Kekada Palan- केकड़ा पालन से कमाए 1 लाख प्रति महीने

केकड़ा पालन से संबंधित जानकारी

Kekada Palan- केकड़ा एक समुद्री जीव है | केकड़ा पालन एक्वाकल्चर के अंतर्गत आता है | इसमें मछलियों की तरह ही केकड़ा नामक जीव को पाला जाता है | केकड़ा का वैज्ञानिक नाम है | केकड़ा ज्यादातर समुद्र की तलाश टीम में या फिर तालाब की तलती में रहता है |

आज के समय में दुनिया भर में सी फ़ूड की भारी मात्रा में मांग है | जिसके कारण केकड़ा पालन में भारी मात्रा में बढ़ोतरी हुई है | केकड़ा की मांग राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बहुत अधिक है | पहले के समय में केकड़ा की आपूर्ति समुद्र से की जाती थी | परंतु बढ़ती जनसंख्या के कारण समुद्र से केकड़े को पकड़ना और बेचना बहुत ही महंगा और मुश्किल हो गया है, इसलिए आज के समय में समुद्र तटीय लोग इसको पाल रहे हैं और अत्यधिक मुनाफा कमा रहे हैं|

आज हम आपको इस ब्लॉक के माध्यम से केकड़ा पालन (Kekada Palan) के बारे में बताने वाले हैं | जिसके द्वारा आप काफी अच्छा मुनाफा कर सकते हैं

केकड़ा खाने के फायदे

केकड़े के मांस में बहुत से औषधि गुण मौजूद होते हैं | जिसे खाने से हमारे शरीर के कई रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है | इसके मांस में काफी उच्च मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, ओमेगा 3 फैटी एसिड, क्रोमियम, नियासिन जैसे तत्व काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो की हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं , केकड़ा खाने के कुछ फायदे निम्नलिखित है |

  • केकड़ा खाने से कैंसर का खतरा कम होता है |
  • केकड़ा में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक होता है |
  • केकड़ा के सेवन से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है |केकड़ा की मांस में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड क्रोमियम हमारे शरीर की कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बहुत कम करते हैं | जिससे हार्ट अटैक जैसे समस्या नहीं होती है |
  • केकड़ा का सेवन हमारे शरीर की रक्त अल्पता की कमी को कम करना करता है |
  • केकड़ा के सेवन से हमारे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है |
  • घुटने में होने वाली दर्द तथा जोड़ों में होने वाले दर्द को काम करता है |

केकड़ा पालन के लिए मुख्य प्रजातियां

केकड़ा पालन (kekada palan)म के लिए किसान को प्रजाति का चयन करना बहुत ही जरूरी होता है आपको बता दें कि केकड़ा पालन के लिए मुख्यतः दो प्रजातियां प्रमुख मानी जाती हैं जिसकी मांग भी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक होती है | जो की निम्नलिखित है-

  • बड़ी प्रजाति (Green Mub Crab)
  • छोटी प्रजाति (Red Claw)

बड़ी प्रजाति (Green Mub Crab): बड़ी प्रजाति को ग्रीन मड क्रैब या फिर हरे मड क्रैब कहते हैं | इनका आकार लगभग 12 सेंटीमीटर तथा वजन 2 किलोग्राम के लगभग होता है | उनके ग्रुप को ज्यादातर पानी में रहना पसंद है | जिससे उनके शरीर में कई प्रकार के चिन्ह पाए जाते हैं |

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छोटी प्रजाति (Red Claw): इस प्रजाति के केकड़ों के पंजे लाल होते हैं | जिसके कारण इन्हें रेड क्ला कहते हैं | इनका आकार लगभग 13 सेंटीमीटर तथा वजन 1200 से 1500 किलोग्राम तक होता है | इस प्रजाति केकड़ों को पानी के साथ-साथ मिट्टी में रहने की आदत होती है |

केकड़ा पालन (Kekada Palan) कैसे करें

केकड़ा पालन करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना होगा | केकड़ा पालन में सफलता हासिल करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से केकड़ा पालन करना आवश्यक होता है | इसके लिए कुछ बिन्दुओं पर ध्यान देना होगा जो की निम्नलिखित है-

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  • केकड़े का बच्चा कहां से खरीदें
  • केकड़ा पालन की आधुनिक विधि
  • केकड़े का भोजन
  • केकड़ा पालन करने के लिए स्थान
  • विशेषज्ञों की सलाह
केकड़े का बच्चा कहां से लाएं

