Coffee Ki Kheti कैसे करे | और काफी की फसल से कितन होता है मुनाफा

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका upagriculture के नई पोस्ट कॉफी की खेती (Coffee Ki Kheti) में आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कॉफी की खेती (Coffee Ki Kheti) के बारे में बताएंगे यदि आप भी कॉफी की खेती (Coffee Ki Kheti) करना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़े |

आप पता ही होगा कि कॉफी की खेती नगदी फसल के रूप में करी हैं। जिसका प्रयोग ज्यादातर पेय पदार्थ के स्वरूप में किया जाता है। भारत में कॉफी को कई जगह कहवा के नाम से भी जाना जाता है। एक बार कॉफी के पौधों को लगाने के बाद कई सालों तक फसल प्राप्त किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अच्छे गुणकता के कारण भारत में उत्पादन काफी की मांग विश्व में सबसे अधिक है।

भारत में काफी का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों के पहाड़ी इलाकों में किया जाता है यहां लगभग कुल 8200 तन से भी ज्यादा कॉफी का उत्पादन किया जाता है जिसमें से कर्नाटक राज्य में अधिकतम 53% तथा केरल में 28 प्रतिशत और तमिलनाडु में कुल 11 प्रतिशत काफी का उत्पादन किया जाता है। coffee ki kheti kaise hoti hai

कॉफी की खेती (Coffee Ki Kheti)  उपयुक्त समय

कॉफी के पौधे लगाने का सही समय फरवरी और मार्च के माह को माना जाता है।

कॉफी पौधे तैयार करने का सही तरीका

कॉफी के पौध को आप बीज या कलम विधि द्वारा तैयार कर सकते है। बीज से पौधों को तैयार करने के बहुत श्रम और समय लगता है। इसलिए इसकी पौध कलम के द्वारा ही तैयार की जाती है।

कॉफी के पौधरोपण का तरीका

कॉफी के फोटो में लगाए जाते हैं इससे पहले आपको खेत में तैयार हो के मध्य एक छोटा गड्ढा बना लेना चाहिए उसके बाद पौधों की प्लास्टिक को हटाकर उसे गधों में लगाकर चारों तरफ से अच्छे से मिट्टी डालकर दबा देना चाहिए इससे पौधों का विकास करने के लिए छाया की भी जरूरत होती है इसलिए इसके पत्ते पंक्तियों में चार से पांच पौधे पर किसी छायादार वृक्ष के उपाय भी करनी चाहिए

कॉफी के खेत में पौध से पौधे की दूरी

खेत में पंक्तियों में 4-5 मीटर के आसपास दूरी रखते हुए गड्डे तैयार कर लें।

कॉफी की खेती (Coffee Ki Kheti) के लिए अनुकूल जलवायु

इसकी खेती के लिए सुख से जलवायु एवं आत्म मौसम अच्छा माना जाता है इसकी फैसले छायादार जगह हो में अच्छी होती है ठंडी के मौसम में पौधों के विकास में गिरावट आ जाती है काफी के पौधे न्यूनतम 15 डिग्री से लेकर अधिकतम 30 डिग्री तक का तापमान सहन कर सकते हैं

कॉफी की खेती (Coffee Ki Kheti) के लिए भूमि का चयन

कॉफी के अच्छे उत्पादन के लिए और कार्बनिक पदार्थ से भरपूर दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है इसके लिए इसकी खेती जल ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा की मिट्टी में भी आसानी से की जा सकती है कॉपी की खेती ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में की जाती है

कॉफी की खेती (Coffee Ki Kheti) के लिए खेत की तैयारी

पौध रोपण से पहले खेत की अच्छे से जुताई कर कुछ दिन के लिए खुला छोड़ देते हैं। उसके बाद खेत में रोटावेटर चलाकर मिट्टी को भुरभुरा बना लें। मिट्टी को भुरभुरा करने के पश्चात खेत में पाटा लगाकर भूमि को समतल कर लेना चाहिए इससे पौधे खेत में गड्ढे तैयार कर कर उसमें पौधे लगाए जाते हैं

कॉफी की खेत (Coffee Ki Kheti) में खाद एवं रासायनिक उर्वरक

Coffee Ki Kheti

कॉफी की अच्छी बढ़वार और अधिक उपज के लिए खाद एवं उर्वरक की अधिक आवश्यकता होती है। इसके लिए गड्ढे तैयार करते समय प्रत्येक पौधों को लगभग 20 किलो अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट देनी चाहिए। रासायनिक उर्वरक में एन.पी. के. और आवश्यक पोषक तत्व मिट्टी परिक्षण के आधार पर देना चाहिए।

कॉफी की खेती (Coffee Ki Kheti) में खरपतवार नियंत्रण

उनकी फसलों के खरपतवार की रोकथाम के लिए आपको निराई गुड़ाई करते रहना चाहिए

कॉफी की खेत (Coffee Ki Kheti) की सिंचाई

कॉफी के पौधों को खेत लगाने के तुरंत बाद उनकी पहली सिंचाई कर देनी चाहिए। गर्मियों में सप्ताह में एक बार सिंचाई करनी चाहिए। ठंड के मौसम में 10 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।

कॉफी की खेती की कटाई छटाई

कॉफी के पौधों को खेत में लगाने के लगभग तीन से चार साल बाद पैदावार देना शुरू करते हैं। इसके लिए पौधों की अच्छी देखभाल और कटाई छटाई समय समय पर की जानी आवश्यक है।

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कॉफी फलों की तुड़ाई

कॉफी के पौधों में फूल लगने के 5 से 6 महीने बाद पौधे पैदावार देना शुरू कर देते हैं।

कॉफी की खेती (Coffee Ki Kheti) से पैदावार और लाभ

कॉफी की खेती किसानों के लिए बहुत लाभदायक होती है। इसकी अरेबिका प्रजाति के पौधों का उत्पादन लगभग 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा रोबस्टा प्रजाति के पौधों का उत्पादन लगभग 8.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो जाता हैं।

सामान्यत पूछे जाने वाले प्रश्न

काफी के पेड़ कैसे लगाए जाते हैं?

8 से 10 इंच के पौधे को लेकर उसके ऊपर के पत्तियों को छोड़कर बाकी से हटा दे उसके बाद उसे गड्ढे में रखकर अच्छे से मिट्टी से दबा दें।

काफी को भारत में किसने लाया था?

काफी को भारत में से मुस्लिम संत बाबा गोदान ने लाया था।

काफी के पौधे कितने साल में फल देने लगते हैं?

काफी के पौधे कुल तीन से चार साल पश्चात फल देना आरंभ करते हैं।

काफी को और क्या कहते हैं?

काफी को कुछ लोग कहवा के नाम से भी जानते हैं।

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