Anjir Ki Kheti : एक एकड़ में अंजीर की खेती करके कमाए 35 से 40 लाख का भरी मुनाफा

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका upagriculture के नई पोस्टअंजीर की खेती (Anjir Ki Kheti )  में आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको अंजीर की खेती (Anjir Ki Kheti) के बारे में बताएंगे यदि आप भी अंजीर की खेती (Anjir Ki Kheti ) करना चाहते हैं तो इस ब्लॉग  को अंत तक अवश्य पढ़े |

अंजीर की खेती (Anjir Ki Kheti )

Anjir Ki Kheti :अंजीर (Fig) एक प्रकार का स्वास्थ्यवर्धक फल होता है दूसरे फलों की अपेक्षा अंजीर के फलों में काफी मिठास होती है इसमें विटामिन ए ,बी, सी ,और कैल्शियम की भरपूर मात्रा उपलब्ध होती है लगातार अंजीर का सेवन करने से सर्दी ,जुकाम ,दमा,  स्तन कैंसर ,नपुंसकता और अपच जैसी बीमारियां नहीं उत्पन्न होती हैं व्यापारिक रूप से किया जाए तो अंजीर का फल बहुत महंगा होने के कारण अंजीर की खेती ( Anjir Ki Kheti ) करने वाले किसान काफी अधिक मात्रा में मुनाफा कमा रहे हैं |

अंजीर का फल हमारे सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होता है भारत देश में अंजीर की खेती ( Anjir Ki Kheti  ) कर्नाटक महाराष्ट्र तमिलनाडु गुजरात राजस्थान हरियाणा और उत्तर प्रदेश मैं अधिक मात्रा में की जाती है यदि जमीन पर अंजीर की खेती ( Anjir Ki Kheti ) करते हैं तो एक पौधों से 25 से 30 किलो तक फल प्राप्त होता है बाजार में अंजीर की कीमत 900 से ₹1000 प्रति किलो होती है |

इस हिसाब से 1 एकड़ में अंजीर की खेती ( Anjir Ki Kheti ) करके 28 से 30 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं अंजीर के पौधे को जमीन और गमले दोनों में उगा सकते हैं लखनऊ के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर के के श्रीवास्तव ने पहले बाग में अंजीर के पौधों को तैयार कर दिखाया जिस कारण अंजीर का पौधा गमले में लगाकर आपसे छत पर भी रखकर फल प्राप्त कर सकते हैं |

अंजीर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु ( Suitable climate for Anjir Ki Kheti )

अंजीर की खेती ( Anjir Ki Kheti ) करने के लिए शुष्क और आद्र जलवायु सबसे अच्छा होता है इसीलिए अंजीर की ज्यादातर किसने ऐसे इलाकों में उगाई जाती हैं जहाँ 40 डिग्री फॉरेनहाइट या 4 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपस्थित होता है अंजीर के फलों के विकास के लिए शुष्क वायुमंडल का होना आवश्यक होता है |

अंजीर के पौधे में फल फूल लगने के लिए गर्म सूखी और छाया रहित पोषण व गर्म शीतोष्ण परिस्थितियों का होना आवश्यक होता है अंजीर की खेती को विभिन्न प्रकार की जलवायु में कर सकते हैं लेकिन यदि आप अंजीर के पौधे को गर्म सूखी छाया रहित उपोषण या गरम शीतोष्ण परिस्थितियों में करते हैं तो उत्पादन अच्छा प्राप्त होता है |

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अंजीर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी ( Suitable soil for fig cultivation )

वैसे तो अंजीर की खेती ( Anjir Ki Kheti ) किसी भी प्रकार की मिट्टी में कर सकते हैं परंतु यदि आप अंजीर की खेती ( Anjir Ki Kheti ) उचित जल निकास वाली उपजाऊ दोमट मिट्टी मे करते हैं तो उत्पादन अच्छा प्राप्त होता है और अंजीर की खेती करने के लिए भूमि का पीएच मान 6 से 8 के बीच होना चाहिए

