Vanilla ki Kheti- केसर के बाद सबसे महँगी फसल है वनीला | भारतीय बाजार में 40000 रुपये किलो की दर से बिक रहा है | जिससे किसानों को हो रहा जबरजस्त फायदा |
वनीला के बारे में जानकारी
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वनीला एक मसला है| इसका उपयोग ज्यादातर खाद्य पदार्थों को सुगंधित बनाने में किया जाता है | वनीला का पौधा मेक्सिको में पाया गया था | मेक्सिको के लोग इसका उपयोग पहले के समय में चॉकलेट में किया करते थे | आज के समय में वनीला का उपयोग बहुत सी बड़ी-बड़ी कारखाने वाली कंपनियां कर रही हैं |
वनीला की मदद से महंगी-महंगी शराब बनाई जाती है | इसका उपयोग अरोमा थेरेपी के साथ बहुत से कॉस्मेटिक तथा सौंदर्य पदार्थों को बनाने में किया जाता है | वनीला का उपयोग बहुत सी औषधि दवाइयां को बनाने में किया जाता है इसलिए वनीला की खेती से हमारी भारतीय किसान बहुत अधिक मुनाफा कमा रहे हैं | तो आईए जानते हैं कि हमें वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) कैसे करनी है |
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वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti)
किसान मित्रों वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) में जितना अधिक फायदा है | उतना ही मुश्किल इसकी खेती करना भी है क्योंकि इसके पौधे से अर्क निकाला जाता है | जिस कारण से वनीला ही केसर के बाद सबसे महंगी फसल है | वनीला की फसल बहुत मांगी होती है | इस कारण इसकी खेती भी ध्यान पूर्वक करना पड़ता है | इसकी खेती में बहुत सी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना होगा जो कि विस्तार पूर्वक बताई गई है तो ब्लॉग को सब पूरा पढ़ें |
वनीला की खेती करने के लिए उपयुक्त मृदा
वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) जैविक तरीके से की जाती है इसलिए इसकी खेती में अधिक जैविक पदार्थ होना आवश्यक है तथा जिस भूमि में वनीला की खेती करें उस भूमि का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना बहुत जरूरी है | साथ ही अपने नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लेकर पता करें कि आपकी भूमि में किस उर्वरक की कमी है | इसके हिसाब से आप उस कमी को पूरा करें | इससे आपको अच्छी पैदावार मिलेगी और नुकसान भी नहीं होगा |
वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) में उपयुक्त जलवायु
वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) के लिए अनुकूल जलवायु बहुत ही आवश्यक होती है जो की हमारे दक्षिण भारत ने मौजूद है | अगर आप उत्तर भारत में इसकी खेती करना चाहते हैं तो इसकी खेती में पॉलीहाउस का उपयोग करना ज्यादा उचित माना जाता है | क्योंकि इसकी खेती 25 से 35 सेंटीग्रेड का तापमान बहुत ही अच्छा माना जाता है | वनीला की खेती में पेड़ों या फिर पॉलीहाउस से छनकर आने वाली धूप ज्यादा अच्छी मानी जाती है |
खेत की तैयारी
वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) में खेत की तैयारी की बात की जाए तो, खेत में 8 फीट की दूरी पर गड्ढे बनाने पड़ते हैं तथा इन गड्ढों में जैविक खाद जैसे कि सड़ी हुई खाद, वर्मी कंपोस्ट तथा सड़ी हुई पत्तियों को मिलाकर भर देना चाहिए | इसके बाद वनीला की कटिंग को भूमि में लगाकर खाद और पत्तियों से ढक देना चाहिए |
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वनीला की बुवाई
