Chia Seeds ki kheti- दोस्तों भारत की पारंपरिक कृषि के कारण हमारे किसान साथियों को अधिक मुनाफा नहीं हो पाता है इसलिए आज हम आपको चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti) के बारे में बताने वाले हैं | जिसे करके हमारे भारतीय किसान अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकते हैं | तो आईए जानते हैं कि क्या है चिया सीड्स की खेती ? और क्या है चिया सीड्स ? आपको बता दें कि चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti) के लिए हमारी सरकारें भी प्रोत्साहन दे रही हैं चिया की संपूर्ण जानकारी के लिए ब्लॉग को अंत तक पढ़ें |
चिया सीड्स क्या है ?
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चिया एक प्रकार का सुपर फूड है | चिया मेक्सिको की मूल फसल है | आज के आधुनिक भारत में ज्यादातर सुपर फूड की मांग बढ़ती जा रही है | विदेशी बाजारों में भी चिया सीड्स की मांग बढ़ रही है | चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti) पहले के समय में सिर्फ अमेरिका में की जाती थी | लेकिन इसके औषधीय गुणों और फायदे को देखते हुए इसकी खेती अब भारत में भी की जा रही है | इससे किसानों को भी अधिक लाभ हो रहा है तथा इसके फायदे हमारे भारतीय नागरिक भी ले रहे हैं |
चिया सीड्स के औषधि गुण
चिया सीड्स अपने औषधीय गुणों के कारण अत्यधिक चर्चा में का विषय बना है | इसमें कई प्रकार के औषधिय गुण मौजूद हैं, जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है | चिया सीट्स में भरपूर मात्रा में ओमेगा फैटी एसिड पाया जाता है | इसके अतिरिक्त चिया में काफी अच्छी मात्रा में फाइबर, कैल्शियम, प्रोटीन, मिनरल्स तथा अनेक पोषक तत्व जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं भरपूर मात्रा में मौजूद है | चिया के सेवन से हमारे शरीर के कई बीमारियों से लड़ने में सहायता मिलती है चिया सीड्स को खाने से हमारे शरीर वह दिल की बीमारीयों से लड़ने में सहायता मिलती है | जिस कारण चिया को सुपर फूड के नाम से जाना जाता है |
चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti)
चिया एक विदेशी फसल है, परंतु इसकी खेती भारत में आसानी से की जा सकती है | पिछले कई वर्षों से चिया की खेती हमारे भारत में सफलतापूर्वक की जा रही है | इसकी खेती करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना होगा जो की निम्नलिखित हैं-
चिया सीड्स की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti) के लिए सामान्य तापमान की आवश्यकता होती है | इसकी खेती अत्यधिक ठंडी में नहीं की जा सकती है |अपने भारत में चिया सीड्स की खेती करने के लिए बहुत ही उपयुक्त जलवायु मौजूद है | चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti) हिमालय की कुछ क्षेत्रों और जम्मू कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में नहीं की जा सकती है | इसके अलावा संपूर्ण भारत में चिया सीड्स की खेती की जा सकती है |
चिया सीड्स की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti) करने के लिए किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, परंतु इसके लिए सबसे अच्छी मृदा रेतिली दोमट मृदा मानी जाती है | इसके लिए आप जिस भूमि का चयन करें ध्यान दें कि उसमें जल विकास की अच्छी व्यवस्था हो | भूमि कि पीएच मान की बात की जाए तो 6.5 से 8 के बीच रहना चाहिए |
खेत की तैयारी
चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti) करने के लिए खेत को तैयार करना बहुत ही जरूरी होता है | इसके लिए सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल के द्वारा अच्छे से गहरी जुताई कर लेनी चाहिए | इसके बाद कल्टीवेटर के द्वारा दो से तीन बार जुताई करके छोड़ देना चाहिए | कुछ दिनों के बाद रोटावेटर के द्वारा एक से दो बार गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए तथा पाता लगाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए | अगर खेत में नमी न हो तो खेत को पलेव करने के बाद जुताई करनी चाहिए | उससे बीजों का अंकुरण अच्छा होता है |
