Black Potato Farming- नमस्कार किशन साथियों आपका हमारे इस UP Agriculture कृषि पोर्टल पर स्वागत है| जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया भर में भारत आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है तथा चीन आलू के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है| भारत में एक भी ऐसा परिवार नहीं होगा जिस परिवार में आलू की सब्जी को ना खाया जाता हो|
वैसे तो तमाम प्रकार की सब्जियां हमारे आहार में इस्तेमाल की जाती है, परंतु आलू एक ऐसी सब्जी है जो कि 12 महीने मौजूद रहती है तथा इस सब्जी को हर सब्जी में प्रयोग करते हैं| ऐसी कोई भी सब्जी नहीं है जिसमें आलू का प्रयोग ना किया जाता हो| दुनिया भर में आलू की विभिन्न प्रजातियां मौजूद हैं| भारत में ज्यादातर सफेद आलू तथा लाल आलू को उगाया जाता है परंतु आज हम आपको काले आलू के बारे में बताने जाने वाले हैं इसके बारे में शायद ही कोई किसान जानता हो|
आज हम आपको इस ब्लॉक के माध्यम से बताने वाले हैं कि काले आलू की खेती( Black Potato Farming) कैसे करें? इसके होने वाले फायदे लागत तथा मुनाफा की संपूर्ण जानकारी के लिए ब्लॉक को अंत तक जरूर पढ़ें |
आलू के बारे में जानकारी
Table of Contents
आलू एक प्रकार की सब्जी है| आलू का वैज्ञानिक नाम सोलेनम ट्यूब्रोसम है| आलू में कई पदार्थ मौजूद होते हैं जैसे कि विटामिन सी, विटामिन बी, स्टार्च, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट इत्यादि | जिसकी आवश्यकता हमारे शरीर के लिए होती है |
हमारे भारत में आलू से कई प्रकार के स्वादिष्ट पकवान तैयार किए जाते हैं जैसे कि समोसा, टिक्की, पापड़, आलू के पकोड़े, चाट इत्यादि| आलू का उपयोग बहुत सी बड़ी- बड़ी फैक्ट्रियां चिप्स, नमकीन तथा अन्य खाद्य पदार्थ को बनाने में करती हैं| भारत में आलू की खेती सबसे अधिक गुजरात उत्तर प्रदेश हरियाणा असम मध्य प्रदेश आदि राज्य में की जाती है |
काले आलू की खेती( Black Potato Farming) की बात की जाए तो काले आलू की खेती अमेरिका के पहाड़ी इलाकों में उगाई जाती है सबसे बड़े स्तर पर काले आलू की खेती अमेरिका के एंडीज शहर में की जाती है परंतु पिछले साल से हमारे देश भारत में भी इसकी खेती की जा रही है काले आलू की खेती( Black Potato Farming) बिहार पंजाब उत्तर प्रदेश हरियाणा की कुछ किसान सफलतापूर्वक कर रहे हैं तथा अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं
काले आलू में उपस्थित पोषक तत्व
जानकारी के लिए आपको बताते हैं कि काला आलू एक शुगर फ्री आलू है| जिसे डायबिटीज रोगी भी आसानी से खा सकता है परंतु सफेद आलू को डायबिटीज रोगी के लिए हानिकारक होता है| काले आलू में बहुत से पोषक तत्व पाया जाता है जो हमारे शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद होते हैं|
इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, फाइबर, पोटेशियम, कॉपर तथा विटामिन B6 और विटामिन सी काफी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं| काले आलू में आयरन की बात की जाए तो इसमें 60 आयरन की मात्रा पाई जाती है| इसमें विटामिन बी6 एंथोसाइएनिन मौजूद होता है जो कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरक्षक तंत्र को मजबूत करता है|
काले आलू में एंटीऑक्सीडेंट और फ्लोरिक एसिड काफी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं जो की मानव शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद और लाभदायक होते हैं| काले आलू के सेवन से हार्ट लवर ऑफ फेफड़े के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं |
काले आलू के फायदे
- काले आलू का सेवन डायबिटीज रोगी आसानी से कर सकते हैं |
- काले आलू के सेवन से हमारे शरीर की इम्युनिटी पावर भी पड़ती है |
- इसके सेवन से हमारे शरीर का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है |
- काले आलू की सेवन से ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी समस्या कम होती है |
