Genda Ki Kheti : गेंदा फूल की खेती कम लागत ज्यादा मुनाफा

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका upagriculture के नई पोस्ट गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) में आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) के बारे में बताएंगे यदि आप भी गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) करना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़े |

गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti )

Table of Contents

गेंदा एक ऐसा फूल होता है जो आसानी से आपको कहीं भी कभी भी मिल जाएगा गेंदा फूल का इस्तेमाल खासकर सजावट के लिए किया जाता है परंतु इन फूलों का व्यापक रूप माला और सजावट के लिए उपयोग किया जाता है |

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेंदा फूल की खेती ( Genda Ki Kheti )को आप सर्दी के मौसम में गर्मी के मौसम में और बरसात के मौसम में भी आसानी से कर सकते हैं गेंदा के फूल का उपयोग पूजा से लेकर शादी और हर शुभ कामों में प्रयोग किया जाता है हमारे भारत की संस्कृति और रीति रिवाज के अनुसार सभी सभी फूलों का अपना अलग-अलग महत्व होता है किसी भी प्रकार का फूल हो पूजा और शुभ कार्यों के लिए वह प्रयोग किया ही जाता है यही कारण है कि भारतीय किसान अब सभी मौसम में गेंदे की खेती करना पसंद करते हैं |

गेंदा की खेती कैसे करे ( How to Genda Ki Kheti )

भारत के किसान किसी भी मौसम में गेंदे की खेती ( Genda Ki Kheti )करके काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं गेंदा के फूलों की सबसे खास बात यह होती है कि इन्हें आप अधिक समय तक सुरक्षित रख सकते हैं और गेंदा के फूलों से जैविक रंगों का भी उत्पादन किया जाता है जो खाने और कपड़ों की रंगाई करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है |

गेंदा फूल की खेती कब करें ( When to cultivate marigold flower )

गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) मुख्य रूप से ठंडी के मौसम में की जाती है क्योंकि ठंड के मौसम में गेंदा की वृद्धि और फूलों के गुणवत्ता दोनों ही अच्छी होती है जिस कारण से यह ठंडी के मौसम के लिए अनुकूल माना जाता है और यह भी सच है कि गेंदा फूल की खेती ( Genda Ki Kheti ) मानसून ,सर्दी और गर्मी तीनों मौसम में ही आसानी से की जा सकती है |

गेंदा फूल की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी ( Suitable soil for marigold cultivation )

गेंदा फूल की खेती ( Genda Ki Kheti ) किसी प्रकार की मिट्टी में कर सकते हैं परंतु यदि आप इसकी खेती अच्छे जल विकास वाली उपजाऊ मिट्टी में करते हैं तो उपज अच्छी मात्रा में प्राप्त होती है गेंदा की खेती करते समय यह अवश्य ध्यान दें कि जिस मिट्टी में आप इसकी खेती कर रहे हैं वहां पर जल भराव की समस्या ना उत्पन्न हो क्योंकि यह फसल जल जमाव वाली मिट्टी में अधिक समय तक स्थिर नहीं रह सकती गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) करने के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 होना आवश्यक होता है तेजाबी मिट्टी में इसकी खेती नहीं की जा सकती है |

गेंदा की खेती के लिए उन्नत किस्मे ( Improved varieties for marigold cultivation )

गेंदा की खेती करने के लिए विभिन्न प्रकार की उन्नत किस्म उपलब्ध है |

Genda Ki Kheti

पूसा संतरा ( क्रैकर जैक अगर गोल्डन जुलाबी )

इस किस्म के पौधे को तैयार होने में 125 से 135 दिन का समय लगता है इनके पौधों से निकलने वाले फूलों का रंग नारंगी होता है व्यावसायिक रूप से इस  किस्म की खेती करने के लिए पौधों से पौधों के बीच की दूरी 8 सेंटीमीटर होनी चाहिए प्रति हेक्टेयर में लगभग 35 कुंतल फूलों का उत्पादन प्राप्त होता है |

पूसा बसंती ( गोल्डन येलो जारसन जायंट )

गेंदा फूलों की यह किस्म 135 से 140 दिनों के बाद तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं इस किस्म के फूलों की व्यावसायिक खेती करने के लिए पौधे से पौधा के बीच की दूरी 9 सेंटीमीटर ब्यास वाले होने चाहिए इस किस्म में एक हेक्टेयर खेत में 32 कुंतल कब तक फूलों का उत्पादन प्राप्त होता है |