चिया सीड्स की बुवाई का सही तरीका
चिया सीड्स की बुवाई के लिए ज्यादातर छिड़काव विधि का इस्तेमाल किया जाता है, परंतु अच्छी पैदावार के लिए सिड्रिल के द्वारा इसकी बुवाई की जाती है | चिया सीड्स की बुवाई 30 सेंटीमीटर की दूरी पर 1.5 सेंटीमीटर की गहराई में की जाती है | इससे चिया सीड्स के बीजों का अंकुरण अच्छा होता है | चिया सीड्स के बीजों की मात्रा एक एकड़ में 1 से 1.5 किलोग्राम तक लग जाती है |
चिया सीड्स की खेती में खाद तथा उर्वरक
चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti) में खाद तथा उर्वरक की बात की जाए तो जुताई के समय ही खेत में प्रति एकड़ 10 टन जैविक खाद या वर्मी कंपोस्ट को डालकर जुताई कर लेनी चाहिए | इसमें रासायनिक खाद की बात की जाए तो 40:20:15 के अनुपात में N.P.K को डालना चाहिए | बुवाई के 1 से 2 महीने बाद यूरिया की दो बराबर मात्रा को सिंचाई करके खेत में खड़ी फसल में डालना चाहिए | इसकी खेती के लिए ऑर्गेनिक खाद के रूप में नीम का तेल और नीम की खाली सबसे अच्छी मानी जाती है |
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चिया सीड्स की खेती में सिंचाई
चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti) में अत्यधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि इसका पौधा बहुत ही कमजोर होता है | अधिक पानी मिलने पर यह टूटने लगता है | जिससे फसल खराब हो सकती है | इसलिए चिया सीड्स के खेत में अधिक जल भराव ना होने दें और आवश्यकता पड़ने पर ही इसकी सिंचाई करें |
चिया सीड्स की खेती में रोग
चिया सीड्स की फसल में इल्ली अधिक देखने को मिलते हैं | यह पौधों को मिट्टी की सतह के पास से काट देते हैं | जिससे पौधा नष्ट हो जाता है तथा पत्तियां खुजलीपन जैसा दिखने लगती है | इसके रोकथाम के लिए 1 लीटर पानी में क्लोरोपायरीफास 20 ई सी दवा दवा की 2.5 मात्रा को मिलाकर छिड़काव करें |
चिया सीड्स की खेती में खरपतवार नियंत्रण
Chia Seeds ki kheti- अच्छी उत्पादन प्राप्त करने के लिए खरपतवार नियंत्रित करना बहुत ही आवश्यक होता है | इसके लिए फसल की बुवाई करने के 30 से 40 बाद फसल की गुड़ाई की जाती है | 30 दिन के अंदर में दो बार बुराई करना जरूरी होता है | इसके खेत से अन्य खरपतवार को बाहर निकालते रहना चाहिए इससे पैदावार के साथ गुणवत्ता भी अच्छी होती है |
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चिया सीड्स की कटाई
चिया सीड्स की बुवाई करने के बाद 110 से 115 दिन में पककर कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाती है | पकने के बाद फसल को पूरी तरह से उखाड़ लिया जाता है | इसके बाद 5 से 6 दिनों तक धूप में अच्छी तरह से सुखाया जाता है | फिर इस फसल को थ्रेसर मशीन में डालकर बीजों को निकाल लिया जाता है |
चिया सीड्स की खेती में पैदावार तथा लाभ
चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds ki kheti) में पैदावार की बात की जाए तो एक एकड़ में लगभग 5 से 6 कुंतल का उत्पादन प्राप्त हो जाता है |
चिया सीड्स के बीजों की कीमत की बात की जाए तो इसकी कीमत ₹1000 प्रति किलो तक होती है | जिससे किसान भाइयों को 5 से 6 लाख का मुनाफा 1 एकड़ से चार महीने मैं मिल जाता है |
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
1 किलो चिया सीड्स की कीमत 1000 से 2000 रुपये किलो होती है |
चिया की 1 एकड़ फसल में 5 से 6 कुंतल का उत्पादन मिल जाता है |