Pomegranate farming: अनार की खेती ,ऐसे करे अनार की खेती होगा 10 से 12 लाख तक का भारी मुनाफा

अनार की खेती (Pomegranate farming)

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अनार एक उष्णकटिबंधीय जलवायु का पौधा होता है यह अर्ध शुस्क जलवायु में अच्छे तरीके से उगाया जा सकता है गर्मी का मौसम उपयुक्त होता है यही कारण है कि अनार के पौधे गर्म जलवायु में अधिक तेजी से बढ़ते हैं और शुरुआत में इसके देखभाल करना बहुत अधिक जरूरी होते हैं और फसलों के पकने के समय में 38 डिग्री का तापमान प्रयुक्त होता है |

अनार की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और भूमि (Suitable climate and land for pomegranate farming)

अनार की खेती (Pomegranate farming) करने के लिए हल्की जल निकास वाली भूमि की आवश्यकता होती है और इसके अलावा हल्की रेतीली वाली भूमि अनार की खेती (Pomegranate farming) के लिए प्रयुक्त होता है अनार की खेती करने से पहले मिट्टी की जांच करवा ले यदि मिट्टी का पी एच मान 6.5 से 7.5 तक है तभी आप उस मिट्टी में अनार की खेती करें |

क्योंकि अनार के पेड़ों में मिट्टी के लवण और क्षारीयता को सहन करने की क्षमता भी होती है इसीलिए क्षारीय मिट्टी में इसकी खेती कर सकते हैं |

यदि हम इसके जलवायु की बात करें तो शुष्क और अर्ध शुष्क दोनों तरह के जलवायु अनार की खेती के लिए प्रयुक्त होता है क्योंकि शुष्क औरअर्धशुष्क  जलवायु में अनार की खेती (Pomegranate farming) से काफी अधिक मात्रा में पैदावार प्राप्त होती है अधिक तापमान में इसके पौधे को वृद्धि करने में आसानी होती है |

किंतु पौधों को रुपए के समय ने सामान्य तापमान की जरूरत होती है और पौधों को बढ़ाने और फल निकालना के समय नहीं उच्च तापमान की जरूरत होती है क्योंकि उच्च तापमान उनके फलों में मिठास और आकर्षक रंग प्रदान करते है |

अनार की खेती के लिए पौधों की रोपाई (Planting of plants for pomegranate farming)

अनार की खेती (Pomegranate farming) के लिए पौधों की रोपाई पौध के रूप में की जाती है इसके लिए आपको नर्सरी तैयार करना होगा नर्सरी तैयार होने के बाद अनार के पौधों की रोपाई फरवरी से मार्च के महीने में कर दे रोपाई करने के लिए 6 * 6 * 6 सेंटीमीटर का गड्ढा खोदकर उसमें मिट्टी और गोबर की खाद को एक साथ मिलकर गड्ढे में डाल दे इसके बाद पौधों की रोपाई कर दें |

पौधों की रोपाई करने के तुरंत बाद हल्की सिंचाई कर दें जिससे नमी बनी रहे और यह भी ध्यान रहे की 10 से 15 दिनों के अंतराल में इसकी सिंचाई करते रहें अनार की खेती करते समय का विशेष ध्यान देना चाहिए की सूखी पत्तियां या आवश्यक रूप से खरपतवार अनार के खेतों में ना हो |

अनार की खेती करते समय सिंचाई कब और कैसे करें(When and how to irrigate while cultivating pomegranate farming)

अनार की खेती (Pomegranate farming)एक प्रकार का शुष्कऔर सहनशील फसल होता है इस तरह की फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए सिंचाई में के महीने से शुरू करके मानसून आने तक नियमित रूप से करते रहना चाहिए और वर्षा ऋतु के बाद जब फसलों का विकास होने लगे तो 12 से 15 दिनों के बीच नियमित रूप से सिंचाई करते रहें यदि आप इसकी सच्चाई करने के लिए बूंद -बूंद सिंचाई का उपयोग करते हैं तो यह बहुत ही उपयोगी साबित होगा इस विधि का उपयोग करने से 45% पानी की बचत और 35 से 40% उपज की वृद्धि पाई जाती है |

pomegranate farming

अनार की खेती में प्रयुक्त होने वाले खाद और उर्वरक के सही मात्रा(Correct quantity of manure and fertilizer used in pomegranate farming)

