Gulab Ki Kheti : इस विधि से करे गुलाब की खेती होगी बम्पर कमाई

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका upagriculture के नई पोस्ट गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti )में आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) के बारे में बताएंगे यदि आप भी गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) करना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़े |

गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti )

Table of Contents

गुलाब एक ऐसा फूल है जिसका उपयोग सभी प्रकार के कार्यक्रम में  मंदिर में या फिर किसी का स्वागत करने के लिए और फंक्शन पड़ने पर भी फूलों का सबसे अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है घरों में होने वाले छोटे बड़े प्रोग्राम में भी गुलाब के फूल का अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है शादियों के मौसम में भी इसकी मांग बहुत अधिक रहती है जिस कारण से किसानों का आकर्षण गुलाब की खेती की तरफ बढ़ने लगा गुलाब की खेती इस समय बहुत ही फायदेमंद साबित हो रही है वैसे तो गुलाब का रंग गुलाबी ही होता है परंतु इस समय हमें विभिन्न रंगों के गुलाब के फूल दिखाई देते हैं |

जैसे सफेद लाल पीला रंग के गुलाब अधिक मात्रा में देखने को मिलते हैं और इसके अतिरिक्त दो रेंज और तिरंगे गुलाब नारंगी लाल रंग के भी गुलाब आसानी से देखने को मिलते हैं परंतु इस समय नील और काले रंग के भी गुलाब देखने को मिल रहे हैं गुलाब के फूल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है सौंदर्य बढ़ाने के साथ-साथ गुलाब का उपयोग विभिन्न प्रकार के औषधीय बनाने में भी किया जाता है |

जिन्हें तनाव और त्वचा के रोगों के इलाज के लिए अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता है भारत के कुछ राज्य जैसे कर्नाटक तमिलनाडु महाराष्ट्र बिहार उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब जम्मू कश्मीर आंध्र प्रदेश मध्य प्रदेश में गुलाब का उत्पादन अधिक मात्रा में किया जाता है यदि आप भी गुलाब की खेती करने का मन बना रहे हैं तो up agriculture मे गुलाब की खेती से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है  |

गुलाब की खेती के लिए उपयुक्त भूमि ( Land suitable for Gulab Ki Kheti )

गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) करने के लिए सही भूमिका चुनाव करना अधिक आवश्यक होता है गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) करने के लिए हमें ऐसी मिट्टी का चुनाव करना होगा जहां पानी की सुविधा पूर्ण रूप से हो तथा भूमि का चुनाव करते समय यह भी अवश्य ध्यान रखें की जहां पर आप गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) कर रहे हैं वहां पर बारिश के मौसम में जल भराव की समस्या ना उतना क्योंकि जल भराव के कारण गुलाब के पौधे खराब होने की संभावना रहती है और छायादार जगह का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) को अत्यधिक प्रभावित करती है |

इसीलिए गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) उसी स्थान पर करें जहां पर सूर्य का प्रकाश सीधे पौधों पर पढ़ सके और वह अच्छे से विकास कर सके गुलाब की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है परंतु यदि आप इसकी खेती अच्छे जल निकास वाली रौतेली 2 मिनट मिट्टी में करते हैं तो पौधों का विकास और फूलों का उत्पादन अच्छा प्राप्त होता है गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) के लिए भूमि का पीएच मान 6 से 7.5 होना चाहिए |

Gulab Ki Kheti

गुलाब की खेती के लिए प्रसिद्ध किस्म और पैदावार ( Famous varieties and yields for rose cultivation )

गुलाब का वर्गीकरण

गुलाब की खेती (Gulab Farming ) के लिए किस्म को मुख्यतः तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है एक प्रजातियां दो पुराने भाग तीन आधुनिक या नये गुलाब

प्रजातियां

इस प्रजाति को जंगली गुलाब के नाम से भी जाना जाता है इस तरह की गुलाब के फूलों का रंग चमकीला और पांच पंखुड़ी यो से युक्त होती हैं पीएम किसान सर्दियों के मौसम में अधिक समय तक रहते हैं |

Banksiae

इस किस्म के गुलाब को लेडी बैंक के नाम से भी जाना जाता है इस किस्म का मूल स्थान चिन्ह है चीन में इस किस्म की खेती अधिक मात्रा में की जाती है इसके पौधों में लगने वाले फूल छोटे सुगंधित और जामुनी रंग के होते हैं फूल छोटे गुच्छे में लगते हैं |

Eglanteria

इस किस्म के फूल एकल पंखुड़ियां और सुगंध से युक्त होती है |

Moyesh

इस किस्म के गुलाब का उत्पादन चीन में अत्यधिक मात्रा में किया जाता है इस किस्म के गुलाब का रंग लाल होता है |

