लाल केले की खेती से करें बम्पर कमाई

किसान मित्रों आप भी लाल केले की खेती से अपने मुनाफे को कई गुना बढ़ा सकते है तो पूरी जानकारी के लिए 

लाल केले की गुणवत्ता 

केला हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद है और लाल केला पीले केले से अधिक फायदेमंद है | लाल केले में बीटा कैरोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है | जिसकी वजह से इसकी डिमांड और भी अधिक होती है | यह केला जितना ही सुंदर और आकर्षक दिखता है | उतना ही स्वादिष्ट और सेहतमंद भी है | इसमें मौजूद औषधिय गुण के कारण लोग इसे खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं |

केले की खेती कैसे करें

लाल केले की खेती सामान्य केले की खेती की तरह ही की जाती है | लाल केले की खेती भारत के राजस्थान के रेगिस्तान में और हिमालय के कुछ बर्फीले इलाकों में नहीं की जा सकती है बाकी संपूर्ण भारत में लाल केले की खेती की जा सकती है | लाल किले की खेती के लिए खास तौर पर लाल, काली मिट्टी और अधिक जल्द धारण करने वाली दोमट मिट्टी अधिक उपयोगी होती है |

लाल केले की खेती

खेत की तैयारी

केले की खेती करने के लिए आप खेत को अच्छी तरह से जुताई करने के बाद उसमें 500 पौधों के लिए 10000 किलो गोबर की खाद या फिर जैविक खाद को डालने खाद को डालने के बाद खेत को सिंचाई करें | जब खेत की ऊपरी सतह अच्छे से सुख जाए तो इसके बाद खेत को अच्छे तरीके से जोत कर समतल कर लें |

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केले की रोपाई 

केले की रोपाई करने के लिए आप केले के पौधे से पौधे के बीच की दूरी 6 फीट तथा कतार की दूरी 8 फुट रखें | इस हिसाब से एक एकड़ में 1000 पौधे आएंगे | जब केले के पौधे अच्छी तरह से विकास करने लगे | तब इसमें पावर टिलर की मदद से बेड को बना देना चाहिए इससे उनकी ग्रोथ अच्छी होती है |

लाल केले की खेती में खाद तथा उर्वरक की मात्रा

इसमें उर्वरक की बात की जाए तो इसमें ज्यादातर जैविक खाद का प्रयोग करें क्योंकि रासायनिक खाद के प्रयोग से‌ इसमें कुछ रोग उत्पन्न होने लगते हैं | रासायनिक खाद का प्रयोग करने के लिए आप मिट्टी की जांच अपने नजदीकी कृषि सलाहकार से कर ले | इसके बाद उपयुक्त मात्रा में पोटाश यूरिया डी ए पी की मात्रा को डालें |

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केले की खेती में सिंचाई

केले की खेती में सिचाई की बात की जाए तो केला एक ऐसा पौधा है | जिसके तने के अत्यधिक मात्रा में जल उपस्थित होता है | इसलिए इसकी पौधों को भी अत्यधिक जल की आवश्यकता होती है परंतु लाल किले की खेती में अधिक जल की आवश्यकता नहीं होती है | अधिक जल देने पर इसकी जड़े खराब होने लगाती हैं और इसकी जड़ों में रोग भी उत्पन्न हो जाते हैं | इसकी सिंचाई करने के लिए आप ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का उपयोग करें | जिसको आप 4 से 5 दिनों के अंतराल में 5 से 6 घंटे सर्दियों में तथा गर्मियों में 7 से 8 घंटे चलाएं और बरसात के समय में आवश्यकता अनुसार ही इसमें पानी दें |

लाल केले की खेती में पैदावार

लाल केले की पैदावार पीले केले के मुकाबले कम होती है | पीला केला एक एकड़ में लगभग 25 टन का उत्पादन दे देता है परंतु लाल केला सिर्फ 15 तन का उत्पादन दे पता है |

लाल केले को तैयार होने में लगा समय

केले खेती में केले को पकाने में 12 से 14 महीने का समय लगता है तथा जब लाल केले के पौधे में से दूसरे प्लांट निकलते हैं तो उन्हें तैयार होने में सिर्फ 8 से 9 महीने का समय लगता है | और पैदावार उतनी ही मिलती है इसलिए आपको पहले बार ज्यादा समय लगेगा तथा दूसरी बार कम समय में ही फसल तैयार हो जाएगी | यह प्रक्रिया तीन से चार साल लगातार चल सकती है |

lal kele ki kheti

लाल केले की खेती में लागत तथा मुनाफा

लाल केले की खेती में लागत की बात की जाए तो 1000 पौधे को आप नर्सरी से खरीदेंगे तो वह आपको 25000 रुपए का पड़ेगा और ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को लगाने में लगभग 20000 का खर्चा आएगा खाद तथा उर्वरक के लिए आपको 20000 और खर्चा आएगा मजदूर तथा अन्य खर्च को लेकर एक एकड़ में ज्यादा से ज्यादा एक से डेढ़ लाख का खर्च आएगा |

केले की खेती में मुनाफे की बात की जाए तो लाल केले की पैदावार 1 एकड़ में कम से कम 15 टन होती है और लाल केला थोक मार्केट में इस समय ₹40 से ₹80 तक बिक रहा है और पीला किला आप ज्यादा से ज्यादा 20 रुपए किलो तक बेच सकते हैं लाल केले की कीमत अगर ₹50 किलो भी ली जाए तो 1 एकड़ में 7.5 लाख रुपए का बिकेगा जो कि अन्य किसी खेती के मुकाबले कहीं गुना ज्यादा है |

लाल केले की खेती कहाँ होती है ?

लाल केले की खेती ज्यादातर केरल राज्य में होती है | परन्तु लाल केले की खेती जहाँ पीले केले खेती होती उन सभी स्थानों पर की जा सकती है |

लाल केले के क्या फायदे हैं ?

लाल केले में बहुत अधिक मात्रा में बीता कैरोटिन होता है जो की हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है |

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