अफ्रीकन प्रजाति

इस प्रजाति के पौधे का दूसरा नाम टेगेटस होता है इस प्रजाति के पौधों की ऊंचाई लगभग तीन से चार फीट ऊंचा होता है जिसमें खिलने वाले फूल पांच से साथ सेंटीमीटर लंबे होते हैं जो सफेद चमकीला नारंगी पीले और पीले नारंगी रंग के पाए जाते हैं इस प्रजाति में क्लाइमेक्स क्यूट , येलो कोलगेट , क्राउन गोल्ड , येलो ,सुप्रीम गुलाबी ,और रिवरसाइड ब्यूटी जैसी विभिन्न प्रकार की किस्म उगाई जाती हैं मुख्य रूप से इसका उत्पादन व्यवसाय के लिए किया जाता है |

फ्रांसीसी गेंदा

इस किस्म के पौधों की लंबाई लगभग 1 फीट तक होती है और जिनकी शाखाओ का विकास अधिक मात्रा में होता है अन्य प्रजाति की अपेक्षा इसमें अधिक मात्रा में फूल खिलते हैं जिसमें गोल्डन बाल देने की मैरियट रेड हेड कपिड येलो गोल्डन जिम बोलोरो और बटर स्कॉच जैसे किस्म का उत्पादन किया जाता है 

मैक्सिम गेंदा

इस किस्म के पौधों की लंबाई सामान्य होती है इनमें लगने वाले फूलों का रंग पीला और नारंगी होता है और उनके पौधों पर अधिक मात्रा में फूल आते हैं उनकी विभिन्न किस्म जैसे गेट्स लेमुनि ,गेट्स ल्यूसीडा ,और गेट्स मैन्यूटा जैसे उन्नत किस्मो का उत्पादन किया जाता है |

गेंदा की खेती में प्रयुक्त होने वाले उर्वरक की मात्रा ( Amount of fertilizer used in marigold Farming in India )

गेंदा के फूलों की अच्छी मात्रा में पैदावार प्राप्त करने के लिए उचित मात्रा में उर्वरक और खाद की जरूरत होती है गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) करने के लिए एक एकड़ में 12 से 15 ट्रॉली पुरानी साड़ी हुई गोबर के खाद को मिट्टी में अच्छे तरीके से मिला और इसके पश्चात खेतों की आखिरी जुताई करते समय 50 – 60 किलो एन पी के की मात्रा का छिड़काव कर देना चाहिए गेंदा के पौधों की रोपाई के 1 महीने के बाद 20 किलो ग्राम नाइट्रोजन की मात्रा एक एकड़ खेत में डाल देना चाहिए और दूसरे महीने में भी इतनी ही मात्रा में नाइट्रोजन डाल देना चाहिए |

गेंदा की खेती के लिए पौधों की तैयारी ( Preparation of plants for marigold cultivation )

Genda Ki Kheti

 

गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) करने के लिए गेंदा के बीज को सीधे खेत में नहीं लगना चाहिए सबसे पहले गेंद के बीच से नर्सरी को तैयार कर लेना चाहिए यदि आप एक हेक्टेयर में गेंदा के फूल की खेती गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) करने के लिए पौधे को तैयार करते हैं तो इसके लिए आपको 700 से 800 ग्राम शंकर किस्म के बीज़ की आवश्यकता होती है इसके बाद भी यदि आप अन्य साधारण किस्म का उपयोग करते हैं तो 1 किलो से अधिक बीज़ लग जाता है |

गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) पूरे वर्ष की जाने के कारण पौधे की रोपाई करने से लगभग 1 महीने पहले नर्सरी को तैयार कर लेना चाहिए |

गेंदा के पौधों की रोपाई ( Planting of Marigold Plants )

गेंदा की खेत ( Genda Ki Kheti ) के लिए पौधों की रोपाई पूरे वर्ष में कभी भी कर सकते हैं तुरंत के पौधे को लगाने के लिए सही समय का ध्यान देना आवश्यक होता है पौधे को लगाने के लिए शाम का समय सबसे उपयुक्त होता है क्योंकि यदि आप पौधों की रोपाई शाम के समय में करते हैं तो इसके नष्ट होने की संभावना बहुत कम होती है |

गेंदा के पौधों की रोपाई खेत में तैयार मेड पर भी की जा सकती हैं इन मेड़ो के बीच की दूरी 1 फीट होनी चाहिए ताकि पौधों को फैलने और विकास करने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके इसके पश्चात भी कुछ किसान समतल क्यारी में पौधे लगाना पसंद करते हैं गर्मियों के मौसम में पौधों से पौधों के बीच की दूरी 2 फीट तथा अन्य मौसम में एक से डेढ़ फीट की दूरी होनी चाहिए |

