Urad ki kheti | जाने गर्मी के मौसम में उड़द की खेती का उन्नत तरीका

उड़द की खेती ( Urad ki kheti ):-

उड़द एक प्रकार की दलहनी फसल होती है उड़द की खेती ( Urad ki kheti ) मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान बिहार हरियाणा के सिंचित क्षेत्र में की जाती है यह एक कम अवधि की फसल होती है जो लगभग 60 से 65 दिनों के अंदर ही फसलों का उत्पादन दे देती है उड़द को वार्षिक आय बढ़ाने वाला फसल भी कहा जाता है उड़द के दोनों में लगभग 60% कार्बोहाइड्रेट्स 24% प्रोटीन तथा 1.3 प्रतिशत वर्षा की मात्रा पाई जाती है उड़द का उपयोग मुख्य रूप से दाल के रूप में किया जाता है |

उड़द से विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन जैसे कचौड़ी पापड़ इमरती इडली डोसा आदि तैयार किए जाते हैं उड़द की दाल से प्राप्त भूसी का उपयोग पशुओं के लिए किया जाता है और जब उड़द का पौधा हरा होता है तो पशु उसे बड़े ही कर से कहते हैं इसके अतिरिक्त उड़द की फली तुड़ाई के बाद फसलों की पत्तियां एवं जेड के अवशेष मृदा में रह जाने के कारण भूमि कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है इसका उपयोग हरी खाद के रूप में फसलों में किया जाता है |

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उड़द की खेती ( Urad ki kheti ) के लिए उपयुक्त जलवायु और तापमान :-

Urad ki kheti

उष्ण जलवायु उड़द की खेती Urad ki kheti के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है यह फसल उच्चता परम को सहने की क्षमता रखती है यही कारण है कि इसकी खेती सबसे अधिक उत्तर प्रदेश बिहार राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्य में की जाती है इसकी खेती के लिए 25 डिग्री से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान माना जाता है |

उड़द की खेती ( Urad ki kheti )के लिए उपयुक्त भूमि का चयन एवं तैयारी :-

इसकी खेती करने के लिए उचित जल विकास वाली हल्की रेतीली दोमट मिट्टी का उपयोग करना चाहिए जिसका पीएच मान 7 से 8 के मध्य हो भारी मिट्टी होने पर उड़द के खेत की तैयारी दो से तीन बार जुताई करके करनी चाहिए जुताई के बाद पता चला कर खेत को समतल बना लेना चाहिए जिस खेत में नमी बनी रहे |

बीज उपचार :-

उड़द की बुवाई करने से पहले बीज की अंकुरण क्षमता जांच कर लेनी चाहिए तो उसे बुवाई करने से पहले आपको देनाशक दवा थीरम 3 ग्राम प्रति किलोग्राम से अवश्य उपचारित कर ले जिससे उत्पादन अच्छा प्राप्त होता है |

बीज दर एवं बुवाई :-

खरीफ के मौसम में बीज दर 12 से 15 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर एवं गर्मी के मौसम में 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बीज बोया जा सकता है उड़द की खेती( Urad ki kheti )गर्मी या ज्यादा दोनों मौसम में की जा सकती है खरीफ की फसल जुलाई के प्रथम सप्ताह में दिवाली की जाती है और जादा के मौसम में 15 फरवरी से 15 मार्च तक बुवाई की जाती है |

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उड़द की फसल में प्रयुक्त होने वाले खाद्य उर्वरक की मात्रा :-

उड़द एक प्रकार की दलहनी फसल होती है जिस कारण से अधिक मात्रा में नाइट्रोजन की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि उड़द की जड़ में उपस्थितियां जी मार्ग वायुमंडल की स्वतंत्रता में नत्रजन को ग्रहण कर लेता है और पौधों को प्रदान करता है प्रारंभिक अवस्था में जब तक पौधों की जड़ों में नतरण को ग्रहण करने की क्षमता होती है कब तक के लिए 15 से 20 किलोग्राम नाइट्रोजन 40 से 45 किलोग्राम फास्फोरस 40 किलोग्राम फास्फोरस मिट्टी में मिला देना चाहिए |

उड़द फसल की सिंचाई :-

खरीफ की फसल में वर्षा कम होने के कारण फलियों के बनते समय पर एक सिंचाई करने की जरूरत होती है तथा जादा की फसल में पहली सिंचाई बुवाई के 30 से 35 दिन बाद करनी चाहिए और इसके बाद नमी की आवश्यकता के अनुसार 15 से 16 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए |

