प्याज की खेती (Onion Farming) कैसे करें ! कैसे करें लाखों की कमाई प्याज की खेती करके

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका upagriculture के इस नए पोस्ट प्याज की खेती (Onion Farming) नंबर आज के इस पोस्ट के माध्यम से प्याज की खेती के बारे में जानकारी आपको देंगे

प्याज की खेती (Onion Farming) की जानकारी

प्याज की खेती (Onion Farming) लोग सब्जी के रूप में करते हैं तथा इसकी फसल पौधों के जड़ों में होती है इसके अलावा प्याज को कई राज्यों में कांदा के नाम से भी जानते हैं। प्याज का इस्तेमाल मसाले और सब्जी के रूप में करते हैं, प्याज में बहुत से पोषक तत्व मिलते हैं जिस वजह से प्याज का सेवन हमारे शरीर के लिए लाभकारी होता है। इसके अलावा इस औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है तथा  इसका इस्तेमाल दवाई को बनाने में किया जाता है।

प्याज मुख्य रूप से रेडिएशन को खत्म करता है तथा गर्मी के मौसम में प्याज लू से भी बचता है  इसकी खेती के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है इसकी खेती ! भारत के उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और बहुत से राज्यों में की जाती है प्याज की मांग बाजार में लगभग पूरे वर्ष बनी रहती है

Onion Farming

जिससे प्याज की खेती (Onion Farming) करना आपके लिए लाभकारी हो सकता है तो इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पड़े क्योंकि आपको इसमें प्याज की खेती कैसे करें तथा प्याज की खेती (Onion Farming) से कमाई के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।

प्याज की खेती (Onion Farming) के लिए आवश्यक मिट्टी जलवायु एवं तापमान

प्याज की खेती (Onion Farming) के लिए किसी खास भूमि की आवश्यकता नहीं होती है। इसकी खेती किसी भी उपजाऊ भूमि की जा सकती है लेकिन बलुई मिट्टी को प्याज की खेती (Onion Farming) के लिए उपयुक्त माना जाता है कंद की तरह ही प्याज को भी उगाया जाता है इसलिए प्याज के खेतों में अधिक जल नहीं भरना चाहिए। इसकी फसल के लिए भूमिका पीएच मान 5 से 6 के मध्य होना चाहिए।

प्याज की खेती के लिए गर्म और सर्द जलवायु प्रयुक्त होते हैं किंतु सर्द जलवायु में प्याज की खेती (Onion Farming) करने पर आप अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। सर्दी के मौसम में गिरने वाले पाला प्याज की खेती (Onion Farming) के लिए हानिकारक होते हैं। प्याज की खेती के लिए 30 डिग्री अधिकतम तथा 15 डिग्री न्यूनतम तापमान की आवश्यकता होती है।

प्याज की किस्में

आज के समय पैदावार के लिए जलवायु के साथ-साथ अच्छी किस्म की भी जरूरत होती है। ऐसे बीजों को अधिक पैदावार के लिए बनाया जाता है प्याज की किस्म को रवि और खरीफ की प्रजातियां में बांटा गया है।

रवि प्रजाति का प्याज
रवि के समय की गई प्याज की खेती (Onion Farming) में अधिक पैदावार प्राप्त होता है। इस किस्म को सर्दी के मौसम में उगाया जाता है इसकी रोपाई नवंबर और दिसंबर महीने में की जाती है। रवि के मौसम में पूसा रतनार, एग्रीफाउंड लाइट रेड, एग्रीफाउंड रोज, भीमा रेड, भीमा शक्ति और पूसा रेड वाली किस्मे उगाई जाती है।

खरीफ प्रजाति की प्याज
प्याज की खेती में खरीफ प्रजाति का प्रयोग बहुत कम किया जाता है। इसमें प्याज की रोपाई मई और जून माह के मध्य की जाती है खरीफ के मौसम मेंभीमा सुपर, पूसा व्हाइट राउंड, एग्रीफाउंड डार्क रेड और भीम डार्क रेड किस्मों को उगाने के लिए तैयार किया जाता है।

एग्रीफाउंड डार्क रेड

प्याज की एग्रीफाउंड डार्क रेड किस्म को गर्मी के मौसम में उगने के लिए उच्चतम माना जाता है। इस किस्म के पौधे को भारत में लगभग हर जगह पर लगाया जाता है यह फसल कंद के आकार का गोलाकार होता है यह बीज के रोपाई के 100 से 110 दिन में तैयार हो जाता है यह किस्म एक हेक्टेयर में लगभग 300 कुंटल की पैदावार देती है।