गेंदा की खेती में पौधों की सिंचाई  (Irrigation of plants in Marigold Cultivation )

गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) में नमी की जरूरत होती है इसके लिए पौधे की रोपाई करने के तुरंत बाद हल्की मात्रा में सिंचाई कर देना चाहिए तथा जब तक पौधे जड़ ना पकड़ ले तब तक खेतों में नमी को बनाए रखना चाहिए और जब पौधों में जड़ आ जाए तो पौधों को 4 से 5 दिन के अंतराल में सिंचाई करते रहना चाहिए और जब पौधों में शाखाएं बनने लगे तो आवश्यकता पड़ने पर ही इसकी सिचाई करें |

गेंदा की खेती में खरपतवार ( Weeds in marigold cultivation )

गेंदा की खेती ( Genda Ki Kheti ) में खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए फसलों की निराई – गुड़ाई समय-समय पर करते रहना चाहिए इसकी पहली गुड़ाई बुवाई के लगभग 20 से 22 दिनों के बाद कर देनी चाहिए तथा दूसरी गुड़ाई 18 दिन के बाद और अन्य गुड़ाई को जरूरत पड़ने पर आवश्यकता अनुसार ही करना चाहिए |

यदि आप रासायनिक विधि से खरपतवारों को नियंत्रित करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको कार्बनडीए जिम का छिड़काव और रोपाई से पहले ही करना होगा प्राकृतिक विधि से जब भी खेतों की गुड़ाई करें तो पौधों के जड़ों को मिट्टी से अवश्य डालते हैं पौधों को मिट्टी से ढकने के कारण विकास अच्छे से होता है और फूल भी अधिक मात्रा में आते हैं |

गेंदा के फूलों की तुडाई का समय ( time to harvest Marigold Flowers )

गेंदा के फूल रोपाई के लगभग 95 दिनों के पश्चात तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं पौधों से फूलों को तोड़ते समय यह अवश्य ध्यान दें कि फूलों को डडी युक्त तोड़ना चाहिए फूलों की तुड़ाई ही सुबह शाम के समय में करना चाहिए और फूल तोड़ने के पश्चात खेतों में नमी बनाए रखें जिस कारण से फूल अत्यधिक समय तक ताजे बने रहते हैं |

गेंदा के फूलों की खेती से प्राप्त पैदावार और लाभ (Yield and benefits obtained from cultivation of Marigold Flowers )

दो तरह की ( Genda Ki Kheti ) से अच्छी पैदावार और लाभ कमा सकते हैं गेंदा के ताजे फूलों का बाजरी भाव 90 से 100 रुपए प्रति किलो होता है जिस कारण किसान भाई गेंदा की एक बार की फसल से फूलों के बेचकर 45 से 50000 तक की कमाई कर सकते हैं |

दूसरे तरीके में आप बीज़ों की पैदावार प्राप्त कर सकते हैं बीजों को प्राप्त करने के लिए आपको पौधों पर फूलों के सूखने का इंतजार करना होगा जब इसके बीच ठीक तरह से पक जाए तो उन्हें तोड़ ले एक एकड़ खेत में 35 से 40 किलोग्राम बीजों का उत्पादन प्राप्त हो जाएगा गेंदा का भारतियो बाजारों में भाव लगभग 1300 से ₹1400 प्रति किलो होता है जिसे बेचकर 65 से 70 हज़ार रुपए तक का भारी मुनाफा कमा सकते हैं |

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न 

गेंदा की खेती किस महीने में करना उचित होता है ?

गेंदा की खेती करने के लिए जून जुलाई का महीना सबसे अधिक उपयोगी होता है जून जुलाई के महीने में गेंदा की खेती आप इस स्थान में कर सकते हैं जहां पर पानी की उपलब्धता हो |

गेंदा की फसल कितने दिनों में तैयार हो जाती है ?

पूसा बसंती किस्म का गेंदा बुवाई के 135 से 145 दोनों के मध्य तैयार हो जाता है उनके पौधों में लगे फूलों का रंग पीला होता है बगीचे एवं गमले में उगने के लिए यह एक आदर्श किसमे होता है |

गेंदा की फसल का जीवनकाल कितना होता है ?

गेंदा की फसल का जीवनकाल ज्यादा से ज्यादा 1 वर्ष का होता है |

Leave a Comment