Multiflora

इस किस्म का उत्पादन अत्यधिक मात्रा में एशिया में किया जाता है इसका मूल स्थान एशिया है इस किस्म के फूलों का रंग सफेद और सुगंध से भरपूर होते हैं इसके अलावा भी विभिन्न प्रकार की प्रजातियां जैसे Musk Setigera Sempervirens सौलियाना आदि |

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पुराने बाग वाले गुलाब के किस्म

पुराने बाग वाले गुलाब के किस्म के फूल बहुत ही ज्यादा आकर्षित और सुगंधित होते हैं यह गर्म जलवायु के अनुकूल और सर्दियों को भी सहने की क्षमता रखते हैं यह आसानी से हो जाते हैं और बीमारियों से बचा रहते हैं यह कई प्रकार की बैलों के रूप में और झाड़ियां के रूप में भी उगते हैं इनमें लगने वाले फूलों का रंग भिन्न-भिन्न होता है लेकिन ज्यादातर गुलाबों का रंग सफेद हल्का पीला रंग का होता है |

इसके अंतर्गत China roses, Tea roses, Moss Rosses, Damask roses, Bourbon Roses. Alba, Ayrshire, Gallica, Hybrid Perpetual, Portland, Ramblers, Noisette आदि आते हैं |

Alba

इस किस्म के फूलों का रंग सफेद होता है

Bourbon

इस किस्म के पौधे से प्राप्त फूलों का रंग गुलाबी और गहरा गुलाबी रंग का होता है

Bhaursault

इस किस्म का पौधा बड़ा होने पर झाड़ियां का आकार ले लेता है और इस किस में लगने वाले फूल का रंग जामुनी लाल होता है

Centifolia

इस किस्म के गुलाब को cabbage rose के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस किस में लगने वाले फूलों का रंग गोल आकार का होता है इस किस में लगने वाले फूल गुलाबी और सफेद रंग के होते है

Damask

इस किस्म के फूलों का रंग गहरा गुलाबी और सफेद होता है

Hybrid Perpetual

इस किस में लगने वाले फूलों का रंग बहुत ही बड़ा सुगंध से भरपूर और गुलाबी रंग का होता है

Marcrantha

इस किस्म के गुलाब में लगने वाली कलियां हल्के गुलाबी से सफेद रंग की होती हैं और यह किस एम में फूल बसंत ऋतु के आखिरी में एक बार ही लगते हैं

Moss

यह किस में विभिन्न प्रकार की झाड़ियां से युक्त होता है और इनमें विभिन्न रंगों के फूल मिलते हैं

आधुनिक गुलाब

आधुनिक इसमें आने वाले गुलाब बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है इश्क में लगने वाले फूल का रंग भिन्न भिन्न और और उत्तेजित होते हैं |

आधुनिक गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) के विभिन्न किस्म जैसे Hybrid tea roses, Floribunda roses, yellow permet rose, Grandiflora Roses, American Pillar, Grandifloras, Albas, Landscape Rose, Centifolia rose , mini flora, Hybrid Musk and Polyantha.|

Floribunda

यह किस्मत ज्यादातर झाड़ियां संयुक्त होती है जिनके फूल और तने छोटे होते हैं इस किस्म के गुलाब के पौधे में फूल बच्चों के रूप में लगते हैं  गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) इन किस्म के अंतर्गत आने वाली विभिन्न किस्मे  निम्नलिखित है जैसे Frisco kiss Florence Jaguar Impatient Angel face lvory fashion आदि आते है |

Hybrid tea

यह किम आधुनिक गुलाबों में सबसे लोकप्रिय किस्म है इस किस्म के पौधे 3 से 5 तक विकास करते हैं इनके फूलों की पंखुड़ियां दोहरी और अर्ध दोहरी होती है |

Shrub Roses

समानता यह जंगली प्रजाति से संबंध रखती है प्राकृतिक के आधार पर यह बहुत ही कठोर होते हैं इन्हें बहुत ही काम रखरखाव का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है यह स्पेशल रोज और बस रोज की सुमेल से तैयार किया जाता है इनके फुल गुच्चो के रूप में लगते हैं इनमें लगने वाले फूलों का रंग विभिन्न प्रकार के होते हैं और इनका आकार बड़ा होता है हम यह भी कर सकते हैं कि उनके आकारों की कोई निश्चित सीमा नहीं होती है |