उड़द की फसल में खरपतवार नियंत्रण :-

वर्षा के मौसम में उड़द की फसल में खरपतवार का अत्यधिक प्रकोप रहता है खरपतवार की मात्रा अधिक हो जाने पर उपाधि की मात्रा घट जाती है इसलिए रासायनिक विधि द्वारा खरपतवार नियंत्रण के लिए फसल की बुवाई के बाद बीजों के अंकुरण से पहले पेन्डीमेथालीन 1.25 ग्राम 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर देना चाहिए जिससे खरपतवार को नियंत्रित किया जा सकता है अगर खरपतवार फसल में रुक जाते हैं तो फसल बुवाई के 15 से 20 दिनों की अवस्था पर पहली निराई गुड़ाई खुरपी की सहायता से कर देनी चाहिए |

उड़द की फसल में लगने वाले रोग एवं उसका उपचार :-

पीला मोजेक विषाणु रोग :- यह रोग उड़द की फसल में वायरस के द्वारा फैलता है जिससे सफेद मक्खी भी कहते हैं इसका प्रभाव 4 से 5 सप्ताह बाद ही दिखाई देने लगता है इस रोग में सबसे पहले पत्तियां पीली रंग के धब्बे गोला का रूप में दिखाई देने रहते हैं और कुछ दिनों बाद पूरी पत्ती पीली होने लगती है अंत में यह पत्ती पीली से सफेद होकर गिर जाती है |

उपचार :- सफेद मक्खी की रोकथाम के लिए योग पर नियंत्रण संभव है उड़द का पीला मोजेक रोग प्रतिरोधी किस्म की बुवाई करनी चाहिए |

पत्ती धब्बा रोग :- उड़द की फसल में पत्ते धब्बा रोग फफूंद के रूप में फैला है इसके लक्षण होने पर पत्तियों पर छोटे-छोटे धब्बे के रूप में दिखाई देने लगते हैं |

उड़द की फसल में लगने वाले प्रमुख कीट एवं नियंत्रण :-

उड़द की फसल में मुख्ता ट्रिप्स अरे खुद के कमल कीट एवं फली छेदक कीट आदि अधिक मात्रा में लगते हैं इसके नियंत्रण के लिए क्युनालफास 25 ई. सी. या 1.25 लीटर मात्रा को 700 से 800 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर कि दर से छिड़काव करना चाहिए |

उड़द की फसल में लगने वाले प्रमुख कीट एवं नियंत्रण :-

उड़द की फसल में मुख्ता ट्रिप्स अरे खुद के कमल कीट एवं खाली छेदक कीट आदि अधिक मात्रा में लगते हैं इसके नियंत्रण के लिए क्युनालफास 25 ई. सी. या 1.25 लीटर मात्रा को 700 से 800 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर कि दर से छिड़काव करना चाहिए |

उड़द की फसल की कटाई :-

उड़द की फसल बुवाई के 65 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है इसलिए ग्रीष्म ऋतु में कटाई मैं जून तथा वर्षा ऋतु की कटाई सितंबर अक्टूबर में जब फलियों का रंग काला पड़ने लगता है तो किया जाता है उसके बाद उसे सुखा लेते हैं बाद में हाथों से या डंडों द्वारा या थ्रेसर द्वारा फलियो के दाने को अलग कर दिया जाता है |

उड़द की खेती से प्राप्त उत्पादन :-

जाड़ा में उपज 10 से 12 कुंतल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है तथा खरीफ में 12 से 15 कुंतल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है भंडारण के लिए बीज को भंडारण करने से पहले अच्छी तरह से सुखा लेना चाहिए और बीच में 10% से नमी की अवस्था में ही भंडार कर सकते हैं सुखी नीम की पति को बीज में मिलाकर भंडारण करने से कीड़ों से सुरक्षा की जा सकती है |

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
उड़द की खेती करने का सही समय क्या है ?

यदि आप भी उड़द की खेती करना चाहते हैं तो इसकी खेती करने का सबसे उपयुक्त समय फरवरी से अगस्त का महीना होता है ज्यादा मौसम में खेती करने के लिए बीच की बुवाई फरवरी से मार्च में करें और गर्मी के मौसम में खेती करने के लिए बीच की बुवाई जून से जुलाई में करें |

एक एकड़ खेत में उड़द की कितनी पैदावार प्राप्त की जा सकती हैं ?

एक एकड़ खेत में चार से पांच क्विंटल की पैदावार की जा सकती है बाजार भाव के हिसाब से इसकी कीमत 40000 तक होती है |

उड़द के बीज की कीमत क्या है ?

उड़द के बीज की कीमत 70.40 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से मूंग और 69.65 रुपए के हिसाब से उड़द का बीज दिया जाएगा किसानों द्वारा खरीदे गए बीच का आधा पैसा खाते में भेज दिया जाएगा |

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