भीम सुपर
भीम सुपर 110 से 120 दिन में तैयार हो जाती है इस खरीफ की फसल के समय पछेती किस्म के रूप में उगाया जाता है। भीम सुपर ! प्रति हेक्टेयर लगभग 250 से 300 कुंटल के पैदावार देती है

एग्री फाउंड लाइट रेड
यह किस्म बीज की बुवाई के 120 दिन के अंतराल में ही पैदावार देने लगती है इस किस्म की खेती (Onion Farming) रवि के मौसम में की जाती है। इस किस्म में के कंदो का रंग हल्का लाल और इसका आकार गोलाकार होता है। इस किस्म की प्याज 300 से 350 कुंतल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैदावार देती है।

पूसा व्हाइट राउंड
इस किस्म की रोपाई के लगभग 135 दिन के बाद ही पैदावार शुरू हो जाते हैं। इससे निकलने वाले कंद  सफेद रंग के होते हैं , यह किस्म से आपको 300 कुंटल की पैदावार प्रति हेक्टेयर देती है।

प्याज के खेत और उर्वरक की मात्रा।

प्याज की खेती (Onion Farming) करने के लिए सबसे पहले इसके खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए, इसके बाद कुछ समय तक खेत को सूखने के लिए  खुलने में छोड़ देना चाहिए, इसके बाद खेत में प्राकृतिक खाद के रूप में प्रति हेक्टेयर लगभग 15 से 20 गाड़ी पुरानी गोबर के खाद डालनी चाहिए। खाद डालने के बाद खेत को फिर से अच्छे से जुताई करनी चाहिए जिससे गोबर अच्छे से मिल जाते हैं।

यदि आप चाहे तो वर्मी कंपोस्ट खाद का प्रयोग भी कर सकते हैं इसके लिए आपको खेत की आखिरी जुताई  के समय नाइट्रोजन 40 किलो, पोटाश 20 किलो, सल्फर 20 KG की मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में डालकर अच्छे से जुताई करनी चाहिए। गोबर की खाद को मिट्टी में मिलने के पश्चात उसमें पानी लगाकर पलाव कर देना चाहिए।

फिर उसे कुछ समय के लिए ऐसे ही छोड़ देना चाहिए इसके बाद जब खेत की ऊपरी सतह आपको सुखी दिखे तो उसमें रोटावेटर लगाकर अच्छे से जुताई करना चाहिए इसके बाद खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाए तो उसे पाटा लगाकर बराबर कर देना चाहिए। समतल खेत में कंद के उपाय के लिए एक फीट की दूरी रखते हुए मेढ़ को तैयार करना चाहिए।

प्याज की खेती (Onion Farming) का सही समय और सही तरीका।

प्याज की खेती (Onion Farming) के लिए सबसे पहले आपको उसके पौधे तैयार करने होते हैं वह पौधे तैयार हो जाने के बाद इसके कंदो को खेतों में लगा देना चाहिए। इसके पहले इसके पौधों को नर्सरी में एक से दो महीने में तैयार किया जाता है और यदि आप चाहे तो इसके पौधे आप रजिस्टर नर्सरी से भी खरीद सकते हैं। इससे आपका समय की बचत भी होगी और पैदावार भी जल्दी होगा। पौधों को खरीदते समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए की पौध बिल्कुल स्वस्थ हो और पौधे 2 महीने से कम के ना हो। इसके पौधों की रोपाई, तैयार की गई मेड़ों के दोनों तरफ से करनी चाहिए।

Onion Farming

मेड़ों  पर पौधों को 5 से 7 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाना चाहिए। प्याज की खेती खरीफ के किस्में से करते हैं तो अगस्त का महीना आपके लिए सबसे उपयुक्त होगा और यदि आप पौधे के उपाय रवि के मौसम में करते हैं तो उसके लिए दिसंबर से जनवरी का महीना उपयुक्त होता है प्याज के पौधों को खेतों में लगाने से पहले उनको जड़ों को मोनोक्रोटोफॉस और कार्बन डांसिंग में उपचारित कर लेना चाहिए। इससे पौधों के विकास के समय लगने वाले रोगों का खतरा काम हो जाता है।