अनार की खेती (Pomegranate farming) करने के लिए अनार के पौधों की रोपाई करने के बाद पहले साल से ही प्रति पौधे में नाइट्रोजन फॉस्फोरस पोटेशियम क्रमशः 125 ग्राम 125 ग्राम 125 ग्राम तथा दूसरे साल में फास्फोरस नाइट्रोजन पोटैशियम 250 ग्राम 250 ग्राम 250 ग्राम तथा तीसरे साल में फॉस्फोरस पोटेशियम नाइट्रोजन 350 ग्राम 1050 ग्राम 1050 ग्राम नाइट्रोजन फॉस्फोरस पोटेशियम 450 ग्राम 225 ग्राम 225 ग्राम और पांचवें साल में 10 से 15 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद और 600 ग्राम नाइट्रोजन ढाई सौ ग्राम को फास्फोरस 300 ग्राम पोटाश प्रतिपाद्य में देना चाहिए जिससे पैदावार पर काफी प्रभाव पड़ता है |

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अनार की खेती के लिए प्रमुख किस्म(Major variety for pomegranate cultivation)

गणेश : यह किम महाराष्ट्र की बहुत अधिक लोकप्रिय किस्म है इस किस्म के फल माध्यम आकर कोमल बीज और गुलाब रंग होते हैं |

ज्योति : इस किस्म के फल माध्यम से बड़े आकर तक होते हैं चिकनी सतह पर पीला लाल रंग के होते हैं गुलाबी रंग के बीज़ बहुत ही मुलायम और मीठे होते हैं |

मृदुला :यह एक ऐसा किस्म होता है जिसके फल मध्यम करके चिकनी सतह वाले गहरी लाल रंग के होते हैं यह रेल गहरी लाल रंग का बीज मुलायम और मीठे होते हैं जिस कारण इस किस्म के फलों का औसत वजन 250 ग्राम से 300 ग्राम तक होता है |

भगवा :इस किस्म के फल बड़े आकार के भगवा रंग चिकनी चमकदार दिखाई देते हैं तक का उत्पादन देता है या किसी में राजस्थान और महाराष्ट्र के लिए बहुत अधिक उपयुक्त माना जाता है |

कंधारी : इस तरह की किस्म का फल बड़ा और बहुत अधिक रसीला होता है परंतु उनके बीच बहुत अधिक सख्त होते हैं |

अनार की खेती (Pomegranate farming) के लिए उपयुक्त अन्य किस्म जैसे रूबी, बीज रहित ,जालौर जैसी विभिन्न प्रकार की प्रजातिया उपलब्ध है |

अनार के पौध रोपण का सही तरीका (Correct way of planting pomegranate saplings)

वैसे तो 5 * 5 या 6 * 6 सेकंड में दे धारा अनार के भाग लगाने के लिए 5 * 3 मीटर की दूरी पर अनार के पौध रोपण करना चाहिए सघन विधि का उपयोग करके अनार का पौधा रोपण करने से उत्पादन डेढ़ से दो गुना बढ़ जाता है सघन विधि का उपयोग करने से लगभग 600 पौधे प्रति हेक्टेयर में लगाया जा सकते हैं |

अनार के पेड़ों की कटाई छटाई कैसे करें(How to Prune Pomegranate Trees)

अनार के पेड़ों की कटाई छटाई करने के लिए निम्नलिखित दो पद्धतियां उपलब्ध हैं

1.एक तना पद्धति
इस पद्धति का उपयोग करने से अनार के पौधों की सभी टहनियां काट दी जाती है सिर्फ एक तना को छोड़ दिया जाता है और इस पद्धत का उपयोग करने से जमीन की सतह से अधिक शेखर निकलते हैं जिससे पौधे झाडी नुमा आकर के हो जाते हैं इस विधि में तना छेदक का अधिक प्रभाव पड़ता है यदि पद्धति व्यावसायिक उत्पादन के लिए उपयुक्त नहीं है |

2.बहु तना पद्धति
इस पद्धति का प्रयोग करके अनार को इस प्रकार काटा जाता है कि इसमें तीन से चार तरह को छोड़कर बाकी सभी टहनियों को काट दिया जाता है इस तरह बचे हुए तनु में प्रकाश की रोशनी अच्छे से प्राप्त होती है जिससे फूलों फल बहुत अच्छा तरीके से लगते हैं अनार की खेती(Pomegranate farming) करने के लिए जय विधि बहुत अधिक उपयुक्त होती है |