अंजीर की खेती के लिए खेतों की तैयारी ( Preparation of fields for Anjir Ki Kheti )

अंजीर की खेती ( Anjir Ki Kheti ) करने के लिए सबसे पहले खेतों की दो बार तिरछी जुताई कर देना चाहिए जिससे खेतों में पहले से उपस्थित अवशेष पूरी तरीके से नष्ट हो जाए और इसके बाद खेतों को रोटावेटर की सहायता से जुटाए करके मिट्टी को पूरी तरह से भुरभुरी कर देना चाहिए और फिर पता चला कर खेत को समतल कर लेना चाहिए इसके पश्चात 5 से 6 मी की दूरी पर गड्ढा बना ले और इन गधों में पौधों की रोपाई करने के बाद हल्की सिंचाई कर दें

अंजीर की खेती में प्रयुक्त होने वाले खाद्य और उर्वरक की मात्रा ( Amount of food and fertilizer used in fig cultivation )

अंजीर की खेती ( Anjir Ki Kheti ) में उर्वरक का प्रयोग मिट्टी की आवश्यकता अनुसार  करना चाहिए वैसे तो अंजीर की फसल एक ऐसी फसल होती है जिसका उत्पादन बिना उर्वरक के प्रयोग करके भी अच्छी मात्रा में प्राप्त कर सकते हैं अंजीर के 1 से 3 वर्ष के पौधे में 8 से 10 किलो गोबर की खाद और 3 वर्ष की आयु के पौधे को 18 से 25 किलो ग्राम गोबर की खाद प्रति पौधों में प्रत्येक वर्ष डाल देना चाहिए अच्छी फसल के लिए प्रतिवर्ष प्रत्येक वृक्ष में 20 से 30 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद डालना चाहिए |

यदि यह खाद जनवरी से फरवरी के महीने में डालते हैं तो अंजीर के पौधों के लिए काफी लाभदायक होता है और आपको यह भी बता दे की अंजीर के पौधों में कोई खास किट या बीमारी नहीं पाई जाती है परंतु कुछ परिस्थितियों ऐसी होती हैं दिन में पत्ते और चल को खाने वाले कीड़े का प्रकोप बढ़ जाता है इनको नियंत्रित करने के लिए 3 मिलीलीटर एंडोसल्फान या क्लोरोफायरीफोस को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर देना चाहिए |

अंजीर की खेती के लिए उन्नत किस्म का चयन (Selection of improved variety for Anjir Ki Kheti )

Anjir Ki Kheti

पंजाब अंजीर

इस किस्म के अंजीर में फलों का आकार बड़े और पीले रंग का होता है और यह पौधा लगभग 2 साल के बाद फल देना आरंभ कर देता इनके पौधों की लंबाई 12 से 15 फीट होती है 4 वर्षीय पौधों में फलों के पैदावार 15 से 17 किलोग्राम प्रति पौधे में होती है |

पुणे अंजीर

इस किस्म के अंजीर के फलों का आकार मध्य और पीले रंग का होता है 38 से 40 डिग्री तापमान होने पर उनके पौधों की बार-बार काफी अच्छी होती है और उनके पौधे 8 फीट लंबे और 2.5 तक चौड़े होते हैं इस किस्म के पौधे 1 साल के बाद फल देना प्रारंभ कर देते हैं |

पुणेरी अंजीर

इस किस्म के फल बहुत ही स्वादिष्ट और जामुनी रंग के होते हैं उनके पौधों की ऊंचाई 10 से 12 फीट तक होती है यह पौधे आद्रता के प्रति सहनशील होते हैं और इस किस्म के पौधों से प्रतिवर्ष 25 से 28 किलोग्राम तक फलों का उत्पादन प्राप्त होता है |