केकड़ा पालन (Kekada Palan) करने के लिए केकड़े के बच्चे या फिर बीज की आवश्यकता पड़ती है, जो कि आप अपने आसानी मार्केट या फिर अपने नजदीकी क्षेत्र के मत्स्य विभाग से ले सकते हैं | इसकी कीमत आपको 200 से ₹500 किलो की भाव से मिलता है | बच्चे खरीदते समय ध्यान दें कि ज्यादातर मादा केकड़े ही हो इससे आपको भविष्य में कम बच्चे खरीदने पड़ेंगे |

महाराष्ट्र में इस समय केकड़ा पालन (Kekada Palan) का व्यवसाय बहुत ही बड़े रूप में किया जा रहा है | जिससे वहां बहुत सी नर्सरी तैयार की गई है | जहां आपको आसानी से बीज मिल सकते हैं |

केकड़ा पालन की आधुनिक विधि

पहले के लोग केकड़ा पालन (Kekada Palan) के लिए सबसे पहले तालाब बनाते थे | फिर उसमें केकड़े के बच्चों को छोड़ देते थे | जिससे केकड़े अपने वर्चस्व के कारण हमेशा एक दूसरे से लड़ते रहते हैं | जिसके कारण उनकी संख्या में कमी आ जाती थी और केकड़ा पालन करने वालों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता था |

आज हम आपको आधुनिक केकड़ा पालन (Kekada Palan) के बारे में बताने वाले हैं जिसे करके आप काफी अच्छा मुनाफा कर सकते हैं जिसमें आप केकड़ी के साथ-साथ मछली पालन भी कर सकते है केकड़ा पालन के दो आधुनिक तरीके हैं |

तालाब में बॉक्स को डालकर

इस विधि से केकड़ा पालन (Kekada Palan) करने के लिए केकड़े को बॉक्स में रखने के लिए तालाब में एक सेटअप को तैयार करते हैं | जिसमें बॉक्स तैरता रहता है और इसमें समय-समय पर केकड़े के लिए उपयुक्त खाद्य पदार्थ तथा अन्य सामग्रियां डालते रहते हैं | इस विधि में केकड़े बॉक्स में रहने के कारण बाहर नहीं जा पाते हैं और न ही एक दूसरे से लड़ पाते हैं जिससे उनकी संख्या में कमी नहीं आती और उन्हें खाने की भी कमी नहीं होती |

इस तकनीक में आप केकड़ा पालन (Kekada Palan) के साथ मछली पालन भी कर सकते हैं | जिससे आपको केकड़ा पालन के साथ ही मछली पालन से भी अच्छी आमदनी मिलती रहेगी |

वर्टिकल केकड़ा पालन(Kekada Palan) 

वर्टिकल केकड़ा पालन (Kekada Palan) की आधुनिक विधि है | जिसमें केकड़े को तालाब में नहीं पाला जाता बल्कि टैंक बना करके उर्ध्वाधर पाला जाता है | इस विधि का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है | इसके लिए पर्याप्त जगह की आवश्यकता नहीं होती है | इसे आप एक कमरे में भी कर सकते हैं | इस प्रकार की फार्मिंग में बहुत ही कम मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है तथा पानी को लगभग 15 दिन के अंतराल में बदलना पड़ता है और तापमान भी नियंत्रित करना पड़ता है |

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केकड़ा पालन के लिए स्थान का चयन

केकड़ा पालन (Kekada Palan) करने के लिए ऐसे स्थान का चयन किया जाता है जो छिछले जल स्तर के अंतर्गत आता हो इसको पारंपरिक पारंपरिक रूप जैसे तालाब या फिर कृत्रिम रूप भी बन सकता है | केकड़े नमदार स्थान पर अधिक रहते हैं इसलिए ऐसी जगह का चयन करें जहां पर नमी बरकरार रहती हो |

स्थान का चयन करते समय ध्यान दें कि वहां पानी रिसाव ना हो इससे केकड़े बाहर निकाल कर भाग न सकते हैं | केकड़ों को पत्थरों के बीच या फिर अतरिली की जगह पर रहना अत्यधिक पसंद है इसलिए ऐसी जगह का निर्माण भी आप कर सकते हैं |

अगर आप आधुनिक विधि से वर्टिकल केकड़ा पालन करते हैं तो 25 केकड़े के लिए 25 X 25 X 7 के ऊंचे प्लास्टिक की टैंक का निर्माण करना होगा | क्योकि जैसे-जैसे केकड़े बड़े होंगे वैसे-वैसे उनका वर्चस्व के लिए लड़ाई शुरू हो जाएगी | इसके आप के केकड़ों को अलग-अलग रख दे | जिससे वह लड़ाई ना करते थे और उनकी संख्या भी ना प्रभावित हो सके |

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केकड़ा पालन के लिए पानी की गुणवत्ता