प्याज के खेत की सिंचाई

प्याज के खेत (Onion Farming) में ड्रिप विधि का इस्तेमाल करना अच्छा होता है। इसकी फसल को 10 से 12 सिंचाई की जरूरत होती है इसके पौधों की पहली सिंचाई रोपाई के बाद करी जाती है। खेत में नमी को बनाए रखने के लिए 30 दिनों के अंतराल पर हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए। इसके बाद जब प्याज के कंद का विकास करने लगे उसे समय पौधों को दो से तीन दिन के अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता होती हैं।

प्याज की फसल में खरपतवार नियंत्रण

प्याज की खेती (Onion Farming) में खरपतवार नियंत्रण आवश्यक होता है क्योंकि खरपतवार से होने वाले किट प्याज की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। खरपतवार नियंत्रण के लिए आप प्राकृतिक विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन पौधों की खुदाई करते समय कंदों की जड़ों पर खास ध्यान रखना होता है। गुड़ाई के बाद पौधों की चरणों पर मिट्टी चढ़ा दी जाती है। इससे पौधों की अधिकतम 5 से 7 गुड़ाई की जरूरत होती है इसके अतिरिक्त खरपतवार अधिक होने पर पेडी मैथिली का भी छिड़काव खेत में किया जाता है।

प्याज के खेत में लगने वाले रोग एवं रोकथाम

थ्रिप्स- यह रोग फसलों पर कीटों के रूप में आक्रमण करता है यह किट पत्तियों पर बैठकर पत्तियों के रस को चूस लेते हैं जिससे पत्तियां सफेद हो जाती है और पत्तियों पर धब्बे देखने लगते हैं। इसके किट आकार में बहुत छोटे होते हैं जो दिखने में हल्के पीले रंग के होते हैं इस रोग की रोकथाम के लिए पौधों पर इमीडाक्लोप्रि कीटनाशक 17.8 एस.एल. का छिड़काव किया जा सकता है।

पौध गलन रोग- यह रोग अकसर रोपाई के तुरंत बाद ही देखने को मिलने लगता है इस रोग से प्रभावित पौधे शुरुआत में ही पीले पड़ कर गलने लगते हैं और रोग का प्रभाव बढ़ने पर पौधे पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं इस रोग से बचाव के लिए सीरम की 0.2% मात्रा का पैधों को रोपाई से पहले उपचारित करना चाहिए।

जड़ सड़न रोग- फसलों में यह रोग होने पर पौधे की जड़े हल्के गुलाबी रंग की दिखने लगती है। इसमें कुछ समय के बाद पौधा सूखकर नष्ट हो जाता है इस रोग से बचाव के लिए आप कार्बेन्डाजिम की उचित मात्रा का छिड़काव पौधों पर कर सकते हैं।

प्याज की खुदाई पैदावार और कमाई

प्याज के पौधों की रोपाई के लगभग 4 से 5 महीने के बाद यह खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। जब इसके पौधे की पत्तियां पीली होकर गिरने लगे उसे तरह उनके फलों की खुदाई की जाती है। इसके बाद कंदो को खोदकर उन्हें 2-3 दिन तक अच्छे से सुख दिया जाता है। सूखने के बाद जड़ों और पत्तियों को काटकर अलग कर दिया जाता है इसके बाद कंदो को छायादार जगह पर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है।

एक हेक्टेयर में लगभग 350 से 400 कुंतल की पैदावार प्याज की होती है .यदि आप चाहे तो इसकी दोनों पैदावार से 800 कुंतल तक की पैदावार आसानी से कर सकते हैं। इस हिसाब से इसकी कमाई की बात करें तो किसान भाई एक वर्ष में लगभग 3 से 4 लाख तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं।

आशा करते  है आपको यह पोस्ट प्याज की खेती कैसे करें (Onion Farming) पसंद आई होगी यदि आपको किसी भी फसल की जानकारी चाहिए तो कमेंट में जरूर बताये हम आपको उन फसलों की जानकारी भी उपलब्ध कराएँगे और इस पोस्ट को अपने साथियो और मित्रो को जरूर शेयर करें ।

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्याज की खेती (Onion Farming) करने के लिए सबसे अच्छा महीना कोन सा होता है?

प्याज की खेती (Onion Farming) नवंबर के अंतिम सप्ताह में करनी चाहिए।

प्याज की फसल में कौन सा खाद डालना चाहिए?

प्याज की खेती में सड़ी हुई गोबर की खाद उपयुक्त मानी जाती है।

1 एकड़ में कितना प्याज होता है?

1 एकड़ में लगभग 20 तन की पैदावार होती है |

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