दिनकर अंजीर

इस किस्म के अंजीर के फलों का आकार मध्य और हल्के पीले रंग का होता है इनके पौधों से पहली बार फलों की पढ़ाई 3 वर्ष के बाद ही प्राप्त की जा सकती है इसकी खेती मुख्य रूप से महाराष्ट्र में की जाती है और प्रत्येक पौधों से प्रतिवर्ष 20 से 22 किलोग्राम तक अंजीर का उत्पादन प्राप्त होता है |

ब्राउन टर्की

इस किस्म के फल 22 में से 25 जून के मध्य प्रकार तैयार हो जाते हैं और उनके फल मध्यम आकार और जमीनी भूरे रंग के होते हैं प्रत्येक पौधों से प्रतिवर्ष 52 से 56 किलो ग्राम तक अंजीर का उत्पादन प्राप्त होता है |

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अंजीर के फसलों की सिंचाई ( Irrigation of fig crops )

अंजीर के पौधे को अत्यधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है जिस कारण से पौधे लगाने के बाद 4 से 6 दिन में एक सीमित मात्रा में पानी देने की आवश्यकता होती है और  यदि आप अंजीर के फसलों की सिचाई ड्रिप सिस्टम विधि द्वारा करते है तो समय  और पानी दोनों की बचत होगी |

अंजीर की खेती में फलों की तुड़ाई पैदावार और लाभ

अंजीर के फलों को पूरी तरह से पकाने के बाद ही तोड़ना चाहिए अंजीर के फलों का रंग किस्म के आधार पर अलग-अलग होता है परंतु फलों के पक जाने पर वह बहुत ही मुलायम दिखने लगता है उसे दौरान ही इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए अगस्त का महीना इनके फलों की तोड़ाई का सबसे अच्छा समय होता है तोड़ने के पश्चात उन्हें पानी से भरे बर्तन में रख लेना चाहिए तथा फलों को तुड़ाई दस्ताने पहनकर करना चाहिए क्योंकि इनके पौधों से निकलने वाला रस यदि आपके चेहरे पर लग जाता है तो स्किन रोग की समस्या उत्पन्न हो जाती है |

अंजीर के पौधों से फलों का उत्पादन किस्म के आधार पर अलग-अलग मात्रा में होती है  अंजीर की खेती (Anjir Ki Kheti ) के लिए एक हेक्टेयर खेत में लगभग 250 से 270 अंजीर के पौधे लगाए जा सकते हैं तथा एक पौधों से लगभग 22 किलो ग्राम तक अंजीर का फल प्राप्त होता है इस हिसाब अंजीर का बाजरी भाव गुणवत्ता के हिसाब से 800 से ₹1000 के मध्य पाया जाता है जिस हिसाब से किसान भाई एक हेक्टेयर के खेत में अंजीर की खेती (Anjir Ki Kheti ) करके 30 से 35 लाख तक का भारी मुनाफा कमा सकते हैं |

आशा करता हूं कि हमारे द्वारा प्रदान की गई जानकारी आपके लिए लाभप्रद साबित होगी खेती से जुड़ी और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट up agriculture पर विजिट करें |

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न

अंजीर का पौधा कितने वर्षों में फल देने योग्य हो जाता है ?

अंजीर का नया पौधा लगभग 2 से 3 वर्षों में फल देने योग्य हो जाता है और अंजीर के पौधों में लगे फल मई से लेकर अगस्त के बीच पक्कर तैयार हो जाते हैं |

अंजीर का पौधा किस महीने में लगाया जाता है ?

अंजीर का पौधा लगाने का सबसे उपयुक्त समय जुलाई से अगस्त का महीना होता है क्योंकि यह बारिश का मौसम होता है अंजीर के पौधों को लगाने के लिए सबसे पहले उसकी नर्सरी तैयार करनी पड़ती है |

एक हेक्टेयर खेत में कितने अंजीर के पौधे लगाए जा सकते हैं ?

1 हेक्टेयर खेत में लगभग 250 से 260 पौधे लगाई जा सकते हैं पौधों को लगाते समय यह अवश्य ध्यान दें कि पौधों से पौधों के बीच की दूरी 5 से 6 मीटर की होनी चाहिए |

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