अनार के पौधों में लगने वाला रोग तथा उसके रोकथाम (Diseases of pomegranate plants and their prevention)

अनार के पौधे में विभिन्न प्रकार के रोग लगते हैं जो की निम्नलिखित में है |

फल धब्बा रोग: अनार की खेती (Pomegranate farming) में लगने वाला यह रोग सीधे अनार के  फलों पर आक्रमण करते हैं सरकोस्पोरा एसपी. नामक फफूद के रूप में अनार के फलों पर आक्रमण करते हैं इस रोग से प्रभावित होना क्या फल छोटे और काले रंग के धब्बे पड़ जाते हैं इस रोग के बढ़ते हुए प्रकोप को रोकने के लिए अनार के पौधों पर हेक्साकोनाजोल, मैन्कोजेब या क्लोरोथॅलोनील की उचित मात्रा का जड़ का किया जाता है |

अनार की तितली रोग : अनार की खेती (Pomegranate farming) में लगने वाला यह रोग सीधे पैदावार को प्रभावित करते हैं इस रोग से प्रभावित फसल 30% तक पैदावार कम प्राप्त होती है यह कीट रोग फलों पर अपनी लार्वा छोड़कर उन्हें हानि पहुंचाते हैं इस रोग में लग जाने से फसल कम समय में पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं इस रोग से बचाव के लिए अनार के पौधों पर इन्डोक्साकार्ब, स्पाइनोसेडकी या ट्रायजोफास की उचित मात्रा में छिड़काव करने से या रोग समाप्त हो जाता है |

माहू रोग : अनार की खेती (Pomegranate farming) में लगने वाला यह सीधे पौधों पर आक्रमण करके उन्हें हानि पहुंचती है और यह पौधों के नाजुक अंगों पर ही आक्रमण करके उनका रस चूस लेता है इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां का रंग काला पड़ने लगता है तथा को समय पश्चात ही पत्ती पूरी तरह से नष्ट होकर गिर जाती है इसके साथ ही पौधों को विकास होना बंद हो जाता है अनार के पौधों को इस रोग से बचने के लिए  प्रोफेनोफॉस या डायमिथोएट उचित मात्रा का छिड़काव कर देना चाहिए यदि इसके बाद भी इस रोग का प्रकोप कम नहीं हो रहा है तो इमिढैक्लोपेडिया के उचित मात्रा का छिड़काव पौधों पर करते हैं |

अनार के फलों की तुड़ाई पैदावार और मुनाफा (Pomegranate Fruit Harvesting Yield and Profit)

यदि अनार के फलों की तुड़ाई की बात करें तो अनार के पौधों की बुवाई के 5 से 6 साल बाद अनार के पौधे फल देना शुरू कर देते हैं फूल लगाने के लगभग 110 से 120 दिनों के बाद उसके फलों की तुड़ाई की जा सकती है फलों का आकार और कलर देखकर आप जान सकते हैं  कि यह फल तोड़ने लायक है कि नहीं एक बार अनार के पौधे लगाने के बाद 15 से 20 साल तक लगातार फल प्राप्त होता रहता हैं प्रत्येक पौधों में 60 से 80 किलो तक फल का उत्पादन प्राप्त होता है इस प्रकार एक हेक्टेय खेत में  अनार की खेती (Pomegranate farming) से सालाना कमाई लगभग 10 से 12 लाख तक की जा सकती है |

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न

 

1 एकड़ में कितने अनार के पौधे लगाए जा सकते हैं ?

1 एकड़ खेत में लगभग 600 पौधे लगाए जा सकते हैं |

एक एकड़ खेत में कितने टन अनार का उत्पादन किया जा सकता है ?

एक एकड़ खेत में लगभग 10 से 12 टन अनार का उत्पादन किया जा सकता है |

अनार का पेड़ कितने वर्षों में फल देने लगता है ?

सामान्य अनार के पौधे 5 से 6 साल के बाद पालक का उत्पादन देने लगते हैं किंतु उसकी अच्छी प्रजातियां 6 से 7 साल के बाद उत्पादन देना प्रारंभ करती |

अनार के पौधे को कितनी दूरी पर लगाना चाहिए ?

अनार के पौधों का पौधरोपण मृदा तथा जलवायु पर निर्भर करती है सामान्यतः सघन विधि का उपयोग करने से 5 से 6 मीटर की दूरी पर अनार के पौधों का पौधरोपण किया जा सकता है |

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