वनीला की बुवाई की बात की जाए तो, इसकी बुवाई दो विधि द्वारा की जाती है | पहले कटिंग विधि द्वारा तथा दूसरा बीज विधि द्वारा |
वनीला का पौधा बहुत ही छोटा होता है | इसे उगाने में बहुत अधिक समय लग जाता है | इसका पौधा बेल के रूप में लगाना अधिक उचित माना जाता है | परंतु बेल की कटिंग बहुत ही सटीक होनी चाहिए | बेल के पौधों की कटिंग की दूरी लगभग 8 फीट होनी चाहिए |
जिससे इसकी लताएँ आसानी से फैल सके तथा इन पौधों को लगाने के बाद गड्ढे में 7 फीट लंबे सीमेंट या फिर लकड़ी का खंभा गाड़ दें या फिर अगर आप दक्षिण भारत में इसकी खेती कर रहे हैं तो इसे नारियल के पेड़ों के बीच में करें | इससे बैल आसानी से फैल सके |वनीला की बेल को खेत में लगाने के बाद खेत में गोबर की खाद नीम की खली और और वर्मी कंपोस्ट को डालना बहुत ही आवश्यक होता है जिससे पौधों को पोषक तत्व मिलता रहे और इसकी पैदावार भी अच्छी मिले
वनीला की खेती में उर्वरक
वैसे तो वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) जैविक तरीके से की जाती है, परंतु इसकी खेती में अच्छी पैदावार लाने के लिए 100 लीटर पानी में 1 किलोग्राम एनपी को घोलकर छिड़काव करना चाहिए | इससे पौधों को अधिक पोषक तत्व मिलता है |
वनीला की खेती में सिंचाई
वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) में सिंचाई की बात की जाए तो 2 दिन के अंतराल में फव्वारा या फिर टपक विधि द्वारा वनीला की सिंचाई की जाती है | खेत में नमी की मात्रा कम होने के पर इसकी सिंचाई अवश्य करें |
वनीला की कटाई
वनीला की कटाई दो तरीके से होती है | वनीला के पौधे में जनवरी के फरवरी के महीने में फूल आने लगते हैं जो कि 9 से 10 महीने बाद यह फूल फली के रूप में तैयार हो जाते हैं | इसे दो रूप में काटा जाता है | पहले जब वनीला का फल हरा हो तभी इसे तोड़ लिया जाता है | जब यह प्रकार सूख जाए तब इसे तोड़ा जाता है | आपको बता दें कि वैनिला को प्राप्त करने के लिए सूखे हुए वनीला के फल को चाकू से फाड़कर चम्मच से निकाला जाता है | यह देखने में बिलकुल अफीम की तरह दिखता है |
वनीला की कीमत
दोस्तों वनीला की कीमत की बात की जाए तो यह ₹40000 किलो के हिसाब से बिकता है परंतु इसका भाव घटता बढ़ता रहता है | मार्केट में आप 32000 से 42000 किलो तक वह नीला को बेच सकते हैं | अगर आप 3 किलो कच्चा वनीला तोड़ते हैं तो वह सूखने के बाद लगभग 800 ग्राम से 1 किलोग्राम ही प्राप्त होगा |
वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) में विशेष जानकारी
- इसके फूलों को मधुमक्खियां या मक्खियों पराजित नहीं कर पाते हैं जो कि खुद आपको ही करना पड़ेगा | इसको करने के लिए सुबह ही एक-एक फूलों को परागित करना पड़ेगा | जिसमें काफी समय लगता है | अगर आप इसे परागित नहीं करते तो इसमें फल नहीं लगेंगे |
- मेरी सलाह के अनुसार अगर आप वनीला की खेती करना चाहते हैं तो दक्षिण भारत में जाकर कर्नाटक, पांडिचेरी या फिर अन्य राज्यों में जहां वनीला की खेती होती है | वहां के किसानों से संपूर्ण जानकारी लेकर ही वनीला की खेती करें | इससे आपको अधिक जानकारी होगी जिसे अधिक मुनाफा भी होगा |
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
वृक्षों के जाइलम एवं फ्लोएम नमक नसों में बहने वाला तरल पदार्थ को अर्क कहते हैं |
1 किलो वनिला 40000 रुपये किलो की दर से बिकता है |