकी खेती में पौधा अधिक वृद्धि करेगा और संतुलित रहेगा|

जब आपका पौधा 3 साल का हो जाए तो प्रति पौधे को 10 किलो गोबर की खाद, 100 से 300 ग्राम यूरिया, 200 से 300 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट तथा 200 से 450 ग्राम पोटाश को प्रति पौधे के हिसाब से देना चाहिए और उसके बाद सिंचाई करते नहीं चाहिए| जब पौधा 4 से 6 साल का हो जाए तब 25 से 35 किलो जैविक खाद, 400 से 600 ग्राम यूरिया, 800 से 1200 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट, 600 से 900 ग्राम पोटाश की मात्रा को प्रति पेड़ की दर से देनी चाहिए| इससे नाशपाती के वृक्ष में वृद्धि होगी|

नाशपाती के वृक्ष की कटाई छटाई

नाशपाती के वृक्ष से अधिक उत्पादन, अच्छी गुणवत्ता और मजबूत शाखों के लिए वृक्ष की कटाई छटाई की जाती है| इसके लिए पौधे की जो शाखाएं बीमारी ग्रस्त हो, सूख चुकी हो, टूटी हुई हो तथा कमजोर हो उन्हें काटकर पीछे से अलग कर देनी चाहिए इससे वृक्ष मजबूत होता है और फल भी अच्छा आता है|

नाशपाती के फल की तुड़ाई

नाशपाती एक मौसमी फल है इसलिए इसकी तुड़ाई जून के प्रथम सप्ताह से लेकर सितंबर तक होती है | नाशपाती को नजदीकी बाजार में बेचने के लिए पूरी तरह पकाने के बाद तोड़े और दूर स्थान पर बेचने के लिए नाशपाती को हरा ही तोड़े | नाशपाती की फल की तुड़ाई मौसम और किस्म पर भी निर्भर करती है | नाशपाती के सभी फलों को पकने में 135 से 145 दिन का समय लगता है उसके बाद यह तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है |

Nashpati ki Kheti

नाशपाती की खेती (Nashpati ki Kheti) में उत्पादन और कमाई

नाशपाती की खेती (Nashpati ki Kheti) में उत्पादन की बात की जाए तो इसे एक बार लगाने से लगभग 40 से 50 सालों तक उत्पादन लिया जा सकता है और प्रति पेड़ लगभग 4 से 5 क्विंटल के बीच पैदावार होती है तथा कुछ किस्म ऐसे भी हैं जो की 6 से 7 क्विंटल प्रति पौधे की उत्पादन दे देती है |

इस हिसाब से अगर आप एक एकड़ में पौधे लगाते हैं तो 400 से 700 क्विंटल का उत्पादन प्रतिवर्ष कर सकते हैं |बाजार में नाशपाती की कीमत 60 से ₹100 किलोग्राम की  से होती है अगर आप इसे थोक में बचतें हैं तो शायद कुछ कम भाव मिल सकता है परंतु आप एक बार पैसा लगाकर अपने आमदनी का जरिया बना लेंगे | जिसमें सिर्फ एक एकड़ में ही 10 से 20 लाख की सालाना कमाई कर सकते हैं |

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न 

नाशपाती की खेती में कितनी कमाई हो सकती है ?

1 एकड़ नाशपाती की खेती (Nashpati ki Kheti) में प्रति वर्ष 10 से 20 लाख की कमाई की जा सकती है |

नाशपाती की कीमत कितनी है ?

1 किलो नाशपाती की कीमत 60 से 100 रुपये किलो होती है |

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