Miniature Roses
गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) में इस तरह के किस्म के पौधे की ऊंचाई लगभग 2 फीट तक होती है इनमें लगने वाले फूलों का आकार छोटा होता है परंतु यह बहुत ही आकर्षक और विभिन्न रंगों के भी होते हैं जैसे Rainbows End Red Beauty Rise N Shine
Grandifloeas

इस किस्म के पौधे अधिक लंबे होते हैं इनके पौधों का विकास तीन से चार फीट तक होता है यह किस्म Hybrid Teas और Floribundas के मेल से तैयार किया जाता है इनके फुल सामान से बड़े आकार के होते हैं और कुछो में पैदा होते हैं जैसे Aquarius Gold Medal Pink Profait आदि

गुलाब की खेती के लिए भूमि की तैयारी ( Land preparation for rose Farming )

गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) करने के लिए सबसे पहले खेतों को अच्छे तरीके से तैयार करना होगा खेत को तैयार करने के लिए पहले खेत की अच्छी तरह से जुटाए करें पुरानी फसल के बचे हुए सभी अवशेषों को नष्ट कर दें इसके बाद खेतों को कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ दें ताकि खेत में अच्छे तरीके से धूप लग जाए और पुराने उसे नष्ट हो जाए मिट्टी को मुलायम बनाने के लिए बुवाई से 5 से 6 सप्ताह पहले खेती के लिए बैंड को तैयार कर लेना चाहिए बैंड बनाने के लिए 2.5 टन सड़ी हुई गोबर के खाद 2 किलो सुपर फास्फेट का प्रयोग करना चाहिए

गुलाब के पौधों की रोपाई का सही समय ( Right time to transplant rose plants  

उत्तरी भारत में गुलाब के पौधों की रोपाई करने का सही समय मध्य अक्टूबर का होता है रोपाई के बाद पौधों को हमेशा अच्छा नहीं रखना चाहिए यदि धूप ज्यादा हो तो पौधों पर लगातार पानी का छिड़काव करते रहना चाहिए यदि आप गुलाब बढ़िया मात्रा में उगना चाहते हैं तो दोपहर के अंत वाले समय में इसकी रोपाई करें

फासला

30 सेंटीमीटर व्यास और 30 सेंटीमीटर गहरे गड्ढे खोदकर 75 सेमी के फैसले पर पौधों की रोपाई करें पौधों से पौधों के बीच की दूरी गुलाब की किस्म पर आधारित होता है |

बीज़ की गहराई

बीजों को 2से 3 सेंटीमीटर की गहराई में बोना चाहिए

रोपाई का ढग

इसकी विजई सीधी यां पनीर के द्वारा की जाती है |

गुलाब के पौधे में लगने वाले हानिकारक कीट और रोकथाम ( Harmful pests of rose plants and their prevention )

सुडिया रोग

इस रोग से ग्रसित पौधों में सुडी का हमला दिखाइए देने लगता है इन रोगों से गुलाब के पौधों को बचाने के लिए मैथन मिले के साथ स्टीकर एक मिलीलीटर एक लीटर पानी का घोल बनाकर छिड़काव कर देना चाहिए |

थ्रिप्स, चेपा और पत्ते का टिड्डा

गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) गुलाब के पौधों को इस रोग से बचने के लिए मिथाइल डेमेटोन 25 ई सी 2 मि.ली. को प्रति लीटर पानी या कार्बोफिउरॉन 3 जी 5 ग्राम को प्रति पौधे छिड़काव कर देना चहिये |

गुलाब के पौधे में लगने वाली बीमारियां और रोकथाम ( Rose plant diseases and prevention )

पत्तों पर धब्बा रोग

यदि गुलाब के पत्तों में काले धब्बों का प्रकोप दिखाई दे तो कॉपर ऑक्सिक्लोराइड या मैनकोजेब
2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर 8 से 10 दिन के अंतराल में छिड़काव कर दें छिड़काव कर देने से यह रोग समाप्त हो जाता है

टहानियों का सूखना

यह एक सामान्य बीमारी होती है और यदि किसी रोग की रोकथाम सही समय पर ना किया जाए तो बाहरी मात्रा में नुकसान हो सकता है यदि आपको गुलाब के पौधों में इसका हमला दिखाई दे तो क्लोरोथालोनिल 2 ग्राम +टीपाल 0.5 मिली लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव कर देना चाहिए

पत्तों के ऊपर धब्बा रोग

यदि गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) में सफेद रोग का प्रकोप दिखाइए देने लगे तो फलुसिलाज़ोल 40 मि.ली +टीपॉल 50 मि.ली. को 100 लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव कर देना चाहिए |

गुलाब की खेती की सिंचाई ( Irrigation of rose cultivation )