केकड़ा पालन (Kekada Palan) में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि केकड़ा मछली की तरह हमेशा पानी में रहता है इसलिए पानी की गुणवत्ता पर ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है | केकड़ा पालन में प्रयोग किए गए पानी की लवणता 15 से 25 प्रतिशत होनी चाहिए तथा तापमान 25 से 30 अंश सेल्सियस के बीच होना चाहिए |

पानी में मौजूद ऑक्सीजन की मात्रा 3 PPM होना चाहिए | पानी का पीएच मान 7.8 से 8.5 तक होना चाहिए | इससे केकड़े की वृद्धि अच्छी होती है | पानी में मौजूद इन सब पदार्थ की मात्रा को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए | अगर पानी में कुछ खराबी आए तो पानी को जल्द से जल्द बदल देना चाहिए |

केकड़े का भोजन

केकड़े ज्यादातर मांसाहारी होते हैं | मांस के साथ-साथ ही यह कुछ चारों को भी खाते हैं | केकड़ा पालन में भोजन दो बार दिया जाता है | भोजन के रूप में इन्हें मछली, नमकीन पानी में पाए जाने वाले सिप, पशुओं की आत तथा चिकन के अपशिष्ट पदार्थ दिए जाते हैं | केकड़े को या भोजन 5 से 8% की दर से दिया जाता है |

कड़ेपन की जांच

केकड़ा लगभग 7 से 12 महीने के अंदर कड़ा होने लगता है | इसकी जांच के लिए केकड़े के पैर के नीचे के मांस दबाकर चेक करते हैं | अगर आसानी से दब जाए तो समझ जाए कि अभी केकड़ा भी कितने तैयार नहीं है और यह मांस कड़ा हो जाए तो यह केकड़ा बाजार में बिक्री के लिए तैयार हो जाता है |

केकड़े को बाजार में बेचने के लिए कैसे तैयार करें

केकड़े को बेचने के लिए केकड़े को पकड़ के बाहर निकाल दिया जाता है तथा उसमें लगी हुई गंदगी तथा कीचड़ को अच्छे साफ कर दिया जाता है | पानी से निकालने के बाद केकड़े को अच्छी तरह से नमकीन पानी से धोया जाता है और सावधानीपूर्वक उसके हाथ और पर को बांधकर इन्हें नामधर स्थान पर रख कर बेचने के लिए भेज दिया जाता है |

सावधानी

  • केकड़े को डोरी या पट्टी से बांधते समय ध्यान दें उनके पैर न टूटे क्योंकि अगर उनके पैर टूट जाते हैं तो उनका रेट कम हो जाता है |
  • बाजार में हमेशा जीवित केकड़े ही बेचे जाते हैं इसलिए यह ध्यान दें कि हाथ पैर बांधने के बाद केकड़ों को नमदार स्थान पर रखें |
  • केकड़े की कीमत उसके कड़ेपन आधार पर निर्धारित की जाती है इसलिए केकड़े को धूप और गर्मी से अवश्य बचाएं |

केकड़ा पालन की शुरुआत

अगर आप भी केकड़ा पालन (Kekada Palan) करना चाहते हैं तो विशेषज्ञों के अनुसार आप पहले 4 से 5 बॉक्स को ही लायें | उसमें अगर आपको सफलता मिलती है तो अधिक बॉक्स लायें | इससे आपको अनुभव मिलेगा और आपको केकड़ा पालन में नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा |

केकड़ा पालन में लागत

केकड़ा पालन (Kekada Palan) में लागत दो तरीके से होता है | अगर केकड़ा पालन (Kekada Palan) तालाब में करते हैं तो आप 2 लाख रुपए में लगभग 500 बॉक्स में केकड़ा पालन कर सकेंगे | और अगर आप वर्टिकल केकड़ा पालन करते हैं तो आप ₹200000 में लगभग 100 बॉक्स ही खरीद पाएंगे | उनके लिए अत्यधिक बेहतर विकल्प है | जिनके पास तालाब के लिए उपयुक्त जमीन नहीं है |

केकड़ा पालन में मुनाफा

केकड़ा की कीमत की बात की जाए तो कोमल वाले केकड़े की कीमत 1000 से 3000 तक होती है | वही कड़े केकड़े की कीमत 800 से ₹1500 किलो प्रति किलो की दर से होती है |

यदि आप वर्टिकल केकड़ा पालन (Kekada Palan) कर रहे हैं तो 100 बॉक्स से आप लगभग 20000 प्रति महीने कमा सकते हैं तथा तालाब में केकड़ा पालन करने पर आप 500 बॉक्स से लगभग 80 से 90 हजार प्रति महीने कमा सकते हैं | साथ ही तालाब में आप केकड़ा पालन के साथ थी मछली पालन भी कर सकते हैं | जिसमें आपको मछली पालन से भी मुनाफा होता रहेगा |

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