- काले आलू में फैट तक कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है जिससे हमारे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है |
- काले आलू के सेवन से हमारे पाचन तंत्र में भी सुधार होता है |
काले आलू की खेती( Black Potato Farming) कैसे करें
जिस प्रकार सभी आलू की खेती की जाती है उसी प्रकार प्रकार काले आलू की खेती( Black Potato Farming) भी की जाती है| काले आलू की खेती (Black Potato Farming) करने के लिए काली मिट्टी दोमट मिट्टी तथा सभी उपजाऊ मिट्टी का उपयोग कर सकते हैं आप जिस भूमि में काले आलू की खेती करें ध्यान दें कि उस भूमि जल निकास अच्छा हो और भूमि का पीएच मान 6 से 8 के बीच रहना चाहिए |
काले आलू की खेती के लिए जलवायु
सामान्य आलू की खेती सर्दी के मौसम में की जाती है| उसी प्रकार काले आलू की खेती (Black Potato Farming) भी सर्दी के मौसम में की जाएगी| काले आलू के खेती (Black Potato Farming) के लिए उपयुक्त तापमान 15 से 25 अंश सेल्सियस तक रहना चाहिए| आलू की खेती के लिए अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक रहना चाहिए तथा आलू को पाले से बचाने चाहिए|
आलू बुवाई का समय
सामान्य आलू की जिस तरह से बुवाई की जाती है| उसी प्रकार काले आलू की भी बुवाई की जाएगी| आलू की अगेती बुवाई किसान सितंबर महीने में करते हैं तथा पछेती बुवाई अक्टूबर से नवंबर महीने में की जाती है इस समय आलू की बुवाई करने से किसानों को अधिक उत्पादन प्राप्त होता है तथा आलू की अगेती बुवाई करने से मार्केट में भी नई आलू की मांग बनी रहती है और दाम भी अच्छा मिल जाता है|
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काले आलू की खेती में खाद तथा उर्वरक
काले आलू की खेती (Black Potato Farming) में खाद की बात की जाए तो खेत को तैयार करते समय ही इसमें 15 से 20 टन प्रति हेक्टेयर की दर से सड़ी हुई गोबर की खाद को खेत में डालकर अच्छे से मिला देना चाहिए| इसके अलावा रासायनिक खाद की बात की जाए तो डेढ़ से 2 कुंतल प्रति हेक्टेयर की दर से यूरिया, 55 से 60 किलोग्राम फास्फोरस, 90 से 100 किलोग्राम पोटाश, की मात्रा को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देना चाहिए| इससे काले आलू की खेती (Black Potato Farming) में अत्यधिक पैदावार होती है और आलू की गुणवत्ता भी अच्छी प्राप्त होती है |
काले आलू की खेती में कमाई
सामान्य आलू में भी अच्छी कमाई हो जाती है परंतु काले आलू अपने औषधीय गुणों के कारण इसकी भारतीय बाजारों में मांग अधिक रहती है तथा इसका उत्पादन आज के समय में बहुत काम किया जा रहा है इसलिए इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है | काले आलू के उत्पादन की बात की जाए तो एक हेक्टेयर में 350 से 400 कुंतल तक उत्पादन मिलता है | काले आलू की कीमत की बात की जाए तो काले आलू की 1 किलोग्राम की कीमत 90 से 100 रुपए होती है | इसलिए काले आलू की खेती (Black Potato Farming) से किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं |
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
1 किलो काले आलू की कीमत 90 से 100 रुपये किलो होती है |
काले आलू का सेवन डायबिटीज रोगी आसानी से कर सकते हैं |काले आलू के सेवन से हमारे शरीर की इम्युनिटी पावर भी पड़ती है | इसके सेवन से हमारे शरीर का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है | काले आलू की सेवन से ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी समस्या कम होती है | काले आलू में फैट तक कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है जिससे हमारे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है |काले आलू के सेवन से हमारे पाचन तंत्र में भी सुधार होता है
जहाँ पर सफ़ेद या लाल आलू की खेती हो सकती है वहां काले आलू की खेती (Black Potato Farming)हो सकती है |