गुलाब के पौधे को खेतों में लगाने के पश्चात तुरंत ही सिंचाई कर देना चाहिए सिंचाई कर देने से लगाए गए कलम को नमी मिल जाती है  गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) में पौधों की सिंचाई हल्की की मात्रा में ही करना चाहिए सर्दियों के मौसम में सप्ताह में एक बार तथा गर्मियों के मौसम में 3 से 4 दोनों के अंतराल पर पौधों की सिंचाई करते रहना चाहिए इसके अलावा भी यदि आप उत्तम किस्म के फूलों को प्राप्त करना चाहते हैं तो सिंचाई के साथ-साथ उचित मात्रा में उर्वरक को भी प्रति पौधे पर देते रहना चाहिए |

गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) में नीम की खाद और हड्डियों का चूड़ा इसके लिए अत्यधिक प्रभावशाली होता है इसके अलावा भी उड़िया फास्फेट और पोटाश की उचित मात्रा में देने पर पैदावार में काफी अंतर देखने को मिल सकता है यदि आपने पौधों को गमले में रख लगा रखा है तो उसकी दो से तीन इंच तक अपनी मिट्टी को निकाल दें तथा सड़ी हुई गोबर की खाद को भर दें |

गुलाब के पौधों की निराई – गुड़ाई ( weeding roses )

गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) से अच्छे मात्रा में पैदावार प्राप्त करने के लिए खेत की निराई गुड़ाई करना तरीका आवश्यक होता है गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) में गुलाब के पौधों की निराई गुड़ाई नवंबर माह के पश्चात शुरू कर देना चाहिए इस समय कलम से शाखाएं सबसे अधिक मात्रा में निकलते हैं जिसकी खुदाई कर नई शाखों का निर्माण होता है इसके अतिरिक्त यदि बार-बार पानी देने से जमीन कठोर भी हो जाती है तो करने से आसानी से पहुंच जाता है जिससे पौधे अच्छे से विकास करते है और पैदावार काफी अच्छे मात्रा मे प्राप्त होता है |

गुलाब के फूलों की तुड़ाई – छटाई एवं पैदावार  ( Rose flower harvesting, pruning and yield )

गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) में फूलों को तोड़ने का सही समय तब होता है जब गुलाब के फूलों में एक या दो पंखुड़ियां अच्छे तरीके से खिल जाती हैं फूलों को तोड़ने के बाद उसे तुरंत पानी से भरे बर्तन में रख देना चाहिए इसके पश्चात से कोल्ड स्टोरेज में रखना आवश्यक होता है जिससे इसे तीन से 10 डिग्री तक का तापमान उपलब्ध हो सके कोल्ड स्टोरेज में रखने के पश्चात ग्रेडिंग की जाती है |

ग्रेडिंग की प्रक्रिया को कोल्ड स्टोरेज में ही पूर्ण की जाती है फूलों की ग्रेडिंग करते समय यह अवश्य ध्यान देना चाहिए कि जिन फूलों की ग्रेडिंग कर रहे हैं उनकी डडी रोग मुक्त होनी चाहिए इसके बाद ही फूलों की पैकिंग करें |

गुलाब की खेती से कमाई ( Earning from Gulab Ki Kheti )

गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) करके हमारे किसान भाई काफी अधिक मात्रा में मुनाफा कमा रहे हैं गुलाब की खेती करने का सबसे मुख्य फायदा यह है कि बी रोपाई के लगभग चार से पांच महीना के बाद फूलों का उत्पादन प्राप्त होने लगता है एक एकड़ के क्षेत्र में लगभग 35 से 40 किलो तक गुलाब के फूल प्राप्त हो जाते हैं |

1 किलो गुलाब के फूल का बाजरी भाव 90 से ₹100 किलो तक होता है जिससे प्रतिदिन 2500 से 4000 तक की कमाई की जा सकती है इस तरह गुलाब की खेती ( Gulab Ki Kheti ) से एक साल में लगभग 250 से 300 क्विंटल तक फूलों का उत्पादन प्राप्त हो जाता है जिससे 22 से 25 लाख तक की कमाई हो सकती है |

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न 

गुलाब कौन से महीने में लगाना उचित होता है ?

समान रूप से गुलाब को जुलाई से अगस्त के महीने में लगते हैं तो भरपूर मात्रा में उत्पादन प्राप्त होता है |

भारत में गुलाब की खेती कहां-कहां की जाती है ?

भारत के कुछ राज्य जैसे महाराष्ट्र तमिलनाडु पश्चिम बंगाल और कर्नाटक मैं सबसे अधिक मात्रा में गुलाब की खेती की जाती है यदि आप गुलाब की सफल व्यावसायिक खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए सही किस्मों का चयन करना होगा |

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